Monday, March 27, 2023

अब सुन और बोल पाएगा नन्हा रूद्रप्रताप

Bikaner: 27th March 2023 at 04:10 PM

राजस्थान से सफलता की और नई कहानी

*14 माह के बच्चे का हुआ सफल कॉक्लियर इम्पलांट 

*बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में ईएनटी विभाग की उपलब्धि

*लाखों रूपए का उपचार चिरंजीवी योजना के तहत हुआ निःशुल्क

बीकानेर: 27 मार्च 2023:(राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

राजस्थान के इतिहास की सच्ची कहानियां आज भी आकर्षित और प्रभावित करती हैं। इन कहानियों में ज़िंदगी के ऐसे दुःख भी रहे जिनकी कल्पना मात्र से इंसान सिहर उठे। इसके साथ ऐसे संघर्ष भी रहे जिन्होंने इन दुख्खों को बारी बारी हारने का इतिहास भी रचा। यह बेहद गौरवशाली सिलसिला आज के आधुनिक युग में भी जारी है बस थोड़ा अंदाज़ बदल गए हैं और रंग रूप भी। नै कहानी आई है बीकानेर से। यह सच्ची कहानी इस बात की याद भी दिलाती है कि ज़िंदगी हर कदम इक्क नई जंग है। यह जंग छोटी उम्र में भी सामने आ सकती है और वृध्दा अवस्था में भी। साथ ही यह कहानी बताती है की संघर्ष और कोशिश आपको विजय श्री दिला ही देती है। इसलिए न तो कभी कोशिश छोड़िए और न ही संघर्ष। पढ़ कर देखिए इस सच्ची कहानी को। 

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से संबद्ध पीबीएम अस्पताल, बीकानेर के ईएनटी विभाग ने 14 माह के रूद्रप्रताप के दोनों कानों में सफल कॉक्लियर इम्प्लांट करते हुए उसे सुनने व बोलने के योग्य बनाया। विभाग के सर्जन डॉ. गौरव गुप्ता ने मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मासूम का ऑपरेशन किया। अस्पताल की प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि अस्पताल के ईएनटी विभाग की यह बड़ी उपलब्धि है। 

डॉ. सोनी ने बताया कि इस प्रकार के ऑपरेशन में आम तौर पर लाखों रूपये का खर्च आता है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से  चिकित्सा क्षेत्र में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किए जाने के बाद गरीब, मध्यमवर्गीय परिवारों को भारी-भरकम खर्च करने की आवश्यकता नहीं रहती क्योंकि ऐसे ऑपरेशन पूर्णतया निःशुल्क किये जा रहे हैं।

जन्मजात बहरेपन से ग्रसित था रूद्र 

नाक, कान, गला विभाग के वरिष्ठ आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. दीपचन्द ने बताया कि गांव खाकोली, जिला सीकर निवासी बालक रूद्रप्रताप जन्म से ही सुनने व बोलने की अक्षमता से ग्रसित था। मरीज के परिजनों ने नाक, कान व गला रोग विभाग में संपर्क किया। विभिन्न जांचें करवाने से पता चला कि इस बच्चे का उपचार कॉक्लियर इम्प्लांट से संभव है। 

मरीज की उम्र का भी महत्व

ई.एन.ओ. सर्जन डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि कॉक्लियर सर्जरी में मरीज की उम्र का काफी महत्व होता है। मरीज का जितनी कम उम्र में कॉक्लियर इम्प्लांट हो जाए, उसका परिणाम उतना ही अच्छा रहता है। रूद्रप्रताप को 8-9 माह की उम्र में ईएनटी विभाग में उपचार के लिए लाया गया, इसलिए उसका कॉक्लियर इम्प्लांट संभव हो सका। अब इस बच्चे को दो वर्ष की स्पीच थैरेपी भी चिरंजीवी योजना के अंतर्गत निःशुल्क ही जाएगी, जिससे यह बच्चा सामान्य बच्चों की तरह सुन व बोल सकेगा। 

टीम का रहा विशेष सहयोग

ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. दीपचंद के निर्देशन में हुए इस सफल ऑपरेशन में डॉ. गौरव गुप्ता, डॉ. गीता सोलंकी, डॉ. सुभाष, डाया, डॉ. स्नेहलता, निश्चेतन विभाग के डॉ. विशाल देवड़ा, डॉ. इशानी, डॉ. प्रशांत एवं  नर्सिंग स्टाफ इंचार्ज वीणा व्यास, संतोष, अशोक तथा ओटी कर्मी हनुमान व नरेन्द्र शामिल थे। इसके अतिरिक्त इम्प्लांट की कार्यप्रणाली की जाँच हेतु स्पीच थैरेपिस्ट कौशल शर्मा व सागरिका भी उपस्थित रहे ।

------  करीना शर्मा/चन्द्रशेखर/कविता जोशी


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