Friday, December 1, 2023

विश्व एड्स दिवस पर राजस्थान में भी विशेष संकल्प लिया गया

Friday: 1st December  2023 at 07:55 PM

एड्स पर नियंत्रण के लिए बढ़ाई जाएगी सामुदायिक सहभागिता


जयपुर: 01 दिसम्बर 2023: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::
विश्व ऐडस दिवस के मौके पर दुनिया भर में विशेष आयोजन हुए। इस से सतर्क रहने और पूरी तरह से ध्यान रखने की आवश्यकता अभी भी मौजूद है। इसी चेतना को और अधिक फैलाने के लिए दुनिया भर में विभिन्न संगठन इस दिशा में सक्रिय रहते हैं। देश और दुनिया के कई हिस्सों की तरह राजस्थान में इस मौके पर विशेष संकल्प लिया गया। 

विश्व एड्स दिवस के अवसर पर शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में राजस्थान एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर थे। निदेशक एड्स डॉ. सुशील कुमार परमार ने अध्यक्षता की। इस दौरान प्रदेशभर में एड्स नियंत्रण एवं जागरूकता कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों, संस्थाओं एवं स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

निदेशक जनस्वास्थ्य ने कहा कि इस वर्ष विश्व एड्स दिवस की थीम ‘‘लेट कम्यूनिटीज लीड’’ निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य एड्स कन्ट्रोल कार्यक्रम में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाना है। उन्होंने सभी संस्थाओं एवं कार्मिकों से इस बीमारी से पीड़ित लोगों के उपचार, उनके अधिकारों की रक्षा एवं गुणवत्तापूर्ण देखभाल का संकल्प लेने की अपील की।

डॉ. माथुर ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में एचआईवी से संक्रमित लगभग 59 हजार लोग उपचार ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के एचआईवी संक्रमित होने पर उसकी प्राइवेसी और आमजन की नकारात्मक सोच एक चिंता का विषय रहता है। उन्होंने इसके लिए विशेष जागरूकता अभियान संचालित करने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही एड्स पीड़ित व्यक्ति के परिजनों की भी स्क्रीनिंग एवं जांच करवाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

निदेशक एड्स डॉ. सुशील परमार ने बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत वर्तमान चरण में युवाओं को अति संवेदनशील गु्रप के रूप चिन्हित किया गया है। प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में लगभग 755 रेड रिबन क्लब स्थापित किए गए हैं। इनका उद्देश्य युवाओं में एचआईवी एड्स के बारे में परस्पर सहयोग, समन्वय एवं समझ तैयार करना है। एचआईवी एड्स के साथ जी रहे लोगों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की 24ग्7 हैल्पलाइन 1097 पर 15 भाषाओं में गोपनीयता के साथ एचआईवी संबंधी समस्त जानकारी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही गूगल प्ले स्टोर से नाको एड्स एप डाउनलोड करके भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

इस अवसर पर राज्य टीबी अधिकारी डॉ. विनोद गर्ग, एसएमएस एआरटी सेन्टर के प्रभारी डॉ. अभिषेक अग्रवाल सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण एवं एड्स नियंत्रण क्षेत्र में कार्य कर रहे कार्मिक उपस्थित थे।

Sunday, October 1, 2023

राजस्थान रोडवेज का 60वां स्थापना दिवस जोशो खरोश से मनाया गया

रविवार: 01 अक्टूबर 2023: 03:54 PM

इसे आगे ले जाने के लिये कर्मचारी तय करें स्वयं की जिम्मेदारी-अध्यक्ष

श्रेष्ठ कार्य करने के लिए कर्मचारी-अधिकारी एवं कार्मिकों के प्रतिभावान बच्चे हुए सम्मानित


जयपुर
: 01 अक्टूबर 2023: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

राजस्थान राजकीय रोडवेज भी जनता का विश्वास है जो डयूटी को डयूटी समझते हुए हर पल आम जनता के लिए परिवहन सेवाएं प्रदान करते हैं। इन सेवाओं का संचालन इन्हीं की मेहनत और प्रतिबद्धता से होता है। दिन हो रात, अंधी हो या तूफ़ान ये लोग दूर दर्ज की मंज़िलों तक लोगों की सही वक्त पर पहुँचाने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ते। 

इस अवसर पर राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष श्री आनन्द कुमार ने कहा कि रोडवेज पर जनता का विश्वास है। इसको बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रबन्धन के साथ-साथ सभी कर्मचारियों की भी है। इसके विकास के लिए कर्मचारियों को आगे बढकर हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा हर वर्ष रोडवेज की राजस्व हानि की भरपाई कर इसकी बेहतरी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। 

निगम अध्यक्ष रविवार को राजस्थान रोडवेज मुख्यालय पर निगम के 60वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रोडवेज ने हर परिस्थिति में चाहे लक्खी मेलों का आयोजन हो या प्रतियोगी परीक्षा में परीक्षार्थियों को निःशुल्क यात्रा, सदैव श्रेष्ठ प्रबन्धन का उदाहरण पेश किया है। उन्होंने समारोह के आयोजन के लिये प्रबन्ध निदेशक श्री नथमल डिडेल की पहल को सराहनीय बताते हुए श्रेष्ठ परिणाम देने वाले कार्मिकों और उनके प्रतिभाशाली बच्चों को शुभकामनाएं दी। 

इस परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री नथमल डिडेल ने कहा कि रोडवेज हर विकट परिस्थितियों में आमजन के लिए वरदान साबित हुई है। रोडवेज प्रबन्धन ने अपने निरन्तर प्रयासों से राजस्व हानि को कम किया है एवं आरजीएचएस और ओपीएस जैसी सुविधाएं कार्मिकों को उपलब्ध कराई गई है।   

इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने के लिए कर्मचारी-अधिकारी एवं कार्मिकों के प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित भी किया गया। इस तरह इस  ये समय रोडवेज कर्मियों के पूरे परिवारों लिए भी यादगारी बन गया। 

निगम की कार्यकारी निदेशक (प्रशासन) श्रीमती अनीता मीना ने बताया कि सर्वाधिक डीजल औसत देने के लिए बाड़मेर आगार को प्रथम पुरस्कार एवं जयपुर व तिजारा आगारों को द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया गया। संचालन के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए भी पुरस्कार दिये गये। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले निगम कार्मिकों एवं उनके मेधावी बच्चों को सम्मानित किया गया। 

इस अवसर पर निगम के कार्यकारी निदेशक (यातायात) श्री संजीव कुमार पाण्डेय, वित्तीय सलाहकार श्री रामगोपाल पारीक, निगम संगठनों से जुडे प्रतिनिधि और बड़ी संख्या कर्मचारी व अधिकारी मौजूद रहें।   

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Friday, August 18, 2023

NLC इंडिया लिमिटेड और राजस्थान में विद्युत उपयोग समझौता

प्रविष्टि तिथि: 18 AUG 2023 11:46AM by PIB Delhi

अगले 25 वर्षों तक राजस्थान को  300 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए समझौता

यह परियोजना देगी हर साल 0.726 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने में मदद 

नई दिल्ली//जयपुर: 18 अगस्त 2023: (पीआईबी//राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

एनएलसी इंडिया लिमिटेड, कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है, ने राजस्थान में सीपीएसयू योजना के तहत 300 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के साथ दीर्घकालिक विद्युत उपयोग समझौता किया है।    

एनएलसीआईएल के पास वर्तमान में 1,421 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता है। कंपनी की कॉरपोरेट योजना के अनुसार वह 2030 तक 6,031 मेगावाट क्षमता स्थापित करने पर विचार कर रही है।

कंपनी ने प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरईडीए) द्वारा शुरू की गई सीपीएसयू योजना चरण-II की कड़ी-III में 510 मेगावाट सौर परियोजना क्षमता हासिल की है। राजस्थान के बीकानेर जिले के बरसिंगसर में 300 मेगावाट सौर परियोजना क्षमता कार्यान्वित की जा रही है। इस परियोजना के लिए ईपीसी अनुबंध प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से मेसर्स टाटा पावर सोलर सिस्टम को दिया गया है।

300 मेगावाट सौर परियोजना के लिए विद्युत उपयोग समझौते (पीयूए) पर एनएलसी इंडिया लिमिटेड और राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (आरयूवीएनएल) के बीच 17 अगस्त 2023 को जयपुर में आरयूवीएनएल के निदेशक (वित्त) श्री डी.के. जैन और एनएलसी इंडिया लिमिटेड के जीएम (पीबीडी) श्री डी. पी. सिंह ने राजस्थान सरकार के प्रधान सचिव (ऊर्जा) श्री भास्कर ए सावंत, आरयूवीएनएल के प्रबंध निदेशक श्री एमएम रणवा और एनएलसी इंडिया लिमिटेड के सीएमडी श्री प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली, एनएलसीआईएल के ईडी (वित्त) श्री मुकेश अग्रवाल, बरसिंगसर के प्रोजेक्ट हेड श्री जगदीश चंद्र मजूमदार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में राजस्थान सरकार को अगले 25 वर्षों तक आपूर्ति के लिए हस्ताक्षर किए।

इस परियोजना से प्रतिवर्ष 750 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया जाएगा और उत्पादित कुल हरित विद्युत राजस्थान को आपूर्ति की जाएगी। यह परियोजना राजस्थान को उनके नवीकरणीय ऊर्जा खरीद दायित्व लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी।

इस परियोजना से उत्पन्न विद्युत से हर साल 0.726 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने में मदद करेगी। नवीकरणीय ऊर्जा के संबंध में, तमिलनाडु में वर्तमान में 1.40 गीगावॉट क्षमता के अतिरिक्त, पहली बार एनएलसीआईएल अन्य राज्यों में इस क्षमता का विस्तार कर रहा है।

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एमजी/एमएस/आरपी/एसके/एजे//(रिलीज़ आईडी: 1950068)

Friday, June 23, 2023

राजस्थान के लोक गीत संगीत में एक विशेष जादू है

यह गीत संगीत मन की भाषा को बहुत खूबसूरती से सामने लाता है 


श्री गंगा नगर
: 23 जून 2023: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

राजस्थान के लोकगीत और संगीत में कोई ऐसा जादू है जो उन लोगों को भी अपनी तरफ शिद्दत से आकर्षित करता है जिन्होंने इसे पहली बार सुना होता है। इस गीतन संगीत में एक अलग ही तरह का आकर्षण है जो आपको हर बोल के साथ अपना बनाता चला जाता है। हर शब्द मन में कुछ अहसास जगाता है। 

राजस्थान के लोकगीत और संगीत में छुपे हुए प्रभाव वास्तव में मानवीय अनुभव, सांस्कृतिक धार्मिकता और प्रकृति के साथ मिलकर एक विविधतापूर्ण और प्रशांत माहौल प्रदान करते हैं। इन गीतों के माध्यम से राजस्थानी जनता अपनी भूमिका, संस्कृति, प्रेम, गर्व और जीवन के विभिन्न पहलुओं को व्यक्त करती है। इन गीतों में राजस्थान के जनजीवन और सांस्कृति का भी अहसास होता है। इन गीतों को सुनते सुनते व्यक्ति राजस्थान के जनजीवन की  कथाओं में खो जाता है। इन गीतों की कल्पना ही राजस्थान के इतिहास में छुपी हुई बहादुरी का परिचय करवाने लगती है। इन्दगी के उसी रंग में रंगति हुई वहीँ पर ले जाती है।  

शायद इसकी एक वजह यह भी हो कि राजस्थान के लोक गीतों में सदियों से प्रचलित रागों और तालों का बहुत ही सूंदर  प्रयोग होता है। ये गीत आमतौर पर देसी भाषा में गाए जाते हैं और संगीत, ताल, गीतकारी और गायकी में स्थानीय परंपराओं का पालन करते हैं। जिस जिस ने भी इस गीत संगीत को कभी कभर भी सुना है वह इस बात को अच्छी तरह जनता समझता है। यहां कुछ प्रसिद्ध राजस्थानी लोकगीतों के उदाहरण दिए गए हैं:

बहुत से अन्य प्रेम गीतों की तरह "ओ राणी" भी काफी गाया जाता है। यह एक प्रसिद्ध राजस्थानी लोकगीत है जिसमें प्रेम और प्रेमिका के बीच की कठिनाईयों को बहुत ही सुंदरता से ब्यान किया गया है। इसमें प्रेम की शिद्दत एक भी अहसास होता है और समाज से जुडी दीवारों का भी। समाज से संघर्ष करते हुए कैसे पाना है अपना प्रेम इसका अहसास करवाते हैं राजस्थानी गीत। 

इसी तरह "गोरी नागोरी"-यह एक राजस्थानी लोकगीत है जिसमें गोरा और नागोरी की प्रेम कहानी का वर्णन किया गया है। सभी विवादों के बावजूद इस गीत की जानीमानी गायका गोरी ने ख्याति की शिखरें छुई और बार बार छुईं। गोरी इन लोकगीतों के ज़रिए अपनी कला एयर गायन के प्रदर्शन को गांव की चौपाल से निकाल कर यूनिवर्स्टियों तक ले गई। गोरी नागौरी को बचपन से ही डांस में काफी रूचि थी। 9 वर्ष की उम्र में उन्होंने डांस सीखना शुरू कर दिया था। गौरतलब है कि वह अपने स्कूल में होने वाली डांस प्रतियोगिता में बढ़ चढ़-कर हिस्सा लिया करती थी। श्रोताओं और दर्शकों से मिलने वाली प्रशंसा के चलते वह अपनी कला में निखार लाती गई। जिस जिस बात को आम जनता पसंद करती रही हर उस बात गोरी नेअपनाया और अपनी कला में बहुत ही खूबसूरती से दिखाया।  वह राजस्थानी गीतों पर बोल्ड डांस करने के लिए फेमस हैं। उन्हें अक्सर कई मंचों पर बोल्ड डांस करते हुए देखा जाता है। वह हरियाणा की  सपना चौधरी की तरह राजस्थान में प्रसिद्ध है। वह राजस्थानी और हरियाणवी गानों पर अनोखे तरीके से डांस करती है। एक बार जब गोरी नागौरी ने टीवी पर शकीरा का डांस देखा तब वो उनसे इतनी प्रभावित हुईं कि, गोरी ने शकीरा के डांस स्टेप्स को फॉलो करना शुरु कर दिया। उनका डांस कोलंबिया की सिंगर-डांसर शकीरा से काफी मिलता जुलता है, इसलिए गोरी नागौरी को लोग राजस्थानी शकीरा कहकर भुलाते हैं।

एक और गीत "केसरिया बालम" भी बहुत लोकप्रिय हुआ है। इसकी भी अलग ही पहचान बनी हुई है। यह गीत राजस्थानी संगीत की प्रमुख पहचान माना जाता है। इसमें प्रेम के भाव को बहुत ही गहनता और संवेदना के साथ व्यक्त किया गया है और यह आमतौर पर सांगणेर शहर के नागरिकों द्वारा गाया जाता है। इसकी लोकप्रियता भी काफी रही है। 

प्रेम पर राजस्थान में बहुत कुछ लिखा और गाया गया है। लोकप्रिय गीतों में से एक गीत है-"गोरी तेरे जिया"- यह लोकगीत जैसलमेर क्षेत्र में प्रसिद्ध है और इसमें प्रेमिका को अपने प्रेमी के लिए विनती करते हुए व्यक्ति की भूमिका है। उस विनती और निवेदन में गज़ब की अभिव्यक्ति का अहसास होता है। तन के स्टेप्स मन के सभी उतराव चढ़ावों ओके दिखते हैं और महसूस भी करवाते हैं। 

कई लोक साज़ भी राजस्थानी गीत संगीत के प्रदर्शन के समय प्रयोग में लाए जाते हैं। राजस्थान के संगीत में धोल, नगाड़ा, सरंगी, शेनाई, मुरली, वीणा और खरताल जैसे वाद्य यंत्रों का उपयोग होता है। ये संगीत प्रशंसा गीत, भक्तिगीत, रागिनियों, आरतियों, ताराना और घूमरी जैसे विभिन्न प्रकारों में होता है। इन सभी से एक अलग सा ही रंग  बंधता चला जाता है। 

इन गीतों के गायन का मुख्य उद्देश्य संस्कृति की जागरूकता, मनोरंजन और जनता के बीच एक सामंजस्य बनाना है। राजस्थान के लोकगीत और संगीत को राजस्थानी संस्कृति की महत्वपूर्ण पहचान माना जाता है और इनका अद्यतन और संरक्षण संगीत प्रेमियों द्वारा किया जाता है।

Monday, March 27, 2023

अब सुन और बोल पाएगा नन्हा रूद्रप्रताप

Bikaner: 27th March 2023 at 04:10 PM

राजस्थान से सफलता की और नई कहानी

*14 माह के बच्चे का हुआ सफल कॉक्लियर इम्पलांट 

*बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में ईएनटी विभाग की उपलब्धि

*लाखों रूपए का उपचार चिरंजीवी योजना के तहत हुआ निःशुल्क

बीकानेर: 27 मार्च 2023:(राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

राजस्थान के इतिहास की सच्ची कहानियां आज भी आकर्षित और प्रभावित करती हैं। इन कहानियों में ज़िंदगी के ऐसे दुःख भी रहे जिनकी कल्पना मात्र से इंसान सिहर उठे। इसके साथ ऐसे संघर्ष भी रहे जिन्होंने इन दुख्खों को बारी बारी हारने का इतिहास भी रचा। यह बेहद गौरवशाली सिलसिला आज के आधुनिक युग में भी जारी है बस थोड़ा अंदाज़ बदल गए हैं और रंग रूप भी। नै कहानी आई है बीकानेर से। यह सच्ची कहानी इस बात की याद भी दिलाती है कि ज़िंदगी हर कदम इक्क नई जंग है। यह जंग छोटी उम्र में भी सामने आ सकती है और वृध्दा अवस्था में भी। साथ ही यह कहानी बताती है की संघर्ष और कोशिश आपको विजय श्री दिला ही देती है। इसलिए न तो कभी कोशिश छोड़िए और न ही संघर्ष। पढ़ कर देखिए इस सच्ची कहानी को। 

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से संबद्ध पीबीएम अस्पताल, बीकानेर के ईएनटी विभाग ने 14 माह के रूद्रप्रताप के दोनों कानों में सफल कॉक्लियर इम्प्लांट करते हुए उसे सुनने व बोलने के योग्य बनाया। विभाग के सर्जन डॉ. गौरव गुप्ता ने मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मासूम का ऑपरेशन किया। अस्पताल की प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि अस्पताल के ईएनटी विभाग की यह बड़ी उपलब्धि है। 

डॉ. सोनी ने बताया कि इस प्रकार के ऑपरेशन में आम तौर पर लाखों रूपये का खर्च आता है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से  चिकित्सा क्षेत्र में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किए जाने के बाद गरीब, मध्यमवर्गीय परिवारों को भारी-भरकम खर्च करने की आवश्यकता नहीं रहती क्योंकि ऐसे ऑपरेशन पूर्णतया निःशुल्क किये जा रहे हैं।

जन्मजात बहरेपन से ग्रसित था रूद्र 

नाक, कान, गला विभाग के वरिष्ठ आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. दीपचन्द ने बताया कि गांव खाकोली, जिला सीकर निवासी बालक रूद्रप्रताप जन्म से ही सुनने व बोलने की अक्षमता से ग्रसित था। मरीज के परिजनों ने नाक, कान व गला रोग विभाग में संपर्क किया। विभिन्न जांचें करवाने से पता चला कि इस बच्चे का उपचार कॉक्लियर इम्प्लांट से संभव है। 

मरीज की उम्र का भी महत्व

ई.एन.ओ. सर्जन डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि कॉक्लियर सर्जरी में मरीज की उम्र का काफी महत्व होता है। मरीज का जितनी कम उम्र में कॉक्लियर इम्प्लांट हो जाए, उसका परिणाम उतना ही अच्छा रहता है। रूद्रप्रताप को 8-9 माह की उम्र में ईएनटी विभाग में उपचार के लिए लाया गया, इसलिए उसका कॉक्लियर इम्प्लांट संभव हो सका। अब इस बच्चे को दो वर्ष की स्पीच थैरेपी भी चिरंजीवी योजना के अंतर्गत निःशुल्क ही जाएगी, जिससे यह बच्चा सामान्य बच्चों की तरह सुन व बोल सकेगा। 

टीम का रहा विशेष सहयोग

ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. दीपचंद के निर्देशन में हुए इस सफल ऑपरेशन में डॉ. गौरव गुप्ता, डॉ. गीता सोलंकी, डॉ. सुभाष, डाया, डॉ. स्नेहलता, निश्चेतन विभाग के डॉ. विशाल देवड़ा, डॉ. इशानी, डॉ. प्रशांत एवं  नर्सिंग स्टाफ इंचार्ज वीणा व्यास, संतोष, अशोक तथा ओटी कर्मी हनुमान व नरेन्द्र शामिल थे। इसके अतिरिक्त इम्प्लांट की कार्यप्रणाली की जाँच हेतु स्पीच थैरेपिस्ट कौशल शर्मा व सागरिका भी उपस्थित रहे ।

------  करीना शर्मा/चन्द्रशेखर/कविता जोशी