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Tuesday, August 26, 2025

गणेश चतुर्थी पर्व (27 अगस्त) पर बधाई

 राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने शुभकामनाएं दी हैं 


जयपुर: 26 अगस्त 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने गणेश चतुर्थी पर्व (27 अगस्त)  पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

राज्यपाल श्री बागडे ने कहा है कि भगवान श्री गणेश प्रथम पूज्य है।  वह सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने वाले और मंगल करने वाले  हैं। ऐसे भगवान श्री गणेश का हम वंदन, अभिनंदन करते हैं।

उन्होंने गणेश चतुर्थी  उमंग और उत्साह से मनाने के साथ गणेशोत्सव पर भगवान श्री गणेश से राष्ट्र और प्रदेश की समृद्धि, सम्पन्नता और खुशहाली की कामना की है।  ----

डॉ. राजेश व्यास/आशुतोष


Monday, August 25, 2025

मताधिकार और नैतिक मतदान के प्रति जागरूक

प्रदेश के विद्यार्थी अब होंगे  अधिकारों के प्रति और जागरूक 

निर्वाचन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग के बीच हुआ एमओयू 

प्रदेश के विद्यार्थियों में मतदाता जागरूकता के क्षेत्र में यह एमओयू मील का पत्थर 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी 

एमओयू के माध्यम से स्कूल शिक्षा में निर्वाचन साक्षरता शामिल कर निर्वाचन साक्षरता क्लब (ELC) का सुदृढ़ीकरण एवं सुचारू संचालन संपन्न हो सकेगा-शिक्षा सचिव


जयपुर: 25 अगस्त 2025: (मीडिया लिंक रविंदर/ /राजस्थान स्क्रीन डेस्क )::

निर्वाचन साक्षरता एवं मतदाता जागरूकता के क्षेत्र में निर्वाचन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग के बीच सोमवार को शासन सचिवालय, जयपुर में ऐतिहासिक एमओयू हुआ। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन एवं शासन सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग श्री कृष्ण कुणाल ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस संयुक्त एमओयू के तहत राज्य के समस्त माध्यमिक / उच्च माध्यमिक स्तर के  राजकीय एवं निजी विद्यालयों में भारत निर्वाचन आयोग की संकल्पना को साकार करते हुए स्कूल निर्वाचन साक्षरता क्लब (ELC) का सुदृढ़ीकरण एवं ईएलसी गतिविधियों का सुचारू संचालन संपन्न हो सकेगा।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री महाजन ने कहा कि राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग के पर्यवेक्षण में राजकीय एवं निजी विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को शामिल करते हुए निर्वाचन साक्षरता क्लब गठित कर संचालित किया जा रहे हैं। इन क्लबों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए शाला दर्पण पोर्टल एवं प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर ऑनलाइन ईएलसी एंट्री मॉड्युल उपलब्ध कराया गया है। देश में राजस्थान स्कूल ईएलसी के सुदृढ़ीकरण हेतु डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने वाला संभवतः पहला राज्य है। अब कक्षा 9 से 12वीं में अध्ययनरत 17 वर्ष के समस्त विद्यार्थियों का अग्रिम रूप से मतदाता पंजीकरण आसान होगा और 18 वर्ष की आयु को पूर्ण करते ही विद्यार्थियों को उनका मतदाता पहचान पत्र प्राप्त हो जाएगा, जिससे वो आगामी चुनावों में सक्रिय मतदाता के रूप में अपना कर्तव्य निभा सकेंगे।

श्री महाजन ने  कहा कि  इस MoU का उद्देश्य विद्यालय स्तर पर मतदाता शिक्षा, जागरूकता एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करना तथा भावी मतदाताओं में निर्वाचन प्रक्रिया के प्रति समझ विकसित करना है। साथ ही भविष्य में भारत निर्वाचन आयोग एवं शिक्षा मंत्रालय – भारत सरकार के निर्देशन में एनसीईआरटी द्वारा विकसित मतदाता शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम को राज्य की स्कूल शिक्षा में शामिल किया जाना प्रस्तावित है।

शासन सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग श्री कृष्ण कुणाल ने कहा कि इस एमओयू से हम विद्यार्थियों के समग्र विकास की ओर अग्रसर होंगे और उनमें मतदाता शिक्षा एवं लोकतांत्रिक मूल्यों का समावेश हो सकेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्र 2025-26 के शिविरा कैलेंडर में ईएलसी गतिविधियों को पहले ही शामिल कर लिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मतदाता जागरूकता से संबंधित अध्याय भी जोड़े जा रहे। राज्य के विद्यालयों में संचालित ईएलसी क्लब एवं आयोजित गतिविधियों  की शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से दोनों विभागों द्वारा विभिन्न स्तर पर सतत मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होने कहा कि इस एमओयू से हम मतदाता जागरूकता एवं शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक प्रतिबद्धता से कार्य कर सकेंगे।

श्री कुणाल ने कहा कि आज निष्पादित किए गए MoU के माध्यम से हम निर्वाचन विभाग के साथ संकल्प लेते हैं कि विद्यालयों में निर्वाचन साक्षरता के लिए अनुकूल वातावरण विकसित कर हमारे विद्यार्थियों को उनके वोट के महत्व और मूल्य के बारे में प्रभावी रूप से शिक्षित करेंगे और सशक्त लोकतंत्र की ओर अग्रसर होंगे।

यूथ चला बूथ का विमोचन—

इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने निर्वाचन विभाग द्वारा शुरू की गयी त्रैमासिक विभागीय पत्रिका (यूथ चला बूथ) का विमोचन भी किया गया। उन्होंने कहा कि यूथ चला बूथ पत्रिका खास तौर पर युवा मतदाताओं पर केंद्रित है जिसमें प्रमुख रूप से ईएलसी यानि निर्वाचन साक्षरता क्लब में होने वाली जागरूकता गतिविधियों को शामिल किया जाएगा।

कार्यक्रम में राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान (एसएमएसए), राजस्थान शिक्षा परिषद एवं आयुक्त, स्कूल शिक्षा श्रीमती अनुपमा जोरवाल एवं संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रौनक बैरागी सहित दोनों विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

——//बनवारी यादव/रवीन्द्र सिंह//------

Tuesday, July 15, 2025

आज का समय स्किल, स्टार्ट्स अप और स्पोर्ट्स का अमृतकाल है

  From PRD Rajasthan on 15 Jul 2025 at 9:18 PM

--कर्नल राज्यवर्धन ने बताया मौजूदा दौर का सार और गुर 

-विश्व युवा कौशल दिवस-2025 पर युवाओं को मिला प्रेरणा और अवसर का नया संबल

जयपुर: 15 जुलाई 2025: (मीडिया लिंक 32//राजस्थान स्क्रीन डेस्क) ::


कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने
विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर प्रदेश के युवाओं को प्रेरणादायक संबोधन देते हुए कहा कि आज का समय  स्किल, स्टार्ट्स अप और स्पोर्ट्स का अमृतकाल है। युवाओं का कौशल ही भारत की सबसे बड़ी ताकत बनेगा।

उन्होंने बताया कि राज्य की कामकाजी आबादी अब कुल जनसंख्या का 63% हो चुकी है, जो आने वाले वर्षों में प्रदेश को देश का सबसे युवा और दक्ष राज्य बना सकती है।

उन्होंने कहा, “अगर इस जनशक्ति को सही दिशा और कौशल मिले तो यही भारत को नेतृत्व प्रदान करने वाली शक्ति बनेगी। हम कौशल को केवल नौकरी पाने का माध्यम नहीं बल्कि नौकरी देने की क्षमता का आधार मानते हैं।”

कर्नल राठौड़ ने जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष लगभग 3 लाख युवाओं को 663 कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है और 683 करोड़ रूपये से अधिक का कौशल भत्ता वितरित किया गया है।

उन्होंने कोलकाता के पिंटू पोहन की कहानी साझा की, जिन्होंने पान की दुकान चलाते हुए 12 उपन्यास और 200 से अधिक कहानियाँ लिखी। यह इस बात का प्रतीक है कि संकल्प, मेहनत और कौशल से हर परिस्थिति बदली जा सकती है।

कर्नल राठौड़ ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का उल्लेख करते हुए कहा कि 41 वर्षों बाद किसी भारतीय ने अंतरिक्ष  में जाकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर  तिरंगा लहराया है, जो भारत सरकार की दूरदर्शिता और युवाओं में विश्वास का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “भारत के पास दो सबसे बड़ी ताकतें हैं — डेमोक्रेसी और डेमोग्राफी । आज दुनिया मानती है कि भारत के पास वह युवा शक्ति है जो वैश्विक नेतृत्व दे सकती है।”

इस अवसर पर मंच पर राज्य मंत्री श्री के.के. विश्नोई, श्री विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामगोपाल सुथार, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संदीप वर्मा , आरएसएलडीसी के प्रबंध निदेशक श्री ऋषभ मंडल तथा महाप्रबंधक श्रीमती सुनीता यादव की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में एसोचेम , फिक्की जैसे प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि, कौशल क्षेत्र से जुड़े उद्योग प्रतिनिधि, प्रशिक्षण संस्थान, विभिन्न हितधारक तथा आरएसएलडीसी के  अधिकारीगण उपस्थित रहे।

टीसीएस  का ‘कॅरियर क्रिएटर’ पोर्टल लॉन्च—

राइजिंग राजस्थान के तहत टाटा कन्सलटेंसी सर्विसेज के साथ हुए एमओयू  को धरातल पर उतारते हुए विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर टीसीएस का नवीनतम पोर्टल  ‘कॅरियर क्रिएटर’ लॉंन्च किया गया।

यह एक फ्री कॅरियर डिाकवरी एंड रेडीनेस पैकेज है, जो युवाओं को कॅरियर चयन, आत्म मूल्यांकन, स्किल गाइडेंस और डिजिटल टूल्स के माध्यम से तैयारी में मदद करेगा।

यह पोर्टल युवाओं को 21वीं सदी के कॅरियर लायक़ स्किल्स और सोच विकसित करने में सहायता करेगा।

प्रतिभाओं का सम्मान—

इस अवसर पर प्रदेश के उन स्किल आइकन्स, एनसीवीटी टॉपर्स एवं स्किल एम्बेसडर्स को  सम्मानित किया गया, जिन्होंने कौशल के क्षेत्र में राज्य और देश को गौरव दिलाया है।

सम्मानित युवाओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर यह सिद्ध किया है कि समर्पण और स्किलिंग से कोई भी मंज़िल दूर नहीं।

राज्य मंत्री श्री के.के. विश्नोई ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु सतत प्रयासरत है। हम चाहते हैं कि राजस्थान का युवा सिर्फ देश में नहीं, दुनिया में अपनी पहचान बनाए।

आयोजन की व्यापकता—

कार्यक्रम में राज्य भर से आए युवाओं, आईटीआई प्रशिक्षुओं, ट्रेनिंग प्रोवाइडर्स, कौशल विश्वविद्यालयों, औद्योगिक प्रतिनिधियों और विभिन्न साझेदार संस्थानों ने भाग लिया।

विभिन्न स्किल स्टॉल्स, लाइव डेमो, डिजिटल टेक्नोलॉजी प्रजेंटेशन, और काउंसलिंग बूथ्स के माध्यम से युवाओं को कौशल अवसर,एप्रेंटिसशिप और उद्यमिता से अवगत कराया गया।

आयोजन में स्किल्ड राजरस्थान के विज़न को लेकर जो ऊर्जा, भागीदारी और दिशा सामने आई, वह आने वाले वर्षों में राजस्थान को राष्ट्रीय कौशल मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाने में निर्णायक साबित होगी।

————//अमन​दीप/ब्रजेश 

Thursday, June 26, 2025

मामला 345 पंजीकृत अमान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों

राजस्थान: इन दलों को डीलिस्ट करने की प्रक्रिया प्रारंभ 


राजस्थान से 09 पंजीकृत अमान्यताप्राप्त राजनीतिक दल (RUPPs) डीलिस्ट हेतु चुने गए

सीकर: 26 जून 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में तथा निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में 345 पंजीकृत अमान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को डीलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये वे दल हैं जो वर्ष 2019 से पिछले छह वर्षों में कोई भी चुनाव नहीं लड़े हैं और जिनके कार्यालयों का भौतिक रूप से कोई पता नहीं चल पाया है। ये 345 राजनीतिक दल देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं।

निर्वाचन आयोग के संज्ञान में यह बात आई है कि वर्तमान में पंजीकृत 2800 से अधिक RUPPs में से कई दल ऐसे हैं जो RUPP के रूप में बने रहने की आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं। इसी के मद्देनज़र आयोग ने राष्ट्रव्यापी स्तर पर ऐसे दलों की पहचान के लिए एक विशेष अभियान चलाया, जिसके अंतर्गत अब तक 345 ऐसे दल चिन्हित किए जा चुके हैं।

राजस्थान से डीलिस्ट हेतु चुने गए 09 पंजीकृत अमान्यताप्राप्त राजनीतिक दल (RUPPs) 

राजस्थान से आयोग ने डिलिस्ट करने के लिए प्रारम्भिक रूप मे राजस्थान जनता पार्टी, राष्ट्रीय जन सागर पार्टी, खुशहाल किसान पार्टी, भारत वाहिनी पार्टी, भारतीय जन हितकारी पार्टी, नेशनल जनसत्ता पार्टी, नेशनलिस्ट पीपलस फ्रंट, स्वच्छ भारत पार्टी एवं महाराणा क्रांति पार्टी का चयन किया है।   

यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी दल अनुचित रूप से डीलिस्ट न हो, संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को निर्देश दिया गया है कि वे इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करें। इसके बाद संबंधित CEOs द्वारा इन दलों को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया जाएगा। किसी भी दल को डीलिस्ट करने का अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाएगा।

देश में राजनीतिक दल (राष्ट्रीय/राज्य/पंजीकृत अपंजीकृत) जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत निर्वाचन आयोग में पंजीकृत होते हैं। इस प्रावधान के अंतर्गत, कोई भी संगठन एक बार राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत हो जाने पर कर में छूट जैसी विभिन्न सुविधाओं और लाभों का पात्र हो जाता है।

यह प्रक्रिया राजनीतिक प्रणाली की शुद्धि और उन दलों को डीलिस्ट करने के उद्देश्य से की जा रही है, जिन्होंने वर्ष 2019 से लोकसभा या राज्य विधानसभाओं या उपचुनावों में कोई चुनाव नहीं लड़ा है और जिनका भौतिक अस्तित्व भी स्थापित नहीं हो सका है। इस अभियान के पहले चरण में 345 ऐसे दल चिन्हित किए गए हैं और यह प्रक्रिया राजनीतिक प्रणाली को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से आगे भी जारी रहेगी।  --------

Monday, May 5, 2025

भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी

 05 मई 2025, 10:19 PM

फर्जी दस्तावेज एवं अनुचित साधनों से चल रहा था साज़िशी सिलसिला 

*भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी- 

 *अभ्यर्थियों पर कार्यवाही एवं एसओजी के प्रकरणों पर गहन मंथन


जयपुर: 5 मई 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

शासन सचिव शिक्षा श्री कृष्ण कुणाल की अध्यक्षता में शिक्षा संकुल परिसर में सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) द्वारा प्राप्त संदिग्ध प्रकरणों की भी गहन समीक्षा की गई। चर्चा का मुख्य फोकस 15 दिसंबर, 2018 से 15 दिसंबर, 2023 तक की पीटीआई (शारीरिक शिक्षा अध्यापक) भर्तियों में संदिग्ध पाए गए ऐसे अभ्यर्थियों पर रहा, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर अथवा अनुचित एवं नियमविरुद्ध साधनों से नौकरी हासिल की। इस मौके पर विगत वर्षों में आयोजित पीटीआई सीधी भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर तथा नियम विरूद्ध एवं अनुचित साधनों का इस्तेमाल कर नियुक्ति प्राप्त करने तथा ऐसे अभ्यर्थियों की विस्तृत जांच कर कार्यवाही किए जाने के संबंध में 9 बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी। बैठक में दिव्यांगता प्रमाण पत्र, खेल प्रमाण पत्र तथा डिग्रियों के सत्यापन हेतु ऑनलाइन पोर्टल बनाने हेतु जोर दिया गया। इस अहम बैठक में युवा एवं खेल विभाग के शासन सचिव श्री नीरज के पवन, राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव श्री रामनिवास मेहता, राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग के सचिव डॉ. भागचंद बधाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री आशीष मोदी, एसओजी के एसपी के साथ ही स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, खेल विभाग तथा एसओजी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

बैठक में निम्न बिंदुओं पर चर्चा हुई-

1. पीटीआई भर्ती 2022 में चयनित 243 अभ्यर्थियों के संबंध में विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही।

2. विभिन्न पदों की प्रतियोगी परीक्षा में शामिल फर्जी / डमी अभ्यर्थियों की पहचान सुनिश्चित करना।

3. मेडिकल बोर्ड से जांच कराये जाने पर दिव्यांगता प्रमाण पत्रों में दिव्यांगता प्रतिशत एवं दिव्यांगता में भिन्नता की स्थिति।

4. खेल प्रमाण पत्रों की जांच / वैद्यता के संबंध में।

5. निजी विश्वविद्यालयों द्वारा बिना काउंसलिंग के सीधे ही बीपीएड/डीपीएड/बीएड/डीएलएड में प्रवेश देकर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित करवाने के संबंध में।

6. निजी विश्वविद्यालयों द्वारा एनसीटीई के निर्धारित मानदंडों के विपरित जाकर स्नातक में प्राप्तांक नहीं होने पर भी बीपीएड में प्रवेश दिए जाने के संबंध में।

7. बीएड/बीपीएड/एमपीएड/डीपीएड इत्यादि प्रशैक्षिक डिग्रीयों के केंद्रीयकृत रजिस्ट्रेशन एवं सत्यापन की व्यवस्था करवाने के संबंध में।

8. 15 दिसंबर, 2018 से 15 दिसंबर, 2023 तक की गई भर्तियों में नियुक्त कर्मचारियों के दस्तावेज सत्यापन उपरान्त संदिग्ध पाए गए अभ्यर्थियों की जांच पूर्ण करना।

9. एसओजी द्वारा भेजे गए विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में पेपरलीक/फर्जी/डमी के रूप में संलिप्त 82 कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाही को पूर्ण किया जाए।

---राजेश यादव/रवीन्द्र सिंह--

Friday, April 25, 2025

डूंगरपुर में पीएम आवास लाभार्थी रेखा रोत के घर हुआ गृह प्रवेश समारोह

छाया चौबीसा,सहायक निदेशक ,सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय डूंगरपुर//गुरूवार दिनांक 24 अप्रेल 2025

पंचायती राज दिवस पर कराया ढोल ढमाकों, विधि विधान से गृह प्रवेश


डूंगरपुर
: 24 अप्रैल 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

अभी भी देश और दुनिया में बहुत से लोग हैं जिनके पास ऐसी छत नहीं है जिसे घर कहा जा सके। बसेरा कहा जा सका या फिर जहां थक हार कर लौट आने से लगे कि बस यही है अपनी दुनिया। ऐसे लोगों को घर देने का संकल्प किया था मुख्यमंत्री का। इसे पूरा करना आसान नहीं था। यह एक ऐसा सपना था जिसे साकार करना सचमुच बहुत मुश्किल था। इसके बावजूद मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा दृढ़ता से इस पर अडिग थे। आखिर मेहनत रंग लाई। सपना साकार होने का वक़्त आया। खुशियों ने लाभार्थी  रेखा का दरवाज़ा खटखटाया।  

डूंगरपुर में उस दिन सारा इलाका ही खुश था। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के प्रदेश में सुशासन देने तथा हर गरीब का सपना साकार करने की दिशा में कार्य करते हुए डूंगरपुर में प्रधानमंत्री आवास लाभार्थी रेखा के घर प्रशासन के साथ पहुंचा तथा गृह वास्तु कराकर गृह प्रवेश करवाया गया। 

उस दिन विशेष दिन ही था। पंचायतीराज के स्थापना दिवस 24 अप्रेल, 2025 का दिन रेखा पत्नि तुलसी राम रोत निवासी खेरवाडा सिदडी का दिन किसी सपने से कम नहीं था, जिसके आंगन में जिला परिषद डूंगरपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हनुमान सिंह राठौड की अगुवाई में सभी पंचायत राज विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारी के साथ ढोल ढमाकों के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित लाभार्थी रेखा के घर गृह प्रवेश करवाने पहुंचे। माहौल बहुत ही यादगारी बन पड़ा।

इस शुभ अवसर पर वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ आवास चाबी, दीवार घडी और दौडते घोडों से युक्त तस्वीर भेंट कर महेष ओझा अधिशासी अधिकारी महानरेगा, पंचायत समिति के विकास अधिकारी प्रवीण सिंह राव, प्रधानमंत्री आवास के प्रभारी गौरी शंकर कटारा, मनरेगा प्रभारी श्याम सुन्दर पाटीदार, आवास शाखा से मोहन लाल यादव, भावेश जोशी , ग्राम पंचायत सिदडी खेरवाडा के प्रशासक गोदावरी देवी, वार्ड पंच भूरी देवी परमार ग्राम विकास अधिकारी लीला बुझ, लोकेश डिंडोर , रमेश कटारा कनिष्ठ सहायक, समाजसेवी बाबुलाल परमार, भगवान परमार, मावजी कटारा, मोहन कटारा सहित डायालाल परमार की मौजूदगी में गृह प्रवेश करवाया गया। ख़ुशी के आंसुओं से मन भरा हुआ था। 

इस का लाभ उठाने वाली रेखा के परिवार के साथ गृह वास्तु के बाद सभी ने पंगत में बैठ कर परम्परागत भोज लपसी, दाल चावल का सेवन किया। भोजन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा निःशुल्क की गई। रेखा के दो बेटे और दो बेटियों के चेहरे पर खुशी देखते ही बनती थी। इससे पूर्व लाभार्थी रेखा को शॉल और उपर्णा भेट कर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने समय पर प्रधान मंत्री आवास पूर्ण करने की बधाई दी तथा बच्चों को साफा एवं माल्यापर्ण कर शुभकामनाएं प्रदान की। एक नई दुनिया का निर्माण हुआ था। स्वर्ग सा सुंदर घर सामने था। 

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास लाभार्थी को वर्ष 2024-25 में प्रथम किश्त 15000 द्वितीय किश्त 45000 तृतीय किश्त 60000 कुल 120000 रूपये एवं महानरेगा योजना में 90 दिवस का 23940 रूपया प्रदान किया। बस कुछ ही पड़ावों में यह सपना साकार कर लिया गया। 

उम्र का लंबा हिस्सा संघर्षों में काटने वाली रेखा बहुत प्रसन्नता से बताती है कि सरकार ने मेरा सपना साकार किया।  अनुमान लगाइये रेखा की खुशियों का। 

संघर्षों के बाद मिली ख़ुशी की चमक भी अलग ही होती है। लाभार्थी रेखा ने बताया कि गरीब के घर के वास्तु का सपना, सपना ही रह जाता है लेकिन प्रशासन ने बिना कोई खर्च करवाये वास्तु करवाया, आसपास के परिवारों और बच्चों के साथ जीमण करवाया, श्रीफल, दीवार घडी की भेंट देकर  सरकार ने मेरा और मेरे परिवार का जो सपना पूरा किया है, इसे वह ताउम्र नहीं भूल पायेगी। 

इस बहुत बड़ी मानवीय उपलब्धि के बावजूद अभी यह देखना बाकी है कि कितने और परिवार इस सुविधा से वंचित हैं? कितने लोगों के पास सिर छुपाने की छत नहीं है? अभी सफर लंबा है। चले चलो कि वह मंज़िल अभी नहीं आई...! 

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Friday, March 22, 2024

राजस्थान पुलिस अकादमी जयपुर में पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रमत

Friday 22 March  2024 at 09:09 AM

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा:

मतदान के लिए सुरक्षित और डर रहित वातावरण सुनिश्चित करना पुलिस का दायित्व


जयपुर: 22 मार्च 2024: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता ने कहा कि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपादित करने में पुलिसकर्मियों की भूमिका अहम है। प्रदेश के मतदाता बिना किसी लालच, हिचक और डर के अपना वोट दें, यह सुनिश्चित करना पुलिस का उत्तरदायित्व है । उन्होंने कहा कि लोकसभा निर्वाचन-2024 निर्बाध रूप से सम्पन्न हो इसके लिए पुलिस विभाग अन्य विभागों के साथ आपसी सामंजस्य के साथ काम करे। साथ ही प्रदेश में संवेदनशील और क्रिटिकल बूथों की पहचान कर वहां शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने के लिए योजनाद्ध रूप से पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित करें।  

श्री गुप्ता आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए), जयपुर में आयोजित पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह संभावित अप्रिय हालातों के लिए पहले से ही तैयार रहे ताकि समय रहते उन्हें रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए त्वरित आपसी संचार और सूचना तंत्र सुदृढ़ होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि त्वरित और सही दिशा में सूचनाओं के आदान-प्रदान से किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहली बार चुनाव के दौरान इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अब तक 40 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि लोकसभा निर्वाचन 2024 के सफल आयोजन के लिए निर्वाचन विभाग द्वारा पुलिस अधिकारियों के लिए हैंडबुक भी जारी की गई है। इसमें पुलिस कर्मियों की सहायता के लिए चुनाव से संबंधित नियम, विधियां और दिशा-निर्देश शामिल किये गए हैं। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों से इस हैण्डबूक को ध्यानपूर्वक पढ़ने तथा अनुसरण करने के लिए कहा। श्री गुप्ता ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किये जाने वाले सर्कुलर, हैंडबुक, प्रोटोकॉल और मैनुअल को भी पढ़ने के लिए कहा। उन्होंने चुनाव के 48 घण्टे पहले के साइलेंस पीरियड पर विशेष सावधानी बरतने तथा तदनुसार व्यवस्थाएं करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। 

श्री गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे प्रतिदिन लॉ ऑर्डर रिपोर्ट बनाकर आयोग के समक्ष प्रस्तुत  करें। उन्होंने कहा कि रेपिड एक्शन टीम धमकाने, घूसखोरी, साम्प्रदायिक संघर्ष और भ्रष्टाचार के मामलों को गंभीरता से लेते हुए इसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित करे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से बेहतर मॉनिटरिंग के प्रयास किये जाने चाहिये, ताकि चुनाव प्रक्रिया का शांतिपूर्ण संपादन किया जा सके। 

उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मी अपने कर्तव्य के साथ-साथ मतदाता होने के अपने कर्तव्य का भी पालन कर सकें, इसके लिए उन्हें डाक मतपत्र की सुविधा दी गई है। श्री गुप्ता ने सभी अधिकारियों से ईवीएम प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ईवीएम की सुरक्षा और भंडारण संवेदनशील कार्य है, जिसे पूरी जिम्मेदारी से किया जाए। उन्होंने गत राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान सी-विजिल मोबाइल एप्लिकेशन की सफलता की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में यह एप काफी कारगर साबित हुआ है। इस एप के माध्यम से शिकायतों का त्वरित निस्तारण संभव हुआ है। 

अतिरिक्त महानिदेशक  पुलिस (प्रशिक्षण) श्रीमती मालिनी अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में चुनाव संपादित करने के लिए बड़ी संख्या में मानव संसाधन को नियोजित करना होता है। उन्होंने कहा कि बेहतरीन संसाधन प्रबंधन से ही निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपादित करने में सफलता हासिल की जा सकती है। 

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एण्ड ऑर्डर) श्री विशाल बंसल ने कहा कि पुलिस आदर्श आचार संहिता की पालना किया जाना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि चुनौतिपूर्ण और संवेदनशील बूथों पर पुलिस की विशेष व्यवस्था की जाए। 

पुलिस महानिरीक्षक श्री अनिल कुमार टांक ने अधिकारियों को सफल चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रत्येक बूथ पर आवश्यकता अनुसार योजनाबद्ध तरीके से पुलिस तैनाती किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। 

प्रशिक्षण कार्यक्रम में उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री आलोक जैन सहित पुलिस के आला अधिकारी शामिल थे। कुछ अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया।

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Friday, December 1, 2023

विश्व एड्स दिवस पर राजस्थान में भी विशेष संकल्प लिया गया

Friday: 1st December  2023 at 07:55 PM

एड्स पर नियंत्रण के लिए बढ़ाई जाएगी सामुदायिक सहभागिता


जयपुर: 01 दिसम्बर 2023: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::
विश्व ऐडस दिवस के मौके पर दुनिया भर में विशेष आयोजन हुए। इस से सतर्क रहने और पूरी तरह से ध्यान रखने की आवश्यकता अभी भी मौजूद है। इसी चेतना को और अधिक फैलाने के लिए दुनिया भर में विभिन्न संगठन इस दिशा में सक्रिय रहते हैं। देश और दुनिया के कई हिस्सों की तरह राजस्थान में इस मौके पर विशेष संकल्प लिया गया। 

विश्व एड्स दिवस के अवसर पर शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में राजस्थान एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर थे। निदेशक एड्स डॉ. सुशील कुमार परमार ने अध्यक्षता की। इस दौरान प्रदेशभर में एड्स नियंत्रण एवं जागरूकता कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों, संस्थाओं एवं स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

निदेशक जनस्वास्थ्य ने कहा कि इस वर्ष विश्व एड्स दिवस की थीम ‘‘लेट कम्यूनिटीज लीड’’ निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य एड्स कन्ट्रोल कार्यक्रम में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाना है। उन्होंने सभी संस्थाओं एवं कार्मिकों से इस बीमारी से पीड़ित लोगों के उपचार, उनके अधिकारों की रक्षा एवं गुणवत्तापूर्ण देखभाल का संकल्प लेने की अपील की।

डॉ. माथुर ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में एचआईवी से संक्रमित लगभग 59 हजार लोग उपचार ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के एचआईवी संक्रमित होने पर उसकी प्राइवेसी और आमजन की नकारात्मक सोच एक चिंता का विषय रहता है। उन्होंने इसके लिए विशेष जागरूकता अभियान संचालित करने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही एड्स पीड़ित व्यक्ति के परिजनों की भी स्क्रीनिंग एवं जांच करवाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

निदेशक एड्स डॉ. सुशील परमार ने बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत वर्तमान चरण में युवाओं को अति संवेदनशील गु्रप के रूप चिन्हित किया गया है। प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में लगभग 755 रेड रिबन क्लब स्थापित किए गए हैं। इनका उद्देश्य युवाओं में एचआईवी एड्स के बारे में परस्पर सहयोग, समन्वय एवं समझ तैयार करना है। एचआईवी एड्स के साथ जी रहे लोगों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की 24ग्7 हैल्पलाइन 1097 पर 15 भाषाओं में गोपनीयता के साथ एचआईवी संबंधी समस्त जानकारी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही गूगल प्ले स्टोर से नाको एड्स एप डाउनलोड करके भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

इस अवसर पर राज्य टीबी अधिकारी डॉ. विनोद गर्ग, एसएमएस एआरटी सेन्टर के प्रभारी डॉ. अभिषेक अग्रवाल सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण एवं एड्स नियंत्रण क्षेत्र में कार्य कर रहे कार्मिक उपस्थित थे।

Sunday, October 1, 2023

राजस्थान रोडवेज का 60वां स्थापना दिवस जोशो खरोश से मनाया गया

रविवार: 01 अक्टूबर 2023: 03:54 PM

इसे आगे ले जाने के लिये कर्मचारी तय करें स्वयं की जिम्मेदारी-अध्यक्ष

श्रेष्ठ कार्य करने के लिए कर्मचारी-अधिकारी एवं कार्मिकों के प्रतिभावान बच्चे हुए सम्मानित


जयपुर
: 01 अक्टूबर 2023: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

राजस्थान राजकीय रोडवेज भी जनता का विश्वास है जो डयूटी को डयूटी समझते हुए हर पल आम जनता के लिए परिवहन सेवाएं प्रदान करते हैं। इन सेवाओं का संचालन इन्हीं की मेहनत और प्रतिबद्धता से होता है। दिन हो रात, अंधी हो या तूफ़ान ये लोग दूर दर्ज की मंज़िलों तक लोगों की सही वक्त पर पहुँचाने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ते। 

इस अवसर पर राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष श्री आनन्द कुमार ने कहा कि रोडवेज पर जनता का विश्वास है। इसको बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रबन्धन के साथ-साथ सभी कर्मचारियों की भी है। इसके विकास के लिए कर्मचारियों को आगे बढकर हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा हर वर्ष रोडवेज की राजस्व हानि की भरपाई कर इसकी बेहतरी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। 

निगम अध्यक्ष रविवार को राजस्थान रोडवेज मुख्यालय पर निगम के 60वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रोडवेज ने हर परिस्थिति में चाहे लक्खी मेलों का आयोजन हो या प्रतियोगी परीक्षा में परीक्षार्थियों को निःशुल्क यात्रा, सदैव श्रेष्ठ प्रबन्धन का उदाहरण पेश किया है। उन्होंने समारोह के आयोजन के लिये प्रबन्ध निदेशक श्री नथमल डिडेल की पहल को सराहनीय बताते हुए श्रेष्ठ परिणाम देने वाले कार्मिकों और उनके प्रतिभाशाली बच्चों को शुभकामनाएं दी। 

इस परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री नथमल डिडेल ने कहा कि रोडवेज हर विकट परिस्थितियों में आमजन के लिए वरदान साबित हुई है। रोडवेज प्रबन्धन ने अपने निरन्तर प्रयासों से राजस्व हानि को कम किया है एवं आरजीएचएस और ओपीएस जैसी सुविधाएं कार्मिकों को उपलब्ध कराई गई है।   

इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने के लिए कर्मचारी-अधिकारी एवं कार्मिकों के प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित भी किया गया। इस तरह इस  ये समय रोडवेज कर्मियों के पूरे परिवारों लिए भी यादगारी बन गया। 

निगम की कार्यकारी निदेशक (प्रशासन) श्रीमती अनीता मीना ने बताया कि सर्वाधिक डीजल औसत देने के लिए बाड़मेर आगार को प्रथम पुरस्कार एवं जयपुर व तिजारा आगारों को द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया गया। संचालन के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए भी पुरस्कार दिये गये। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले निगम कार्मिकों एवं उनके मेधावी बच्चों को सम्मानित किया गया। 

इस अवसर पर निगम के कार्यकारी निदेशक (यातायात) श्री संजीव कुमार पाण्डेय, वित्तीय सलाहकार श्री रामगोपाल पारीक, निगम संगठनों से जुडे प्रतिनिधि और बड़ी संख्या कर्मचारी व अधिकारी मौजूद रहें।   

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Friday, August 18, 2023

NLC इंडिया लिमिटेड और राजस्थान में विद्युत उपयोग समझौता

प्रविष्टि तिथि: 18 AUG 2023 11:46AM by PIB Delhi

अगले 25 वर्षों तक राजस्थान को  300 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए समझौता

यह परियोजना देगी हर साल 0.726 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने में मदद 

नई दिल्ली//जयपुर: 18 अगस्त 2023: (पीआईबी//राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

एनएलसी इंडिया लिमिटेड, कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है, ने राजस्थान में सीपीएसयू योजना के तहत 300 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के साथ दीर्घकालिक विद्युत उपयोग समझौता किया है।    

एनएलसीआईएल के पास वर्तमान में 1,421 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता है। कंपनी की कॉरपोरेट योजना के अनुसार वह 2030 तक 6,031 मेगावाट क्षमता स्थापित करने पर विचार कर रही है।

कंपनी ने प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरईडीए) द्वारा शुरू की गई सीपीएसयू योजना चरण-II की कड़ी-III में 510 मेगावाट सौर परियोजना क्षमता हासिल की है। राजस्थान के बीकानेर जिले के बरसिंगसर में 300 मेगावाट सौर परियोजना क्षमता कार्यान्वित की जा रही है। इस परियोजना के लिए ईपीसी अनुबंध प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से मेसर्स टाटा पावर सोलर सिस्टम को दिया गया है।

300 मेगावाट सौर परियोजना के लिए विद्युत उपयोग समझौते (पीयूए) पर एनएलसी इंडिया लिमिटेड और राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (आरयूवीएनएल) के बीच 17 अगस्त 2023 को जयपुर में आरयूवीएनएल के निदेशक (वित्त) श्री डी.के. जैन और एनएलसी इंडिया लिमिटेड के जीएम (पीबीडी) श्री डी. पी. सिंह ने राजस्थान सरकार के प्रधान सचिव (ऊर्जा) श्री भास्कर ए सावंत, आरयूवीएनएल के प्रबंध निदेशक श्री एमएम रणवा और एनएलसी इंडिया लिमिटेड के सीएमडी श्री प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली, एनएलसीआईएल के ईडी (वित्त) श्री मुकेश अग्रवाल, बरसिंगसर के प्रोजेक्ट हेड श्री जगदीश चंद्र मजूमदार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में राजस्थान सरकार को अगले 25 वर्षों तक आपूर्ति के लिए हस्ताक्षर किए।

इस परियोजना से प्रतिवर्ष 750 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया जाएगा और उत्पादित कुल हरित विद्युत राजस्थान को आपूर्ति की जाएगी। यह परियोजना राजस्थान को उनके नवीकरणीय ऊर्जा खरीद दायित्व लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी।

इस परियोजना से उत्पन्न विद्युत से हर साल 0.726 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने में मदद करेगी। नवीकरणीय ऊर्जा के संबंध में, तमिलनाडु में वर्तमान में 1.40 गीगावॉट क्षमता के अतिरिक्त, पहली बार एनएलसीआईएल अन्य राज्यों में इस क्षमता का विस्तार कर रहा है।

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एमजी/एमएस/आरपी/एसके/एजे//(रिलीज़ आईडी: 1950068)

Friday, June 23, 2023

राजस्थान के लोक गीत संगीत में एक विशेष जादू है

यह गीत संगीत मन की भाषा को बहुत खूबसूरती से सामने लाता है 


श्री गंगा नगर
: 23 जून 2023: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

राजस्थान के लोकगीत और संगीत में कोई ऐसा जादू है जो उन लोगों को भी अपनी तरफ शिद्दत से आकर्षित करता है जिन्होंने इसे पहली बार सुना होता है। इस गीतन संगीत में एक अलग ही तरह का आकर्षण है जो आपको हर बोल के साथ अपना बनाता चला जाता है। हर शब्द मन में कुछ अहसास जगाता है। 

राजस्थान के लोकगीत और संगीत में छुपे हुए प्रभाव वास्तव में मानवीय अनुभव, सांस्कृतिक धार्मिकता और प्रकृति के साथ मिलकर एक विविधतापूर्ण और प्रशांत माहौल प्रदान करते हैं। इन गीतों के माध्यम से राजस्थानी जनता अपनी भूमिका, संस्कृति, प्रेम, गर्व और जीवन के विभिन्न पहलुओं को व्यक्त करती है। इन गीतों में राजस्थान के जनजीवन और सांस्कृति का भी अहसास होता है। इन गीतों को सुनते सुनते व्यक्ति राजस्थान के जनजीवन की  कथाओं में खो जाता है। इन गीतों की कल्पना ही राजस्थान के इतिहास में छुपी हुई बहादुरी का परिचय करवाने लगती है। इन्दगी के उसी रंग में रंगति हुई वहीँ पर ले जाती है।  

शायद इसकी एक वजह यह भी हो कि राजस्थान के लोक गीतों में सदियों से प्रचलित रागों और तालों का बहुत ही सूंदर  प्रयोग होता है। ये गीत आमतौर पर देसी भाषा में गाए जाते हैं और संगीत, ताल, गीतकारी और गायकी में स्थानीय परंपराओं का पालन करते हैं। जिस जिस ने भी इस गीत संगीत को कभी कभर भी सुना है वह इस बात को अच्छी तरह जनता समझता है। यहां कुछ प्रसिद्ध राजस्थानी लोकगीतों के उदाहरण दिए गए हैं:

बहुत से अन्य प्रेम गीतों की तरह "ओ राणी" भी काफी गाया जाता है। यह एक प्रसिद्ध राजस्थानी लोकगीत है जिसमें प्रेम और प्रेमिका के बीच की कठिनाईयों को बहुत ही सुंदरता से ब्यान किया गया है। इसमें प्रेम की शिद्दत एक भी अहसास होता है और समाज से जुडी दीवारों का भी। समाज से संघर्ष करते हुए कैसे पाना है अपना प्रेम इसका अहसास करवाते हैं राजस्थानी गीत। 

इसी तरह "गोरी नागोरी"-यह एक राजस्थानी लोकगीत है जिसमें गोरा और नागोरी की प्रेम कहानी का वर्णन किया गया है। सभी विवादों के बावजूद इस गीत की जानीमानी गायका गोरी ने ख्याति की शिखरें छुई और बार बार छुईं। गोरी इन लोकगीतों के ज़रिए अपनी कला एयर गायन के प्रदर्शन को गांव की चौपाल से निकाल कर यूनिवर्स्टियों तक ले गई। गोरी नागौरी को बचपन से ही डांस में काफी रूचि थी। 9 वर्ष की उम्र में उन्होंने डांस सीखना शुरू कर दिया था। गौरतलब है कि वह अपने स्कूल में होने वाली डांस प्रतियोगिता में बढ़ चढ़-कर हिस्सा लिया करती थी। श्रोताओं और दर्शकों से मिलने वाली प्रशंसा के चलते वह अपनी कला में निखार लाती गई। जिस जिस बात को आम जनता पसंद करती रही हर उस बात गोरी नेअपनाया और अपनी कला में बहुत ही खूबसूरती से दिखाया।  वह राजस्थानी गीतों पर बोल्ड डांस करने के लिए फेमस हैं। उन्हें अक्सर कई मंचों पर बोल्ड डांस करते हुए देखा जाता है। वह हरियाणा की  सपना चौधरी की तरह राजस्थान में प्रसिद्ध है। वह राजस्थानी और हरियाणवी गानों पर अनोखे तरीके से डांस करती है। एक बार जब गोरी नागौरी ने टीवी पर शकीरा का डांस देखा तब वो उनसे इतनी प्रभावित हुईं कि, गोरी ने शकीरा के डांस स्टेप्स को फॉलो करना शुरु कर दिया। उनका डांस कोलंबिया की सिंगर-डांसर शकीरा से काफी मिलता जुलता है, इसलिए गोरी नागौरी को लोग राजस्थानी शकीरा कहकर भुलाते हैं।

एक और गीत "केसरिया बालम" भी बहुत लोकप्रिय हुआ है। इसकी भी अलग ही पहचान बनी हुई है। यह गीत राजस्थानी संगीत की प्रमुख पहचान माना जाता है। इसमें प्रेम के भाव को बहुत ही गहनता और संवेदना के साथ व्यक्त किया गया है और यह आमतौर पर सांगणेर शहर के नागरिकों द्वारा गाया जाता है। इसकी लोकप्रियता भी काफी रही है। 

प्रेम पर राजस्थान में बहुत कुछ लिखा और गाया गया है। लोकप्रिय गीतों में से एक गीत है-"गोरी तेरे जिया"- यह लोकगीत जैसलमेर क्षेत्र में प्रसिद्ध है और इसमें प्रेमिका को अपने प्रेमी के लिए विनती करते हुए व्यक्ति की भूमिका है। उस विनती और निवेदन में गज़ब की अभिव्यक्ति का अहसास होता है। तन के स्टेप्स मन के सभी उतराव चढ़ावों ओके दिखते हैं और महसूस भी करवाते हैं। 

कई लोक साज़ भी राजस्थानी गीत संगीत के प्रदर्शन के समय प्रयोग में लाए जाते हैं। राजस्थान के संगीत में धोल, नगाड़ा, सरंगी, शेनाई, मुरली, वीणा और खरताल जैसे वाद्य यंत्रों का उपयोग होता है। ये संगीत प्रशंसा गीत, भक्तिगीत, रागिनियों, आरतियों, ताराना और घूमरी जैसे विभिन्न प्रकारों में होता है। इन सभी से एक अलग सा ही रंग  बंधता चला जाता है। 

इन गीतों के गायन का मुख्य उद्देश्य संस्कृति की जागरूकता, मनोरंजन और जनता के बीच एक सामंजस्य बनाना है। राजस्थान के लोकगीत और संगीत को राजस्थानी संस्कृति की महत्वपूर्ण पहचान माना जाता है और इनका अद्यतन और संरक्षण संगीत प्रेमियों द्वारा किया जाता है।

Monday, March 27, 2023

अब सुन और बोल पाएगा नन्हा रूद्रप्रताप

Bikaner: 27th March 2023 at 04:10 PM

राजस्थान से सफलता की और नई कहानी

*14 माह के बच्चे का हुआ सफल कॉक्लियर इम्पलांट 

*बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में ईएनटी विभाग की उपलब्धि

*लाखों रूपए का उपचार चिरंजीवी योजना के तहत हुआ निःशुल्क

बीकानेर: 27 मार्च 2023:(राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

राजस्थान के इतिहास की सच्ची कहानियां आज भी आकर्षित और प्रभावित करती हैं। इन कहानियों में ज़िंदगी के ऐसे दुःख भी रहे जिनकी कल्पना मात्र से इंसान सिहर उठे। इसके साथ ऐसे संघर्ष भी रहे जिन्होंने इन दुख्खों को बारी बारी हारने का इतिहास भी रचा। यह बेहद गौरवशाली सिलसिला आज के आधुनिक युग में भी जारी है बस थोड़ा अंदाज़ बदल गए हैं और रंग रूप भी। नै कहानी आई है बीकानेर से। यह सच्ची कहानी इस बात की याद भी दिलाती है कि ज़िंदगी हर कदम इक्क नई जंग है। यह जंग छोटी उम्र में भी सामने आ सकती है और वृध्दा अवस्था में भी। साथ ही यह कहानी बताती है की संघर्ष और कोशिश आपको विजय श्री दिला ही देती है। इसलिए न तो कभी कोशिश छोड़िए और न ही संघर्ष। पढ़ कर देखिए इस सच्ची कहानी को। 

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से संबद्ध पीबीएम अस्पताल, बीकानेर के ईएनटी विभाग ने 14 माह के रूद्रप्रताप के दोनों कानों में सफल कॉक्लियर इम्प्लांट करते हुए उसे सुनने व बोलने के योग्य बनाया। विभाग के सर्जन डॉ. गौरव गुप्ता ने मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मासूम का ऑपरेशन किया। अस्पताल की प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि अस्पताल के ईएनटी विभाग की यह बड़ी उपलब्धि है। 

डॉ. सोनी ने बताया कि इस प्रकार के ऑपरेशन में आम तौर पर लाखों रूपये का खर्च आता है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से  चिकित्सा क्षेत्र में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किए जाने के बाद गरीब, मध्यमवर्गीय परिवारों को भारी-भरकम खर्च करने की आवश्यकता नहीं रहती क्योंकि ऐसे ऑपरेशन पूर्णतया निःशुल्क किये जा रहे हैं।

जन्मजात बहरेपन से ग्रसित था रूद्र 

नाक, कान, गला विभाग के वरिष्ठ आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. दीपचन्द ने बताया कि गांव खाकोली, जिला सीकर निवासी बालक रूद्रप्रताप जन्म से ही सुनने व बोलने की अक्षमता से ग्रसित था। मरीज के परिजनों ने नाक, कान व गला रोग विभाग में संपर्क किया। विभिन्न जांचें करवाने से पता चला कि इस बच्चे का उपचार कॉक्लियर इम्प्लांट से संभव है। 

मरीज की उम्र का भी महत्व

ई.एन.ओ. सर्जन डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि कॉक्लियर सर्जरी में मरीज की उम्र का काफी महत्व होता है। मरीज का जितनी कम उम्र में कॉक्लियर इम्प्लांट हो जाए, उसका परिणाम उतना ही अच्छा रहता है। रूद्रप्रताप को 8-9 माह की उम्र में ईएनटी विभाग में उपचार के लिए लाया गया, इसलिए उसका कॉक्लियर इम्प्लांट संभव हो सका। अब इस बच्चे को दो वर्ष की स्पीच थैरेपी भी चिरंजीवी योजना के अंतर्गत निःशुल्क ही जाएगी, जिससे यह बच्चा सामान्य बच्चों की तरह सुन व बोल सकेगा। 

टीम का रहा विशेष सहयोग

ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. दीपचंद के निर्देशन में हुए इस सफल ऑपरेशन में डॉ. गौरव गुप्ता, डॉ. गीता सोलंकी, डॉ. सुभाष, डाया, डॉ. स्नेहलता, निश्चेतन विभाग के डॉ. विशाल देवड़ा, डॉ. इशानी, डॉ. प्रशांत एवं  नर्सिंग स्टाफ इंचार्ज वीणा व्यास, संतोष, अशोक तथा ओटी कर्मी हनुमान व नरेन्द्र शामिल थे। इसके अतिरिक्त इम्प्लांट की कार्यप्रणाली की जाँच हेतु स्पीच थैरेपिस्ट कौशल शर्मा व सागरिका भी उपस्थित रहे ।

------  करीना शर्मा/चन्द्रशेखर/कविता जोशी


Tuesday, December 27, 2022

इंदिरा रसोई योजना निभा रही है इस वायदे को कि कोई भूखा न सोए

27th December 2022 at 05:46 PM

इस बार चर्चा इंदिरा रसोई योजना की गुणवत्ता और लोकप्रियता पर 


जयपुर
: 27 दिसंबर 2023: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

इस पोस्ट की विशेष सामग्री मॉडल स्टेट राजस्थान के उस अभियान पर है जिस के अंतर्गत राजनीति से ऊपर उठ कर जनसेवा ही सबसे पहले रखा गया है। इसी के अंतर्गत ध्यान रखा जाता है कि सबका सम्मान हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। यह एक अनूठी तस्वीर है जो बता रही है किस तरह से आगे बढ़ता जा रहा है आज का आधुनिक राजस्थान। इंदिरा रसोई उन लोगों के लिए एक विशेष आकर्षण भी है जिन्होंने राजस्थान में जा कर सच होते देखा है वह संकल्प कि अब कोई भूखा न सोए। धर्मकर्म की इस धरना और भावना को सियासत में भी साकार होते देखना कितना सुखद लगता है। अब महसूस होता है कि आज के इस भयानक कलियुग में भी सतयुग लौट सकता है। 

राज्य में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना के तहत ‘कोई भूखा ना सोए’ की संकल्पना को चरितार्थ किया जा रहा है। राज्य में 20 अगस्त, 2020 को प्रदेश के 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों के माध्यम से इस योजना की शुरुआत की गई। इस वर्ष 18 सितम्बर को जोधपुर से इंदिरा रसोई योजना के तहत 512 नवीन इंदिरा रसोइयों का शुभारम्भ किया गया। वर्तमान में 870 इंदिरा रसोई संचालित की जा रही है जिन्हें बजट घोषणा में बढाकर 1 हजार किया गया है।

इंदिरा रसोई केन्द्रों पर मात्र 8 रूपये में पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा हैं तथा प्रति थाली 17 रूपये का अनुदान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा हैं।  भोजन में प्रति थाली 100 ग्राम दाल 100 ग्राम सब्जी 250 ग्राम चपाती और अचार शामिल है। इस योजना के तहत दोपहर का भोजन सुबह 8ः30 बजे से दोपहर 1ः00 बजे तक एवम रात्रिकालीन भोजन शाम 5ः00 बजे से रात 8ः00 बजे तक उपलब्ध करवाया जाता है। 

इंदिरा रसोई योजना के तहत अब तक 7 करोड़ 42 लाख लोगों को भोजन की थाली परोसी जा चुकी है, वर्तमान में संचालित 870 इंदिरा रसोई की संख्या बढाकर 1000 करने का लक्ष्य रखा गया है। 

जालोर ज़िले में वर्तमान में 15 इंदिरा रसोई संचालित है, जिसमें जालोर नगर परिषद में 7, भीनमाल नगर पालिका  में 4, सांचौर नगर पालिका  में 3 एवं रानीवाडा नगर पालिका में 1 इंदिरा रसोई संचालित की जा रही हैं। इंदिरा रसोई में मात्र 8 रू में उपलब्ध भोजन होने के कारण जरुरतमंदों एवं गरीब तबकों को उचित सहायता मिलती है।

जालोर जिले में 4 नगरीय निकायों में संचालित 15 इंदिरा रसोई में इस वर्ष माह नवम्बर तक कुल 125.75 प्रतिशत उपयोगिता के साथ कुल 11 लाख 74 हजार 744 भोजन थाली लोगों को परोसी गई हैं।  अनुमान लगाएं कि कितने लोगों को भूखा सोने से बचा  लिया। 

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Thursday, December 22, 2022

इस तरह बन रहा है सचमुच में राजस्थान एक मॉडल स्टेट

22nd December 2022 at 05:28 PM

जयपुर के जय सिंह को मिला है बिलकुल ही नया जीवन

जयपुर: 22 दिसम्बर 2022: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

आम जनता के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए राजस्थान की सरकार नए रास्ते भी बना रही है और नई परम्पराएं भी स्थापित कर रही है। जिसके पास इलाज के लिए न धन होता ही और न ही मेडिसिन उसे ही पता होता जीना कितना मुश्किल है! बीमारी से लड़ना कितना कठिन है। मौत के मुंह से वापिस आना क्या होता है। 

इस बार की विशेष सामग्री उन कदमों के विवरण पर आधारित है जो राजस्थान को एक  मॉडल स्टेट बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं। इन कदमों का गहरा मकसद जनसेवा ही है। देश में एक ऐसी मिसाल पैदा करना कि ऐसा भी हो सकता है। इस सेवा, सहयोग और सहायता के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना कि  सबका सम्मान भी बनाए रखना है, स्नेह संबंध भी विकसित करने हैं और यह भी सभी को दिखाना है कितनी तेज़ी से आगे बढ़ता जा रहा है राजस्थान। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना इन्हीं कदमों में से एक है। इसका फायदा कितने लोगों को पहुँच रहा है इसकानुमान आप स्वयं लगा लीजिए। 

खानपुरा में बास गांव के जय सिंह को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना ने नया जीवन दिया है। गौरतलब है कि 60 वर्षीय जय सिंह सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए थे। जिससे उनके दाएं पैर में गंभीर फ्रैक्चर हो गया। परिजन उन्हें जयपुर के ही एक निजी अस्पताल में लेकर आए। अस्पताल में प्राथमिक उपचार एवं जांच के आधार पर उनके पैर में टीवीयल हड्डी का फ्रैक्चर पाया गया।

इलाज का खर्च लाखों में था और जय सिंह के परिवार की माली हालत ज्यादा अच्छी नहीं थी। इस मुश्किल वक्त में सहारा बनी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना। योजना के तहत चिकित्सकों ने पीड़ित जय सिंह को अस्पताल में भर्ती कर उपचार प्रारंभ किया। गत 14 नवम्बर को उनका ऑपरेशन किया गया। डॉ. रहीम और उनकी टीम द्वारा किए गए ऑपरेशन के बाद जयसिंह को दर्द से निजात मिल गई। अब उनके पैर में काफी सुधार है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की वजह से उन्हें इलाज करवाने में काफी आसानी हुई एवं एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ। वे और उनका परिवार मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और अस्पताल प्रशासन को हार्दिक धन्यवाद देते हैं, जिनकी वजह से उन्हें निशुल्क उपचार मिला और बीमारी से निजात मिल सकी।

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना बनी मन्नू का भी संबल

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना आम जनता के जीवन में कैसे खुशहाली ला रही है, इसकी सबसे बड़ी मिसाल है सिरोही निवासी 13 वर्षीय मन्नू गुर्जर। मन्नू काफी दिनों से पेट दर्द से पीड़ित थी, दर्द धीरे-धीरे बढ़ता गया। बच्ची दर्द से बहुत परेशान थी और इस कारण उसे बुखार भी आ रहा था। घर की आर्थिक स्थिति इलाज की इजाजत नहीं दे रही थी। लेकिन जयपुर में जिला प्रशासन की सहायता से मन्नू को जयपुर के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

उपचार के बाद मन्नू के स्वास्थ्य में सुधार हुआ। मन्नू के पिता मुरलीधर ने बताया कि इस योजना की वजह से उन्हें इलाज करवाने में काफी आसानी हुई एवं एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ। वे कहते हैं किसी की पीड़ा में सहारा बनने से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मानवता के इसी धर्म को राज्य सरकार बखूबी निभा रही है।  ----

Wednesday, November 23, 2022

राजस्थान में मौसम की मेहरबानी-खिंचे चले आ रहे हैं सैलानी

 23rd November 2022 at 04:32 PM

कोरोना के बाद फिर से लौट रही हैं पुरानी रौनकें 

जयपुर: 23 नवंबर 2023:  (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

जैसे पतझड़ के बाद बहार भी आती है उसी तरह उदासियों के बाद खुशियां भी लौट आती हैं। पढ़िए इस विशेष लेख में इसी तरह की हकीकतें। एक झलक  कि इस प्रदेश में किस तरह साथ-साथ बढ रहे हैं सर्दी और सैलानी।  माहौल पर पर्यटन का जादू शिखर पर है।


सर्दी के साथ ही बढ़ पर्यटन का जादू 

सर्दी के साथ साथ बढ़ता जा रहा है पर्यटन का जादू। सैलानी खींचे चले आ रहे हैं इस प्रदेश की तरफ। प्रदेश में जैसे-जैसे सर्दी का मौसम आगे बढ़ रहा है राजधानी जयपुर में सैलानियों की चहलकदमी भी बढ़ती जा रही है। कोरोना महामारी के कारण प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आवक रूक गई थी लेकिन अब हालात सामान्य हो चुके हैं और एक बार फिर गुलाबी नगरी पर्यटकों की भीड़ के रंग में रंगी नजर आने लगी है। राजधानी जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों जिनमें आमेर दुर्ग, जलमहल, अल्बर्ट हॉल,जंतर-मंतर पर सैलानियों की अच्छी खासी भीड देखने को मिल रही है। राजधानी जयपुर में देश ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी आना शुरू हो गए हैं।

लौट रही हैं कोरोना से पहले वाली रौनकें 

कोरोना महमारी के दौर में राजधानी जयपुर समेत पूरे प्रदेश में ही पर्यटन स्थलों पर प्रवेश बन्द कर दिए गए थे। पर्यटन स्थलों के बन्द होने से ना सिर्फ यहां सन्नाटा पसर गया बल्कि इनके आस पास के व्यापारियों का भी नुकसान हुआ लेकिन अब पर्यटन स्थलों की रौनक धीरे-धीरे लौटने लगी है। जिससे शहर की खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं ।

धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा पर्यटन  

साल 2022 आते आते प्रदेश का पर्यटन फिर पटरी पर लौट आया है। साल 2020 में प्रदेश में 155.63 लाख पर्यटकों का आगमन हुआ जिनमें से 151.17 लाख देशी पर्यटक थे तो वहीं 4.46 लाख विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ। लेकिन अब धीरे-धीरे इस संख्या में इजाफा हो रहा है वर्ष 2021 में कुल 220.24 लाख पर्यटकों ने प्रदेश के पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया जिनमें से देशी पर्यटकों की संख्या 219.89 लाख थी तो वहीं 0.35 लाख  विदेशी पर्यटक घूमने आए। हाल के आंकडों को देखें तो साल 2022 में सितम्बर माह तक कुल 757.26 लाख पर्यटक प्रदेश का भ्रमण कर चुके हैं जिनमें देशी पर्यटकों की संख्या 755.62 लाख है तो वहीं विदेशी पर्यटक 1.64 लाख हैं।  पर्यटकों की बढती संख्या से ना सिर्फ पर्यटन स्थलों की खूबसूरती लौट रही है बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है।

राजस्थान को करीब से देखने का सपना पूरा हुआ

उड़ीसा से राजस्थान घूमने आईं दिव्या साहू का कहना है कि उनका बचपन से ही राजस्थान घूमने का सपना था क्योंकि राजस्थान की छवि उनके  मन में किलों और महलों वाले प्रदेश की थी,उन्होंने बताया कि राजस्थान देखकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है। चित्तौड़गढ दुर्ग देखने के बाद वे आमेर दुर्ग देखने जयपुर आई हैं। दिव्या कहती हैं कि जयपुर वास्तव में बहुत सुन्दर शहर है वे यहाँ से बहुत सारी यादें लेकर जा रहीं हैं।

प्रदेश की धरोहर को देखकर हर्ष का अनुभव होता है

ऐसा ही कुछ कहना है आमेर जयपुर के रहने वाले वीरेन्द्र का। वीरेन्द्र बताते हैं कि हमें गर्व होता है कि हम दुनिया में मशहूर जयपुर शहर के निवासी हैं। जब से जयपुर परकोटे को यूनेस्को विश्व हैरिटेज में शामिल किया गया है तब से उनमें जयपुर शहर के बाहर के दोस्त जयपुर घूमना चाहते थे आज वे अपने इन दोस्तों के साथ जयपुर घूमने आए हैं। वीरेन्द्र ने कहा कि गुलाबी नगर को इस तरह से संरक्षित किया गया है कि पर्यटन स्थलों को घूमकर ना सिर्फ प्रदेश के बाहर के लोगों को बल्कि यहां के निवासियों को भी प्रदेश की धरोहर को देखकर हर्ष का अनुभव होता है। ----

Tuesday, August 2, 2022

राजस्थान: सफलता की कहानी- एक नई सत्य कथा के साथ

 02-अगस्त-2022, 03:15 PM 

 उदयपुर:बड़गांव की चार कॉलोनी वासियों को वर्षों बाद मिला अपने घरों के पट्टों का हक 


उदयपुर
: 2 अगस्त 2022:  (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो)::

जिनके पास अपना घर नहीं होता उनसे पूछ कर देखना घर न होने का दर्द। जब किसी का अपना घर बन जाता है तो उसकी ख़ुशी का भी कोई ठिकाना नहीं रहता। इस ख़ुशी का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। ज़ेह ख़ुशी मिली है राजस्थान में उदयपुर के एक गांव में रहने वाले लोगों को।  

उदयपुर के बड़गांव की चार कॉलोनीवासियों को करीब तीस सालों बाद पट्टों का हक मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। अब ये सभी लाभार्थी मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त कर रहे हैं।

यूआईटी सचिव बालमुकुंद असावा ने बताया कि न्यू मनोहरपुरा कॉलोनी में राजकीय भूमि सम्मिलित होने से इस कॉलोनी में पट्टे जारी नहीं हो पा रहे थे। प्रशासन शहरों के संग अभियान में शिथिलता प्रदान की गई। सामुदायिक भवन परशुराम कॉलोनी, देवाली में शिविर आयोजित किया गया। शिविर में कृष्णा कॉलोनी, न्यू कृष्णा कॉलोनी, महालक्ष्मी नगर एवं न्यू मनोहरपुरा क्षेत्र में विगत 25-30 वर्षों से निवासरत लाभार्थियों को कुल 235 पट्टे एवं 56 भूखण्डों के आवंटन पत्र जारी किये गए। पट्टों का हक मिलने से निवासियों की खुशी का ठिकाना न रहा एवं उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त नामान्तरण के 49 प्रकरणों, भवन मानचित्र अनुमोदन के 192 प्रकरण, लीज जमा करने के 216 एवं उपविभाजन/एकीकरण के 9 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

यूआईटी ने अब तक दिए 10 हजार 218 पट्टे

नगर विकास प्रन्यास, उदयपुर द्वारा प्रशासन शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत अब तक कुल 10 हजार 218 पट्टे, 5 हजार 412 भवन निर्माण स्वीकृति, 271 भूखण्डों के उपविभाजन/एकीकरण, 5102 नामान्तरण, 4693 लीज संबंधी प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है। 

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कमलेश शर्मा, सहा. निदेशक, उदयपुर


Monday, August 1, 2022

‘जनता का बजट, जन-जन तक’ कार्यशाला का आयोजन

  01-अगस्त-2022, 05:06 PM

जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में सजा जनकल्याणकारी सूचनाओं का संसार

 बजट की योजनाओं के क्रियान्वयन पर हुई विशेष चर्चा 


अधिका
रियों ने सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की 

जयपुर: 1 अगस्त 2022: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो)::

बजट का फायदा तभी है अगर वह आम जनता के ज़्यादा से ज़्यादा काम आ सके। बजट बनाते वक्त इस क्षेत्र के विशेषज्ञ इस बात का ध्यान भी रखते हैं लेकिन फिर भी कोई न कोई कमी पेशी अगर रह जाए तो उसे विशेष चर्चाओं से दूर किया जाता है। इसी तरह की एक ख़ास चर्चा जयपुर मुर में भी हुई। 

इस खास चर्चा में जनकल्याणकारी बजट 2021-22 व 2022-23 की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक अभिनव पहल की गई है। वित्तीय विभाग की ओर से सोमवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में ‘जनता का बजट, जन-जन तक’ कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन पर फेस टू फेस चर्चा की।

कार्यशाला में आयोजित सत्रों में विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों को बजट घोषणाओं के बारें में विस्तृत रूप से चर्चा की। राज्य के 352 ब्लॉक से आए प्रतिनिधियों ने अधिकारियों को महत्वपूर्ण घोषणाओं पर सुझाव दिए। वहीं, अधिकारियों ने बजट घोषआओं के क्रियान्वयन में हुई प्रगति की जानकारी दी। विभिन्न प्रस्तुतीकरणों के माध्यम से आमजन के कल्याण के लिए किए निर्णयों के बारें में उन्हें अवगत करवाया गया। साथ ही, प्रतिनिधियों से कई मुद्दों पर चर्चा कर उनकी जिझासाओं का समाधान किया।

इस यादगारी कार्यशाला में महात्मा गांधी नरेगा योजना, मुख्यमंत्री युवा संबल योजना, महात्मा गांधी अंग्रेजी मिडियम विद्यालय, कृषि बजट, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना, राइट टु हेल्थ बिल, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना, मुख्यमंत्री किसान पेंशन योजना, पालनहार योजना, इंदिरा रसोई योजनाओं इत्यादि पर सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई।

रोज़गार (ग्रामीण विकास, स्वायत्त शासन विभाग), युवा एवं खेल विकास (युवा एवं खेल विकास विभाग), शैक्षिक स्तर एवं गुणवत्ता (शिक्षा एव उच्च शिक्षा विभाग), कृषि विकास एवं कृषक कल्याण (कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं ऊर्जा विभाग) निरोगी एवं चिरंजीवी राजस्थान (स्वास्थ्य विभाग), सामाजिक सुरक्षा एवं सशक्तिकरण (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एवं पर्यटन विभाग) एवं जनजाति कल्याण (जनजाति क्षेत्रीय विकास, वन एवं राजस्व विभाग) जैसे विषयों पर संबंधित विभागों द्वारा सत्र आयोजित किए गए, जिनमें उत्साह के साथ प्रतिनिधियों व आमजन ने भाग लिया।

साथ ही, श्रम कल्याण एवं प्रवासी श्रमिक उत्थान (श्रम, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग), राजस्थान सुशासन की ओर (प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय, कार्मिक एवं वित्त (व्यय) विभाग), जरूरतमंद को अन्न एवं भोजन (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, स्वायत्त शासन विभाग) एवं महिला निधि एवं सशक्तिकरण (महिला एवं बाल विकास, उच्च शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग) के सत्र भी आयोजित किए गये है।

Wednesday, March 9, 2022

इन्दिरा रसोई योजना अर्थात पौष्टिकता से भरपूर सस्ता भोजन

 एक विशेष लेख जिसमें है इस शानदार योजना की पूरी जानकारी 

 4 करोड़ 46 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराती है यह योजना 


जयपुर
: 7 मार्च 2022: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो)::

प्रदेश व देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जब कोरोना वायरस की प्रथम लहर ने वर्ष 2020 के शुरूआत से ही पूरे मानव जीवन को झकझोर के रख दिया था और इस भयावह बीमारी से पूरे प्रदेश व देश में असंख्य व्यक्तियों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग थे। राजस्थान में इस भयावह बीमारी की रोकथाम के लिए जब लॉकडाउन घोषित किया अनेक लोगों का रोजगार भी छीन गया था, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दो वक्त के भोजन के लिए भी संघर्ष करना पड़ा और जीवनयापन करना दूभर हो गया था।

ऐसी विषम परिस्थितियों में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य की जनता के प्रति सरकार आपके के साथ की भावना से ओतप्रोत अपनी वचनबद्धता का परिचय देते हुये राज्य के 213 शहरी क्षेत्रों में 358 रसोई के माध्यम से 20 अगस्त, 2020 से ’’कोई भूखा न सोए’’ के लक्ष्य से देश की महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी जिन्होंने अपना पूरा जीवनकाल निराश्रितों की सहायता एवं सेवाभाव में लगा दिया था उन्हीं के नाम पर इंदिरा रसोई योजना का शुभारम्भ किया। इंदिरा रसोई की शुरूआत से राजस्थान की एक विकसित तस्वीर उमडकर सामने आई है।

 इंदिरा रसोई योजना में क्या खास हैं?

इंदिरा रसोई के तहत शहर के विभिन्न हिस्सों में गरीब एवं निराश्रित, कामगार, प्रवासी मजदूरों, शहरी गरीबों, जरूरतमंदों आदि को मात्र 8 रुपये में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दोपहर का भोजन प्रातः 8ः30 बजे से मध्यान्ह 1ः00 बजे तक एवं रात्रिकालीन भोजन सायंकाल 5ः00 बजे से 8ः00 बजे तक उपलब्ध कराये जाने का सुनिर्णय लिया। 

योजना की खास बात यह है कि इसमें सम्मान पूवर्क बैठाकर शुद्ध भोजन खिलाया जाता है

भोजन मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं आचार सम्मिलित है जो कि सामान्य रूप से एक व्यक्ति के भोजन की शारीरिक आवश्यकता की पूर्ति हेतु निर्धारित मापदंडों के अनुरूप भोजन की आपूर्ति की जाती है। योजना की स्वर्णिम सफलता इसी से प्रतीत होती है कि भोजन वाहनों का समयानुसार इंतजार एवं वाहनों के समक्ष लोगों की लम्बी कतार लोगों की जठराग्नि को संतुष्टि पूर्ण तृप्त करने की गवाही स्वयं ही देती है। इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि यह योजना अपने निर्धारित उद्देेश्यों को सुव्यवस्थित एवं गतिशीलता के साथ प्राप्त करने को अग्रसर सफलतम योजना के रूप में स्थापित हो रही है। राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन की अवधि में योजना के तहत 65 लाख 4 हजार से भी ज्यादा जरूरत मंदों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाया गया। इसी का परिणाम है मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अपने वर्ष 2022-23 के बजट में इंदिरा रसोई की संख्या प्रदेश में बढ़ाकर एक हजार करने की घोषणा की है। 

पारदर्शिता के साथ की जा रही है मॉनिटर्रिंग

इंदिरा रसोई में पारदर्शिता के सिद्धांत का सुनिश्चितता बेहतर उपयोग किया गया हैं, इंदिरा रसोई का प्रत्येक वाहन जीपीएस सिस्टम से जुड़ा है, और जैसे ही कोई लाभार्थी रसोई काउंटर पर आता है, स्वचालित रूप से उसका फोटा खिंच जाता है, और तत्काल प्रभाव से उसके दिए गए मोबाइल नंबर पर एक संदेश भेजा जाता है, जिसमें इंदिरा रसोई में आने और भोजन स्वीकार करने के लिए लाभार्थी को धन्यवाद दिया जाता है। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता बनी रहती है। लाभार्थियों की सही संख्या ज्ञात हो जाती है वहीं दूसरी ओर योजना में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या कदाचार से बचा जा सकता है, जिससे योजना के व्यवस्थित और निर्बाध निष्पादन की सुनिश्चितता संभव होती है। 

योजना के सफल संचालन से मिला रोजगार

मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गयी यह योजना 100 करोड़ रुपये के प्रावधान एवं चयनित एन.जी.ओ. के सुदृढ़ नेटवर्क एवं सामंजस्य की मिसाल एवं मुख्यमंत्री के जनता के प्रति स्नेह एवं प्रतिबद्धतापूर्ण शासकीय एवं प्रबंधकीय निर्णयों की सकारात्मकता एवं सार्थक क्षमता को परिभाषित करती है। इंदिरा रसोई योजना द्वारा गरीब एवं निराश्रित, कामगार, प्रवासी मजदूरों, शहरी गरीबों, जरूरतमंदों आदि को भोजन कराने के उद्देश्यों के साथ-साथ रोजगार सृजन के रूप में भी यह मील का पत्थर साबित हुयी है। इस योजना से असंख्य रसोइयों, वाहन चालक एवं वितरण हेतु व्यक्तियों को रोजगार की उपलब्धता के साथ जीवन स्तर में स्वीकारात्मक सुधारों की प्राप्ति हुयी है। 

योजना का लक्ष्य 4.87 करोड़ लोगों को लाभान्वित करना

योजना के अन्तर्गत प्रतिदिन 1.34 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 4.87 करोड़ लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है तथा आवश्यकता के अनुरूप इसे और बढ़ाया जा सकता है। इसी तरह प्रत्येक रसोई संचालन हेतु एकमुश्त 5 लाख रुपये आधारभूत एवं 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष आवर्ती व्यय का प्रावधान किया गया है। 

फीडबैक से की जा रही है सधन मॉनीटरिंग

मुख्यमंत्री के संकल्प ’’कोई भी भूखा नहीं सोए’’ को साकार करने के लिए संयुक्त रूप से नगरीय विकास एवं आवासन, स्वायत्त शासन विभाग ने जिम्मेदरी ली है। नगरीय विकास एवं आवासन, स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल के निर्देश पर स्वायत्त शासन विभाग ने योजना को अविलम्ब पूरे राज्य में लागू किया और नगरीय निकाय रसोइयों की प्रतिदिन संचालन की नियमित मॉनिटरिंग एवं समीक्षा कर रहे है।

लगभग 4.46 करोड़ लाभान्वित

इसी तरह प्रदेश के समस्त 10 नगर निगम क्षेत्रों में 87 रसोईघर संचालित हैं तथा नगरपरिषद क्षेत्रों में 102 एवं 169 नगर पालिका क्षेत्रों में 169 रसोई घर संचालित किये जा रहे हैं। योजना के अन्तर्गत नगर निगम क्षेत्र रसोइघरों में 300 थाली दोपहर को एवं 300 थाली रात्रि भोजन में जरूरतमंदों को उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह नगर परिषद क्षेत्रों में भी दोपहर को 150 एवं रात्रि भोजन में भी 150 थाली तथा नगर पालिका क्षेत्र की रसोइयों में भी 150 थाली दोपहर को एवं 150 ही थाली रात्रि भोजन में उपलब्ध कराई जाती है। राज्य सरकार के अथक प्रयासों से योजना के तहत लगभग 4 करोड़ 46 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध करा लाभान्वित किया जा चुका है।

हम गरीबों की दुआ से ही गहलोत साहब हुए स्वस्थ

हम गरीबों का इन विषम परिस्थितियों में ध्यान रखकर हमें वक्त पर भोजन दिया। उन्होंने हमारा ध्यान रखा भगवान  ने उनका ध्यान रखा, भोजन प्राप्त करने वाले फूलचन्द एवं डाली देवी का कहना है गहलोत साब ने हम गरीबों का ध्यान रखा उसी वजह से आज दो बार कोरोना संक्रमित होने तथा हृदय रोग से ग्रस्त होने के बाद भी हमारी दुआ से गहलोत साब स्वस्थ है। भगवान ने उन्हें लम्बी उम्र प्रदान करें। 

-के.एल. मीना

उपनिदेशक (समाचार)