Tuesday, August 2, 2022

राजस्थान: सफलता की कहानी- एक नई सत्य कथा के साथ

 02-अगस्त-2022, 03:15 PM 

 उदयपुर:बड़गांव की चार कॉलोनी वासियों को वर्षों बाद मिला अपने घरों के पट्टों का हक 


उदयपुर
: 2 अगस्त 2022:  (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो)::

जिनके पास अपना घर नहीं होता उनसे पूछ कर देखना घर न होने का दर्द। जब किसी का अपना घर बन जाता है तो उसकी ख़ुशी का भी कोई ठिकाना नहीं रहता। इस ख़ुशी का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। ज़ेह ख़ुशी मिली है राजस्थान में उदयपुर के एक गांव में रहने वाले लोगों को।  

उदयपुर के बड़गांव की चार कॉलोनीवासियों को करीब तीस सालों बाद पट्टों का हक मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। अब ये सभी लाभार्थी मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त कर रहे हैं।

यूआईटी सचिव बालमुकुंद असावा ने बताया कि न्यू मनोहरपुरा कॉलोनी में राजकीय भूमि सम्मिलित होने से इस कॉलोनी में पट्टे जारी नहीं हो पा रहे थे। प्रशासन शहरों के संग अभियान में शिथिलता प्रदान की गई। सामुदायिक भवन परशुराम कॉलोनी, देवाली में शिविर आयोजित किया गया। शिविर में कृष्णा कॉलोनी, न्यू कृष्णा कॉलोनी, महालक्ष्मी नगर एवं न्यू मनोहरपुरा क्षेत्र में विगत 25-30 वर्षों से निवासरत लाभार्थियों को कुल 235 पट्टे एवं 56 भूखण्डों के आवंटन पत्र जारी किये गए। पट्टों का हक मिलने से निवासियों की खुशी का ठिकाना न रहा एवं उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त नामान्तरण के 49 प्रकरणों, भवन मानचित्र अनुमोदन के 192 प्रकरण, लीज जमा करने के 216 एवं उपविभाजन/एकीकरण के 9 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

यूआईटी ने अब तक दिए 10 हजार 218 पट्टे

नगर विकास प्रन्यास, उदयपुर द्वारा प्रशासन शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत अब तक कुल 10 हजार 218 पट्टे, 5 हजार 412 भवन निर्माण स्वीकृति, 271 भूखण्डों के उपविभाजन/एकीकरण, 5102 नामान्तरण, 4693 लीज संबंधी प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है। 

-----

कमलेश शर्मा, सहा. निदेशक, उदयपुर


Monday, August 1, 2022

‘जनता का बजट, जन-जन तक’ कार्यशाला का आयोजन

  01-अगस्त-2022, 05:06 PM

जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में सजा जनकल्याणकारी सूचनाओं का संसार

 बजट की योजनाओं के क्रियान्वयन पर हुई विशेष चर्चा 


अधिका
रियों ने सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की 

जयपुर: 1 अगस्त 2022: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो)::

बजट का फायदा तभी है अगर वह आम जनता के ज़्यादा से ज़्यादा काम आ सके। बजट बनाते वक्त इस क्षेत्र के विशेषज्ञ इस बात का ध्यान भी रखते हैं लेकिन फिर भी कोई न कोई कमी पेशी अगर रह जाए तो उसे विशेष चर्चाओं से दूर किया जाता है। इसी तरह की एक ख़ास चर्चा जयपुर मुर में भी हुई। 

इस खास चर्चा में जनकल्याणकारी बजट 2021-22 व 2022-23 की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक अभिनव पहल की गई है। वित्तीय विभाग की ओर से सोमवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में ‘जनता का बजट, जन-जन तक’ कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन पर फेस टू फेस चर्चा की।

कार्यशाला में आयोजित सत्रों में विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों को बजट घोषणाओं के बारें में विस्तृत रूप से चर्चा की। राज्य के 352 ब्लॉक से आए प्रतिनिधियों ने अधिकारियों को महत्वपूर्ण घोषणाओं पर सुझाव दिए। वहीं, अधिकारियों ने बजट घोषआओं के क्रियान्वयन में हुई प्रगति की जानकारी दी। विभिन्न प्रस्तुतीकरणों के माध्यम से आमजन के कल्याण के लिए किए निर्णयों के बारें में उन्हें अवगत करवाया गया। साथ ही, प्रतिनिधियों से कई मुद्दों पर चर्चा कर उनकी जिझासाओं का समाधान किया।

इस यादगारी कार्यशाला में महात्मा गांधी नरेगा योजना, मुख्यमंत्री युवा संबल योजना, महात्मा गांधी अंग्रेजी मिडियम विद्यालय, कृषि बजट, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना, राइट टु हेल्थ बिल, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना, मुख्यमंत्री किसान पेंशन योजना, पालनहार योजना, इंदिरा रसोई योजनाओं इत्यादि पर सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई।

रोज़गार (ग्रामीण विकास, स्वायत्त शासन विभाग), युवा एवं खेल विकास (युवा एवं खेल विकास विभाग), शैक्षिक स्तर एवं गुणवत्ता (शिक्षा एव उच्च शिक्षा विभाग), कृषि विकास एवं कृषक कल्याण (कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं ऊर्जा विभाग) निरोगी एवं चिरंजीवी राजस्थान (स्वास्थ्य विभाग), सामाजिक सुरक्षा एवं सशक्तिकरण (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एवं पर्यटन विभाग) एवं जनजाति कल्याण (जनजाति क्षेत्रीय विकास, वन एवं राजस्व विभाग) जैसे विषयों पर संबंधित विभागों द्वारा सत्र आयोजित किए गए, जिनमें उत्साह के साथ प्रतिनिधियों व आमजन ने भाग लिया।

साथ ही, श्रम कल्याण एवं प्रवासी श्रमिक उत्थान (श्रम, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग), राजस्थान सुशासन की ओर (प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय, कार्मिक एवं वित्त (व्यय) विभाग), जरूरतमंद को अन्न एवं भोजन (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, स्वायत्त शासन विभाग) एवं महिला निधि एवं सशक्तिकरण (महिला एवं बाल विकास, उच्च शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग) के सत्र भी आयोजित किए गये है।