Friday, April 25, 2025

डूंगरपुर में पीएम आवास लाभार्थी रेखा रोत के घर हुआ गृह प्रवेश समारोह

छाया चौबीसा,सहायक निदेशक ,सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय डूंगरपुर//गुरूवार दिनांक 24 अप्रेल 2025

पंचायती राज दिवस पर कराया ढोल ढमाकों, विधि विधान से गृह प्रवेश


डूंगरपुर
: 24 अप्रैल 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

अभी भी देश और दुनिया में बहुत से लोग हैं जिनके पास ऐसी छत नहीं है जिसे घर कहा जा सके। बसेरा कहा जा सका या फिर जहां थक हार कर लौट आने से लगे कि बस यही है अपनी दुनिया। ऐसे लोगों को घर देने का संकल्प किया था मुख्यमंत्री का। इसे पूरा करना आसान नहीं था। यह एक ऐसा सपना था जिसे साकार करना सचमुच बहुत मुश्किल था। इसके बावजूद मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा दृढ़ता से इस पर अडिग थे। आखिर मेहनत रंग लाई। सपना साकार होने का वक़्त आया। खुशियों ने लाभार्थी  रेखा का दरवाज़ा खटखटाया।  

डूंगरपुर में उस दिन सारा इलाका ही खुश था। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के प्रदेश में सुशासन देने तथा हर गरीब का सपना साकार करने की दिशा में कार्य करते हुए डूंगरपुर में प्रधानमंत्री आवास लाभार्थी रेखा के घर प्रशासन के साथ पहुंचा तथा गृह वास्तु कराकर गृह प्रवेश करवाया गया। 

उस दिन विशेष दिन ही था। पंचायतीराज के स्थापना दिवस 24 अप्रेल, 2025 का दिन रेखा पत्नि तुलसी राम रोत निवासी खेरवाडा सिदडी का दिन किसी सपने से कम नहीं था, जिसके आंगन में जिला परिषद डूंगरपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हनुमान सिंह राठौड की अगुवाई में सभी पंचायत राज विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारी के साथ ढोल ढमाकों के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित लाभार्थी रेखा के घर गृह प्रवेश करवाने पहुंचे। माहौल बहुत ही यादगारी बन पड़ा।

इस शुभ अवसर पर वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ आवास चाबी, दीवार घडी और दौडते घोडों से युक्त तस्वीर भेंट कर महेष ओझा अधिशासी अधिकारी महानरेगा, पंचायत समिति के विकास अधिकारी प्रवीण सिंह राव, प्रधानमंत्री आवास के प्रभारी गौरी शंकर कटारा, मनरेगा प्रभारी श्याम सुन्दर पाटीदार, आवास शाखा से मोहन लाल यादव, भावेश जोशी , ग्राम पंचायत सिदडी खेरवाडा के प्रशासक गोदावरी देवी, वार्ड पंच भूरी देवी परमार ग्राम विकास अधिकारी लीला बुझ, लोकेश डिंडोर , रमेश कटारा कनिष्ठ सहायक, समाजसेवी बाबुलाल परमार, भगवान परमार, मावजी कटारा, मोहन कटारा सहित डायालाल परमार की मौजूदगी में गृह प्रवेश करवाया गया। ख़ुशी के आंसुओं से मन भरा हुआ था। 

इस का लाभ उठाने वाली रेखा के परिवार के साथ गृह वास्तु के बाद सभी ने पंगत में बैठ कर परम्परागत भोज लपसी, दाल चावल का सेवन किया। भोजन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा निःशुल्क की गई। रेखा के दो बेटे और दो बेटियों के चेहरे पर खुशी देखते ही बनती थी। इससे पूर्व लाभार्थी रेखा को शॉल और उपर्णा भेट कर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने समय पर प्रधान मंत्री आवास पूर्ण करने की बधाई दी तथा बच्चों को साफा एवं माल्यापर्ण कर शुभकामनाएं प्रदान की। एक नई दुनिया का निर्माण हुआ था। स्वर्ग सा सुंदर घर सामने था। 

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास लाभार्थी को वर्ष 2024-25 में प्रथम किश्त 15000 द्वितीय किश्त 45000 तृतीय किश्त 60000 कुल 120000 रूपये एवं महानरेगा योजना में 90 दिवस का 23940 रूपया प्रदान किया। बस कुछ ही पड़ावों में यह सपना साकार कर लिया गया। 

उम्र का लंबा हिस्सा संघर्षों में काटने वाली रेखा बहुत प्रसन्नता से बताती है कि सरकार ने मेरा सपना साकार किया।  अनुमान लगाइये रेखा की खुशियों का। 

संघर्षों के बाद मिली ख़ुशी की चमक भी अलग ही होती है। लाभार्थी रेखा ने बताया कि गरीब के घर के वास्तु का सपना, सपना ही रह जाता है लेकिन प्रशासन ने बिना कोई खर्च करवाये वास्तु करवाया, आसपास के परिवारों और बच्चों के साथ जीमण करवाया, श्रीफल, दीवार घडी की भेंट देकर  सरकार ने मेरा और मेरे परिवार का जो सपना पूरा किया है, इसे वह ताउम्र नहीं भूल पायेगी। 

इस बहुत बड़ी मानवीय उपलब्धि के बावजूद अभी यह देखना बाकी है कि कितने और परिवार इस सुविधा से वंचित हैं? कितने लोगों के पास सिर छुपाने की छत नहीं है? अभी सफर लंबा है। चले चलो कि वह मंज़िल अभी नहीं आई...! 

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Tuesday, July 16, 2024

राजस्थान के लिए पानी की ज़रूरत को के ए अब्बास साहिब ने भी समझा था

Tuesday 15 July 2024 at 07:51 PM

चौबीसों घण्टे पेयजल सप्लाई पर आयोजित हुई कार्यशाला

लेकिन अतीत में जाना होगा दो बूँद पानी की फिल्म देखने भी 


जयपुर
: 15 जुलाई 2024: (के के सिंह//राजस्थान स्क्रीन डेस्क):: 

जब राजस्थान में पानी का संकट बेहद गंभीर था .लोग बूँद बूँद पानी को तरसते थे। उस समय भी राजस्थान के लोगों की ज़िन्दगी के इस दर्द को बहुत जहां संवेदना से महसूस करने वाले लोग मौजूद थे। इनके प्रयासों को उस सफलता की नींव कहा जा सकता है जिस सफलता के अंतर्गत आज लोगों की बहुत बड़ी संख्या तक पानी पहुंच पा रहा है। इन्हीं संवेदनशील लोगों में एक जानेमाने बुद्धिजीवी थे जनाब ख्वाजा अहमद अब्बास।   

ख्वाज़ा अहमद अब्बास लेखन, पत्रकारिता और फिल्म संसार के एक जानेमाने नाम थे। उन्होंने एक फिल्म बनाई थी दो बूंद पानी। राजस्थान के  पानी लाने के लिए गांवों के आम लोगों ने क़ुरबानी की जिस भावना से काम लिया उसका अहसास दिलाती है यह फिल्म। पानी लाना कितना मुश्किल था। पहाड़ों को हटाना कितना मुश्किल था। डाईना माईट ही बस एक रास्ता था। लेकिन इस धमाके में भी जान जाने का खतरा था। अपने गांव तक नहर पहुंचाने के लिए गांव का जवान गंगा राम कहता है मैं करूंगा यह काम। गंगा सिंह की इस भूमिका को जलाल आगा ने बहुत कमाल से निभाया। 

गंगा सिंह की क़ुरबानी के बाद नहर का रास्ता तो बन जाता पर गांव में उसका इंतज़ार कर रही उसकी पत्नी गौरी दिन रात उसकी याद में तड़पती है। उसके राहें देखती है। इस मामले में गीत संगीत बहुत ही कमाल का है। उसे कुछ नहीं पता कि उसका गंगा राम तो नहर  क़ुरबानी दे गया। 

जब गांव का इंजीनियर और गौरी की ननद नहर के उदघाटन पर उसे लिवाने के लिए आते हैं तब का माहौल भी बहुत दर्द भरा है। गौरी पूछती है उसका गंगा कहां है? उसे जवाब नहीं मिलता। आखिर गौरी को लेकर नहर के शुभारम्भ वाले आयोजन में लेजाया जाता है। गौरी फिर पूछती है। उसका गंगा कहां है? वह नज़र क्यूं नहीं आ रहा। तब नहर इंजीनियर बाबू हुए गौरी की ननद कहते हैं ज़रा सामने देखो। दर्शकों को भी एक बारगी तो लगता है। अभी गंगा सामने से निकल आएगा। बस सामने देखो कहते ही पानी छोड़ने का बटन दबा दिया जाता है। गौरी सामने देख रही है। तब उछलते आ रहे नहर के पानी में निर्देशक ने उसके पति गंगा सिंह की छवि उसी पानी में दिखाई है। गौरी की भूमिका बहुत ही शानदार ढंग से निभाई है सिम्मी गरेवाल ने। उस समय के हालात और इस फिल्म को ज़हन में रखे बिना हां आज की उस ख़ुशी को भी न समझा पाएंगे जो आज के राजस्थान में 24 घंटे पेय जल की सप्लाई को लेकर पाई जा रही है। 


इस वर्कशाप की खबर के अवसर पर इस फिल्म का उल्लेख भी ज़रूरी था। राजस्थान नगरीय आधारभूत परियोजना (आरयूआईडीपी ) द्वारा चौबीसों घण्टे पेयजल सप्लाई पर कार्यशाला जयपुर शहर में आयोजित की गई।कार्यशाला में आरयूआईडीपी, रूडसिको और डी.एल.बी. के अभियन्ताओं ने भाग लिया। इसमें चौबीसों घण्टे पेयजल सप्लाई के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई और फील्ड से मिले अनुभवों को साझा किया गया। 

एडमिनिस्ट्रेटिव स्टॉफ कॉलेज ऑफ इंडिया, हैदराबाद के केन्द्र निदेशक प्रोफेसर एस. चारी ने मूलभूत सुधारों एवं आवश्कताओं पर विस्तार से समझाया। उन्होंने देश-विदेश की बेस्ट प्रेक्टिसेज और चौबीसों घण्टे पेयजल सप्लाई को प्राप्त कर चुके शहरों का उदाहरण देकर समस्याओं को हल करने का सुझाव दिया।

आरयूआईडीपी के अतिरिक्त परियोजना निदेशक (द्वितीय) डॉ. हेमन्त कुमार शर्मा ने कार्यशाला को परियोजना क्रियान्वयन ईकाईयों के अभियन्ता के लिए बहुत लाभकारी बताया और उन्हें बताया कि वे कार्यशाला में अपने अनुभव साझा करें और बेस्ट प्रेक्टिसेज से सीख लें। कार्यशाला में श्री गंगानगर, झुंझुनूं, पाली, टोंक, लक्ष्मणगढ़, सरदारशहर, कुचामन सिटी, बांसवाड़ा, सिरोही, आबू रोड़, मण्डावा व खेतडी परियोजना शहरों में कार्यरत अभियन्ताओं ने भाग लिया।  

 वाटको ( वाटर कॉर्पोरेशन ऑफ ओडिसा ) के  परियोजना प्रबंधक श्री चिन्मय त्रिपाठी ने ओडिसा के विभिन्न शहरों में सफलतापूर्वक चल रही  चौबीसों घण्टे पेयजल सप्लाई योजना को प्रेजेन्टेशन मे माध्यम से समझाया। डॉ. स्नेहलता ने हैदराबाद के घरों में नॉन रेवेन्यू वाटर को घटाने और उसमें जन सहभागिता, आई.ई.सी. और व्यवहार परिवर्तन गतिविधियों की भूमिका  को विस्तारपूर्वक समझाया। 

कार्यशाला में आरयूआईडीपी के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर (प्रथम)  श्री डी.के.मीणा, वित्तीय सलाहकार श्रीमती जिज्ञासा गौड़, अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री के. के. नाटाणी, उप-परियोजना निदेशक (तकनीकी) श्री कपिल गुप्ता, उप-परियोजना निदेषक (प्रशासन) श्री एस.एस. खिडिया एवं अन्य अभियन्ता मौजूद रहे।

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Friday, March 22, 2024

राजस्थान पुलिस अकादमी जयपुर में पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रमत

Friday 22 March  2024 at 09:09 AM

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा:

मतदान के लिए सुरक्षित और डर रहित वातावरण सुनिश्चित करना पुलिस का दायित्व


जयपुर: 22 मार्च 2024: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता ने कहा कि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपादित करने में पुलिसकर्मियों की भूमिका अहम है। प्रदेश के मतदाता बिना किसी लालच, हिचक और डर के अपना वोट दें, यह सुनिश्चित करना पुलिस का उत्तरदायित्व है । उन्होंने कहा कि लोकसभा निर्वाचन-2024 निर्बाध रूप से सम्पन्न हो इसके लिए पुलिस विभाग अन्य विभागों के साथ आपसी सामंजस्य के साथ काम करे। साथ ही प्रदेश में संवेदनशील और क्रिटिकल बूथों की पहचान कर वहां शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने के लिए योजनाद्ध रूप से पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित करें।  

श्री गुप्ता आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए), जयपुर में आयोजित पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह संभावित अप्रिय हालातों के लिए पहले से ही तैयार रहे ताकि समय रहते उन्हें रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए त्वरित आपसी संचार और सूचना तंत्र सुदृढ़ होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि त्वरित और सही दिशा में सूचनाओं के आदान-प्रदान से किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहली बार चुनाव के दौरान इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अब तक 40 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि लोकसभा निर्वाचन 2024 के सफल आयोजन के लिए निर्वाचन विभाग द्वारा पुलिस अधिकारियों के लिए हैंडबुक भी जारी की गई है। इसमें पुलिस कर्मियों की सहायता के लिए चुनाव से संबंधित नियम, विधियां और दिशा-निर्देश शामिल किये गए हैं। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों से इस हैण्डबूक को ध्यानपूर्वक पढ़ने तथा अनुसरण करने के लिए कहा। श्री गुप्ता ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किये जाने वाले सर्कुलर, हैंडबुक, प्रोटोकॉल और मैनुअल को भी पढ़ने के लिए कहा। उन्होंने चुनाव के 48 घण्टे पहले के साइलेंस पीरियड पर विशेष सावधानी बरतने तथा तदनुसार व्यवस्थाएं करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। 

श्री गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे प्रतिदिन लॉ ऑर्डर रिपोर्ट बनाकर आयोग के समक्ष प्रस्तुत  करें। उन्होंने कहा कि रेपिड एक्शन टीम धमकाने, घूसखोरी, साम्प्रदायिक संघर्ष और भ्रष्टाचार के मामलों को गंभीरता से लेते हुए इसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित करे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से बेहतर मॉनिटरिंग के प्रयास किये जाने चाहिये, ताकि चुनाव प्रक्रिया का शांतिपूर्ण संपादन किया जा सके। 

उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मी अपने कर्तव्य के साथ-साथ मतदाता होने के अपने कर्तव्य का भी पालन कर सकें, इसके लिए उन्हें डाक मतपत्र की सुविधा दी गई है। श्री गुप्ता ने सभी अधिकारियों से ईवीएम प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ईवीएम की सुरक्षा और भंडारण संवेदनशील कार्य है, जिसे पूरी जिम्मेदारी से किया जाए। उन्होंने गत राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान सी-विजिल मोबाइल एप्लिकेशन की सफलता की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में यह एप काफी कारगर साबित हुआ है। इस एप के माध्यम से शिकायतों का त्वरित निस्तारण संभव हुआ है। 

अतिरिक्त महानिदेशक  पुलिस (प्रशिक्षण) श्रीमती मालिनी अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में चुनाव संपादित करने के लिए बड़ी संख्या में मानव संसाधन को नियोजित करना होता है। उन्होंने कहा कि बेहतरीन संसाधन प्रबंधन से ही निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपादित करने में सफलता हासिल की जा सकती है। 

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एण्ड ऑर्डर) श्री विशाल बंसल ने कहा कि पुलिस आदर्श आचार संहिता की पालना किया जाना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि चुनौतिपूर्ण और संवेदनशील बूथों पर पुलिस की विशेष व्यवस्था की जाए। 

पुलिस महानिरीक्षक श्री अनिल कुमार टांक ने अधिकारियों को सफल चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रत्येक बूथ पर आवश्यकता अनुसार योजनाबद्ध तरीके से पुलिस तैनाती किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। 

प्रशिक्षण कार्यक्रम में उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री आलोक जैन सहित पुलिस के आला अधिकारी शामिल थे। कुछ अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया।

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Friday, December 1, 2023

विश्व एड्स दिवस पर राजस्थान में भी विशेष संकल्प लिया गया

Friday: 1st December  2023 at 07:55 PM

एड्स पर नियंत्रण के लिए बढ़ाई जाएगी सामुदायिक सहभागिता


जयपुर: 01 दिसम्बर 2023: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::
विश्व ऐडस दिवस के मौके पर दुनिया भर में विशेष आयोजन हुए। इस से सतर्क रहने और पूरी तरह से ध्यान रखने की आवश्यकता अभी भी मौजूद है। इसी चेतना को और अधिक फैलाने के लिए दुनिया भर में विभिन्न संगठन इस दिशा में सक्रिय रहते हैं। देश और दुनिया के कई हिस्सों की तरह राजस्थान में इस मौके पर विशेष संकल्प लिया गया। 

विश्व एड्स दिवस के अवसर पर शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में राजस्थान एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर थे। निदेशक एड्स डॉ. सुशील कुमार परमार ने अध्यक्षता की। इस दौरान प्रदेशभर में एड्स नियंत्रण एवं जागरूकता कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों, संस्थाओं एवं स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

निदेशक जनस्वास्थ्य ने कहा कि इस वर्ष विश्व एड्स दिवस की थीम ‘‘लेट कम्यूनिटीज लीड’’ निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य एड्स कन्ट्रोल कार्यक्रम में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाना है। उन्होंने सभी संस्थाओं एवं कार्मिकों से इस बीमारी से पीड़ित लोगों के उपचार, उनके अधिकारों की रक्षा एवं गुणवत्तापूर्ण देखभाल का संकल्प लेने की अपील की।

डॉ. माथुर ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में एचआईवी से संक्रमित लगभग 59 हजार लोग उपचार ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के एचआईवी संक्रमित होने पर उसकी प्राइवेसी और आमजन की नकारात्मक सोच एक चिंता का विषय रहता है। उन्होंने इसके लिए विशेष जागरूकता अभियान संचालित करने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही एड्स पीड़ित व्यक्ति के परिजनों की भी स्क्रीनिंग एवं जांच करवाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

निदेशक एड्स डॉ. सुशील परमार ने बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत वर्तमान चरण में युवाओं को अति संवेदनशील गु्रप के रूप चिन्हित किया गया है। प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में लगभग 755 रेड रिबन क्लब स्थापित किए गए हैं। इनका उद्देश्य युवाओं में एचआईवी एड्स के बारे में परस्पर सहयोग, समन्वय एवं समझ तैयार करना है। एचआईवी एड्स के साथ जी रहे लोगों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की 24ग्7 हैल्पलाइन 1097 पर 15 भाषाओं में गोपनीयता के साथ एचआईवी संबंधी समस्त जानकारी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही गूगल प्ले स्टोर से नाको एड्स एप डाउनलोड करके भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

इस अवसर पर राज्य टीबी अधिकारी डॉ. विनोद गर्ग, एसएमएस एआरटी सेन्टर के प्रभारी डॉ. अभिषेक अग्रवाल सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण एवं एड्स नियंत्रण क्षेत्र में कार्य कर रहे कार्मिक उपस्थित थे।

Sunday, October 1, 2023

राजस्थान रोडवेज का 60वां स्थापना दिवस जोशो खरोश से मनाया गया

रविवार: 01 अक्टूबर 2023: 03:54 PM

इसे आगे ले जाने के लिये कर्मचारी तय करें स्वयं की जिम्मेदारी-अध्यक्ष

श्रेष्ठ कार्य करने के लिए कर्मचारी-अधिकारी एवं कार्मिकों के प्रतिभावान बच्चे हुए सम्मानित


जयपुर
: 01 अक्टूबर 2023: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

राजस्थान राजकीय रोडवेज भी जनता का विश्वास है जो डयूटी को डयूटी समझते हुए हर पल आम जनता के लिए परिवहन सेवाएं प्रदान करते हैं। इन सेवाओं का संचालन इन्हीं की मेहनत और प्रतिबद्धता से होता है। दिन हो रात, अंधी हो या तूफ़ान ये लोग दूर दर्ज की मंज़िलों तक लोगों की सही वक्त पर पहुँचाने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ते। 

इस अवसर पर राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष श्री आनन्द कुमार ने कहा कि रोडवेज पर जनता का विश्वास है। इसको बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रबन्धन के साथ-साथ सभी कर्मचारियों की भी है। इसके विकास के लिए कर्मचारियों को आगे बढकर हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा हर वर्ष रोडवेज की राजस्व हानि की भरपाई कर इसकी बेहतरी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। 

निगम अध्यक्ष रविवार को राजस्थान रोडवेज मुख्यालय पर निगम के 60वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रोडवेज ने हर परिस्थिति में चाहे लक्खी मेलों का आयोजन हो या प्रतियोगी परीक्षा में परीक्षार्थियों को निःशुल्क यात्रा, सदैव श्रेष्ठ प्रबन्धन का उदाहरण पेश किया है। उन्होंने समारोह के आयोजन के लिये प्रबन्ध निदेशक श्री नथमल डिडेल की पहल को सराहनीय बताते हुए श्रेष्ठ परिणाम देने वाले कार्मिकों और उनके प्रतिभाशाली बच्चों को शुभकामनाएं दी। 

इस परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री नथमल डिडेल ने कहा कि रोडवेज हर विकट परिस्थितियों में आमजन के लिए वरदान साबित हुई है। रोडवेज प्रबन्धन ने अपने निरन्तर प्रयासों से राजस्व हानि को कम किया है एवं आरजीएचएस और ओपीएस जैसी सुविधाएं कार्मिकों को उपलब्ध कराई गई है।   

इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने के लिए कर्मचारी-अधिकारी एवं कार्मिकों के प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित भी किया गया। इस तरह इस  ये समय रोडवेज कर्मियों के पूरे परिवारों लिए भी यादगारी बन गया। 

निगम की कार्यकारी निदेशक (प्रशासन) श्रीमती अनीता मीना ने बताया कि सर्वाधिक डीजल औसत देने के लिए बाड़मेर आगार को प्रथम पुरस्कार एवं जयपुर व तिजारा आगारों को द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया गया। संचालन के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए भी पुरस्कार दिये गये। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले निगम कार्मिकों एवं उनके मेधावी बच्चों को सम्मानित किया गया। 

इस अवसर पर निगम के कार्यकारी निदेशक (यातायात) श्री संजीव कुमार पाण्डेय, वित्तीय सलाहकार श्री रामगोपाल पारीक, निगम संगठनों से जुडे प्रतिनिधि और बड़ी संख्या कर्मचारी व अधिकारी मौजूद रहें।   

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Friday, August 18, 2023

NLC इंडिया लिमिटेड और राजस्थान में विद्युत उपयोग समझौता

प्रविष्टि तिथि: 18 AUG 2023 11:46AM by PIB Delhi

अगले 25 वर्षों तक राजस्थान को  300 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए समझौता

यह परियोजना देगी हर साल 0.726 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने में मदद 

नई दिल्ली//जयपुर: 18 अगस्त 2023: (पीआईबी//राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

एनएलसी इंडिया लिमिटेड, कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है, ने राजस्थान में सीपीएसयू योजना के तहत 300 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के साथ दीर्घकालिक विद्युत उपयोग समझौता किया है।    

एनएलसीआईएल के पास वर्तमान में 1,421 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता है। कंपनी की कॉरपोरेट योजना के अनुसार वह 2030 तक 6,031 मेगावाट क्षमता स्थापित करने पर विचार कर रही है।

कंपनी ने प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरईडीए) द्वारा शुरू की गई सीपीएसयू योजना चरण-II की कड़ी-III में 510 मेगावाट सौर परियोजना क्षमता हासिल की है। राजस्थान के बीकानेर जिले के बरसिंगसर में 300 मेगावाट सौर परियोजना क्षमता कार्यान्वित की जा रही है। इस परियोजना के लिए ईपीसी अनुबंध प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से मेसर्स टाटा पावर सोलर सिस्टम को दिया गया है।

300 मेगावाट सौर परियोजना के लिए विद्युत उपयोग समझौते (पीयूए) पर एनएलसी इंडिया लिमिटेड और राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (आरयूवीएनएल) के बीच 17 अगस्त 2023 को जयपुर में आरयूवीएनएल के निदेशक (वित्त) श्री डी.के. जैन और एनएलसी इंडिया लिमिटेड के जीएम (पीबीडी) श्री डी. पी. सिंह ने राजस्थान सरकार के प्रधान सचिव (ऊर्जा) श्री भास्कर ए सावंत, आरयूवीएनएल के प्रबंध निदेशक श्री एमएम रणवा और एनएलसी इंडिया लिमिटेड के सीएमडी श्री प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली, एनएलसीआईएल के ईडी (वित्त) श्री मुकेश अग्रवाल, बरसिंगसर के प्रोजेक्ट हेड श्री जगदीश चंद्र मजूमदार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में राजस्थान सरकार को अगले 25 वर्षों तक आपूर्ति के लिए हस्ताक्षर किए।

इस परियोजना से प्रतिवर्ष 750 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया जाएगा और उत्पादित कुल हरित विद्युत राजस्थान को आपूर्ति की जाएगी। यह परियोजना राजस्थान को उनके नवीकरणीय ऊर्जा खरीद दायित्व लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी।

इस परियोजना से उत्पन्न विद्युत से हर साल 0.726 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने में मदद करेगी। नवीकरणीय ऊर्जा के संबंध में, तमिलनाडु में वर्तमान में 1.40 गीगावॉट क्षमता के अतिरिक्त, पहली बार एनएलसीआईएल अन्य राज्यों में इस क्षमता का विस्तार कर रहा है।

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एमजी/एमएस/आरपी/एसके/एजे//(रिलीज़ आईडी: 1950068)

Friday, June 23, 2023

राजस्थान के लोक गीत संगीत में एक विशेष जादू है

यह गीत संगीत मन की भाषा को बहुत खूबसूरती से सामने लाता है 


श्री गंगा नगर
: 23 जून 2023: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

राजस्थान के लोकगीत और संगीत में कोई ऐसा जादू है जो उन लोगों को भी अपनी तरफ शिद्दत से आकर्षित करता है जिन्होंने इसे पहली बार सुना होता है। इस गीतन संगीत में एक अलग ही तरह का आकर्षण है जो आपको हर बोल के साथ अपना बनाता चला जाता है। हर शब्द मन में कुछ अहसास जगाता है। 

राजस्थान के लोकगीत और संगीत में छुपे हुए प्रभाव वास्तव में मानवीय अनुभव, सांस्कृतिक धार्मिकता और प्रकृति के साथ मिलकर एक विविधतापूर्ण और प्रशांत माहौल प्रदान करते हैं। इन गीतों के माध्यम से राजस्थानी जनता अपनी भूमिका, संस्कृति, प्रेम, गर्व और जीवन के विभिन्न पहलुओं को व्यक्त करती है। इन गीतों में राजस्थान के जनजीवन और सांस्कृति का भी अहसास होता है। इन गीतों को सुनते सुनते व्यक्ति राजस्थान के जनजीवन की  कथाओं में खो जाता है। इन गीतों की कल्पना ही राजस्थान के इतिहास में छुपी हुई बहादुरी का परिचय करवाने लगती है। इन्दगी के उसी रंग में रंगति हुई वहीँ पर ले जाती है।  

शायद इसकी एक वजह यह भी हो कि राजस्थान के लोक गीतों में सदियों से प्रचलित रागों और तालों का बहुत ही सूंदर  प्रयोग होता है। ये गीत आमतौर पर देसी भाषा में गाए जाते हैं और संगीत, ताल, गीतकारी और गायकी में स्थानीय परंपराओं का पालन करते हैं। जिस जिस ने भी इस गीत संगीत को कभी कभर भी सुना है वह इस बात को अच्छी तरह जनता समझता है। यहां कुछ प्रसिद्ध राजस्थानी लोकगीतों के उदाहरण दिए गए हैं:

बहुत से अन्य प्रेम गीतों की तरह "ओ राणी" भी काफी गाया जाता है। यह एक प्रसिद्ध राजस्थानी लोकगीत है जिसमें प्रेम और प्रेमिका के बीच की कठिनाईयों को बहुत ही सुंदरता से ब्यान किया गया है। इसमें प्रेम की शिद्दत एक भी अहसास होता है और समाज से जुडी दीवारों का भी। समाज से संघर्ष करते हुए कैसे पाना है अपना प्रेम इसका अहसास करवाते हैं राजस्थानी गीत। 

इसी तरह "गोरी नागोरी"-यह एक राजस्थानी लोकगीत है जिसमें गोरा और नागोरी की प्रेम कहानी का वर्णन किया गया है। सभी विवादों के बावजूद इस गीत की जानीमानी गायका गोरी ने ख्याति की शिखरें छुई और बार बार छुईं। गोरी इन लोकगीतों के ज़रिए अपनी कला एयर गायन के प्रदर्शन को गांव की चौपाल से निकाल कर यूनिवर्स्टियों तक ले गई। गोरी नागौरी को बचपन से ही डांस में काफी रूचि थी। 9 वर्ष की उम्र में उन्होंने डांस सीखना शुरू कर दिया था। गौरतलब है कि वह अपने स्कूल में होने वाली डांस प्रतियोगिता में बढ़ चढ़-कर हिस्सा लिया करती थी। श्रोताओं और दर्शकों से मिलने वाली प्रशंसा के चलते वह अपनी कला में निखार लाती गई। जिस जिस बात को आम जनता पसंद करती रही हर उस बात गोरी नेअपनाया और अपनी कला में बहुत ही खूबसूरती से दिखाया।  वह राजस्थानी गीतों पर बोल्ड डांस करने के लिए फेमस हैं। उन्हें अक्सर कई मंचों पर बोल्ड डांस करते हुए देखा जाता है। वह हरियाणा की  सपना चौधरी की तरह राजस्थान में प्रसिद्ध है। वह राजस्थानी और हरियाणवी गानों पर अनोखे तरीके से डांस करती है। एक बार जब गोरी नागौरी ने टीवी पर शकीरा का डांस देखा तब वो उनसे इतनी प्रभावित हुईं कि, गोरी ने शकीरा के डांस स्टेप्स को फॉलो करना शुरु कर दिया। उनका डांस कोलंबिया की सिंगर-डांसर शकीरा से काफी मिलता जुलता है, इसलिए गोरी नागौरी को लोग राजस्थानी शकीरा कहकर भुलाते हैं।

एक और गीत "केसरिया बालम" भी बहुत लोकप्रिय हुआ है। इसकी भी अलग ही पहचान बनी हुई है। यह गीत राजस्थानी संगीत की प्रमुख पहचान माना जाता है। इसमें प्रेम के भाव को बहुत ही गहनता और संवेदना के साथ व्यक्त किया गया है और यह आमतौर पर सांगणेर शहर के नागरिकों द्वारा गाया जाता है। इसकी लोकप्रियता भी काफी रही है। 

प्रेम पर राजस्थान में बहुत कुछ लिखा और गाया गया है। लोकप्रिय गीतों में से एक गीत है-"गोरी तेरे जिया"- यह लोकगीत जैसलमेर क्षेत्र में प्रसिद्ध है और इसमें प्रेमिका को अपने प्रेमी के लिए विनती करते हुए व्यक्ति की भूमिका है। उस विनती और निवेदन में गज़ब की अभिव्यक्ति का अहसास होता है। तन के स्टेप्स मन के सभी उतराव चढ़ावों ओके दिखते हैं और महसूस भी करवाते हैं। 

कई लोक साज़ भी राजस्थानी गीत संगीत के प्रदर्शन के समय प्रयोग में लाए जाते हैं। राजस्थान के संगीत में धोल, नगाड़ा, सरंगी, शेनाई, मुरली, वीणा और खरताल जैसे वाद्य यंत्रों का उपयोग होता है। ये संगीत प्रशंसा गीत, भक्तिगीत, रागिनियों, आरतियों, ताराना और घूमरी जैसे विभिन्न प्रकारों में होता है। इन सभी से एक अलग सा ही रंग  बंधता चला जाता है। 

इन गीतों के गायन का मुख्य उद्देश्य संस्कृति की जागरूकता, मनोरंजन और जनता के बीच एक सामंजस्य बनाना है। राजस्थान के लोकगीत और संगीत को राजस्थानी संस्कृति की महत्वपूर्ण पहचान माना जाता है और इनका अद्यतन और संरक्षण संगीत प्रेमियों द्वारा किया जाता है।