Tuesday, July 16, 2024

राजस्थान के लिए पानी की ज़रूरत को के ए अब्बास साहिब ने भी समझा था

Tuesday 15 July 2024 at 07:51 PM

चौबीसों घण्टे पेयजल सप्लाई पर आयोजित हुई कार्यशाला

लेकिन अतीत में जाना होगा दो बूँद पानी की फिल्म देखने भी 


जयपुर
: 15 जुलाई 2024: (के के सिंह//राजस्थान स्क्रीन डेस्क):: 

जब राजस्थान में पानी का संकट बेहद गंभीर था .लोग बूँद बूँद पानी को तरसते थे। उस समय भी राजस्थान के लोगों की ज़िन्दगी के इस दर्द को बहुत जहां संवेदना से महसूस करने वाले लोग मौजूद थे। इनके प्रयासों को उस सफलता की नींव कहा जा सकता है जिस सफलता के अंतर्गत आज लोगों की बहुत बड़ी संख्या तक पानी पहुंच पा रहा है। इन्हीं संवेदनशील लोगों में एक जानेमाने बुद्धिजीवी थे जनाब ख्वाजा अहमद अब्बास।   

ख्वाज़ा अहमद अब्बास लेखन, पत्रकारिता और फिल्म संसार के एक जानेमाने नाम थे। उन्होंने एक फिल्म बनाई थी दो बूंद पानी। राजस्थान के  पानी लाने के लिए गांवों के आम लोगों ने क़ुरबानी की जिस भावना से काम लिया उसका अहसास दिलाती है यह फिल्म। पानी लाना कितना मुश्किल था। पहाड़ों को हटाना कितना मुश्किल था। डाईना माईट ही बस एक रास्ता था। लेकिन इस धमाके में भी जान जाने का खतरा था। अपने गांव तक नहर पहुंचाने के लिए गांव का जवान गंगा राम कहता है मैं करूंगा यह काम। गंगा सिंह की इस भूमिका को जलाल आगा ने बहुत कमाल से निभाया। 

गंगा सिंह की क़ुरबानी के बाद नहर का रास्ता तो बन जाता पर गांव में उसका इंतज़ार कर रही उसकी पत्नी गौरी दिन रात उसकी याद में तड़पती है। उसके राहें देखती है। इस मामले में गीत संगीत बहुत ही कमाल का है। उसे कुछ नहीं पता कि उसका गंगा राम तो नहर  क़ुरबानी दे गया। 

जब गांव का इंजीनियर और गौरी की ननद नहर के उदघाटन पर उसे लिवाने के लिए आते हैं तब का माहौल भी बहुत दर्द भरा है। गौरी पूछती है उसका गंगा कहां है? उसे जवाब नहीं मिलता। आखिर गौरी को लेकर नहर के शुभारम्भ वाले आयोजन में लेजाया जाता है। गौरी फिर पूछती है। उसका गंगा कहां है? वह नज़र क्यूं नहीं आ रहा। तब नहर इंजीनियर बाबू हुए गौरी की ननद कहते हैं ज़रा सामने देखो। दर्शकों को भी एक बारगी तो लगता है। अभी गंगा सामने से निकल आएगा। बस सामने देखो कहते ही पानी छोड़ने का बटन दबा दिया जाता है। गौरी सामने देख रही है। तब उछलते आ रहे नहर के पानी में निर्देशक ने उसके पति गंगा सिंह की छवि उसी पानी में दिखाई है। गौरी की भूमिका बहुत ही शानदार ढंग से निभाई है सिम्मी गरेवाल ने। उस समय के हालात और इस फिल्म को ज़हन में रखे बिना हां आज की उस ख़ुशी को भी न समझा पाएंगे जो आज के राजस्थान में 24 घंटे पेय जल की सप्लाई को लेकर पाई जा रही है। 


इस वर्कशाप की खबर के अवसर पर इस फिल्म का उल्लेख भी ज़रूरी था। राजस्थान नगरीय आधारभूत परियोजना (आरयूआईडीपी ) द्वारा चौबीसों घण्टे पेयजल सप्लाई पर कार्यशाला जयपुर शहर में आयोजित की गई।कार्यशाला में आरयूआईडीपी, रूडसिको और डी.एल.बी. के अभियन्ताओं ने भाग लिया। इसमें चौबीसों घण्टे पेयजल सप्लाई के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई और फील्ड से मिले अनुभवों को साझा किया गया। 

एडमिनिस्ट्रेटिव स्टॉफ कॉलेज ऑफ इंडिया, हैदराबाद के केन्द्र निदेशक प्रोफेसर एस. चारी ने मूलभूत सुधारों एवं आवश्कताओं पर विस्तार से समझाया। उन्होंने देश-विदेश की बेस्ट प्रेक्टिसेज और चौबीसों घण्टे पेयजल सप्लाई को प्राप्त कर चुके शहरों का उदाहरण देकर समस्याओं को हल करने का सुझाव दिया।

आरयूआईडीपी के अतिरिक्त परियोजना निदेशक (द्वितीय) डॉ. हेमन्त कुमार शर्मा ने कार्यशाला को परियोजना क्रियान्वयन ईकाईयों के अभियन्ता के लिए बहुत लाभकारी बताया और उन्हें बताया कि वे कार्यशाला में अपने अनुभव साझा करें और बेस्ट प्रेक्टिसेज से सीख लें। कार्यशाला में श्री गंगानगर, झुंझुनूं, पाली, टोंक, लक्ष्मणगढ़, सरदारशहर, कुचामन सिटी, बांसवाड़ा, सिरोही, आबू रोड़, मण्डावा व खेतडी परियोजना शहरों में कार्यरत अभियन्ताओं ने भाग लिया।  

 वाटको ( वाटर कॉर्पोरेशन ऑफ ओडिसा ) के  परियोजना प्रबंधक श्री चिन्मय त्रिपाठी ने ओडिसा के विभिन्न शहरों में सफलतापूर्वक चल रही  चौबीसों घण्टे पेयजल सप्लाई योजना को प्रेजेन्टेशन मे माध्यम से समझाया। डॉ. स्नेहलता ने हैदराबाद के घरों में नॉन रेवेन्यू वाटर को घटाने और उसमें जन सहभागिता, आई.ई.सी. और व्यवहार परिवर्तन गतिविधियों की भूमिका  को विस्तारपूर्वक समझाया। 

कार्यशाला में आरयूआईडीपी के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर (प्रथम)  श्री डी.के.मीणा, वित्तीय सलाहकार श्रीमती जिज्ञासा गौड़, अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री के. के. नाटाणी, उप-परियोजना निदेशक (तकनीकी) श्री कपिल गुप्ता, उप-परियोजना निदेषक (प्रशासन) श्री एस.एस. खिडिया एवं अन्य अभियन्ता मौजूद रहे।

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Friday, March 22, 2024

राजस्थान पुलिस अकादमी जयपुर में पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रमत

Friday 22 March  2024 at 09:09 AM

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा:

मतदान के लिए सुरक्षित और डर रहित वातावरण सुनिश्चित करना पुलिस का दायित्व


जयपुर: 22 मार्च 2024: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता ने कहा कि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपादित करने में पुलिसकर्मियों की भूमिका अहम है। प्रदेश के मतदाता बिना किसी लालच, हिचक और डर के अपना वोट दें, यह सुनिश्चित करना पुलिस का उत्तरदायित्व है । उन्होंने कहा कि लोकसभा निर्वाचन-2024 निर्बाध रूप से सम्पन्न हो इसके लिए पुलिस विभाग अन्य विभागों के साथ आपसी सामंजस्य के साथ काम करे। साथ ही प्रदेश में संवेदनशील और क्रिटिकल बूथों की पहचान कर वहां शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने के लिए योजनाद्ध रूप से पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित करें।  

श्री गुप्ता आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए), जयपुर में आयोजित पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह संभावित अप्रिय हालातों के लिए पहले से ही तैयार रहे ताकि समय रहते उन्हें रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए त्वरित आपसी संचार और सूचना तंत्र सुदृढ़ होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि त्वरित और सही दिशा में सूचनाओं के आदान-प्रदान से किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहली बार चुनाव के दौरान इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अब तक 40 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि लोकसभा निर्वाचन 2024 के सफल आयोजन के लिए निर्वाचन विभाग द्वारा पुलिस अधिकारियों के लिए हैंडबुक भी जारी की गई है। इसमें पुलिस कर्मियों की सहायता के लिए चुनाव से संबंधित नियम, विधियां और दिशा-निर्देश शामिल किये गए हैं। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों से इस हैण्डबूक को ध्यानपूर्वक पढ़ने तथा अनुसरण करने के लिए कहा। श्री गुप्ता ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किये जाने वाले सर्कुलर, हैंडबुक, प्रोटोकॉल और मैनुअल को भी पढ़ने के लिए कहा। उन्होंने चुनाव के 48 घण्टे पहले के साइलेंस पीरियड पर विशेष सावधानी बरतने तथा तदनुसार व्यवस्थाएं करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। 

श्री गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे प्रतिदिन लॉ ऑर्डर रिपोर्ट बनाकर आयोग के समक्ष प्रस्तुत  करें। उन्होंने कहा कि रेपिड एक्शन टीम धमकाने, घूसखोरी, साम्प्रदायिक संघर्ष और भ्रष्टाचार के मामलों को गंभीरता से लेते हुए इसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित करे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से बेहतर मॉनिटरिंग के प्रयास किये जाने चाहिये, ताकि चुनाव प्रक्रिया का शांतिपूर्ण संपादन किया जा सके। 

उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मी अपने कर्तव्य के साथ-साथ मतदाता होने के अपने कर्तव्य का भी पालन कर सकें, इसके लिए उन्हें डाक मतपत्र की सुविधा दी गई है। श्री गुप्ता ने सभी अधिकारियों से ईवीएम प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ईवीएम की सुरक्षा और भंडारण संवेदनशील कार्य है, जिसे पूरी जिम्मेदारी से किया जाए। उन्होंने गत राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान सी-विजिल मोबाइल एप्लिकेशन की सफलता की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में यह एप काफी कारगर साबित हुआ है। इस एप के माध्यम से शिकायतों का त्वरित निस्तारण संभव हुआ है। 

अतिरिक्त महानिदेशक  पुलिस (प्रशिक्षण) श्रीमती मालिनी अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में चुनाव संपादित करने के लिए बड़ी संख्या में मानव संसाधन को नियोजित करना होता है। उन्होंने कहा कि बेहतरीन संसाधन प्रबंधन से ही निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपादित करने में सफलता हासिल की जा सकती है। 

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एण्ड ऑर्डर) श्री विशाल बंसल ने कहा कि पुलिस आदर्श आचार संहिता की पालना किया जाना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि चुनौतिपूर्ण और संवेदनशील बूथों पर पुलिस की विशेष व्यवस्था की जाए। 

पुलिस महानिरीक्षक श्री अनिल कुमार टांक ने अधिकारियों को सफल चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रत्येक बूथ पर आवश्यकता अनुसार योजनाबद्ध तरीके से पुलिस तैनाती किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। 

प्रशिक्षण कार्यक्रम में उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री आलोक जैन सहित पुलिस के आला अधिकारी शामिल थे। कुछ अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया।

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