Tuesday, December 27, 2022

इंदिरा रसोई योजना निभा रही है इस वायदे को कि कोई भूखा न सोए

27th December 2022 at 05:46 PM

इस बार चर्चा इंदिरा रसोई योजना की गुणवत्ता और लोकप्रियता पर 


जयपुर
: 27 दिसंबर 2023: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

इस पोस्ट की विशेष सामग्री मॉडल स्टेट राजस्थान के उस अभियान पर है जिस के अंतर्गत राजनीति से ऊपर उठ कर जनसेवा ही सबसे पहले रखा गया है। इसी के अंतर्गत ध्यान रखा जाता है कि सबका सम्मान हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। यह एक अनूठी तस्वीर है जो बता रही है किस तरह से आगे बढ़ता जा रहा है आज का आधुनिक राजस्थान। इंदिरा रसोई उन लोगों के लिए एक विशेष आकर्षण भी है जिन्होंने राजस्थान में जा कर सच होते देखा है वह संकल्प कि अब कोई भूखा न सोए। धर्मकर्म की इस धरना और भावना को सियासत में भी साकार होते देखना कितना सुखद लगता है। अब महसूस होता है कि आज के इस भयानक कलियुग में भी सतयुग लौट सकता है। 

राज्य में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना के तहत ‘कोई भूखा ना सोए’ की संकल्पना को चरितार्थ किया जा रहा है। राज्य में 20 अगस्त, 2020 को प्रदेश के 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों के माध्यम से इस योजना की शुरुआत की गई। इस वर्ष 18 सितम्बर को जोधपुर से इंदिरा रसोई योजना के तहत 512 नवीन इंदिरा रसोइयों का शुभारम्भ किया गया। वर्तमान में 870 इंदिरा रसोई संचालित की जा रही है जिन्हें बजट घोषणा में बढाकर 1 हजार किया गया है।

इंदिरा रसोई केन्द्रों पर मात्र 8 रूपये में पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा हैं तथा प्रति थाली 17 रूपये का अनुदान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा हैं।  भोजन में प्रति थाली 100 ग्राम दाल 100 ग्राम सब्जी 250 ग्राम चपाती और अचार शामिल है। इस योजना के तहत दोपहर का भोजन सुबह 8ः30 बजे से दोपहर 1ः00 बजे तक एवम रात्रिकालीन भोजन शाम 5ः00 बजे से रात 8ः00 बजे तक उपलब्ध करवाया जाता है। 

इंदिरा रसोई योजना के तहत अब तक 7 करोड़ 42 लाख लोगों को भोजन की थाली परोसी जा चुकी है, वर्तमान में संचालित 870 इंदिरा रसोई की संख्या बढाकर 1000 करने का लक्ष्य रखा गया है। 

जालोर ज़िले में वर्तमान में 15 इंदिरा रसोई संचालित है, जिसमें जालोर नगर परिषद में 7, भीनमाल नगर पालिका  में 4, सांचौर नगर पालिका  में 3 एवं रानीवाडा नगर पालिका में 1 इंदिरा रसोई संचालित की जा रही हैं। इंदिरा रसोई में मात्र 8 रू में उपलब्ध भोजन होने के कारण जरुरतमंदों एवं गरीब तबकों को उचित सहायता मिलती है।

जालोर जिले में 4 नगरीय निकायों में संचालित 15 इंदिरा रसोई में इस वर्ष माह नवम्बर तक कुल 125.75 प्रतिशत उपयोगिता के साथ कुल 11 लाख 74 हजार 744 भोजन थाली लोगों को परोसी गई हैं।  अनुमान लगाएं कि कितने लोगों को भूखा सोने से बचा  लिया। 

----

Thursday, December 22, 2022

इस तरह बन रहा है सचमुच में राजस्थान एक मॉडल स्टेट

22nd December 2022 at 05:28 PM

जयपुर के जय सिंह को मिला है बिलकुल ही नया जीवन

जयपुर: 22 दिसम्बर 2022: (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

आम जनता के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए राजस्थान की सरकार नए रास्ते भी बना रही है और नई परम्पराएं भी स्थापित कर रही है। जिसके पास इलाज के लिए न धन होता ही और न ही मेडिसिन उसे ही पता होता जीना कितना मुश्किल है! बीमारी से लड़ना कितना कठिन है। मौत के मुंह से वापिस आना क्या होता है। 

इस बार की विशेष सामग्री उन कदमों के विवरण पर आधारित है जो राजस्थान को एक  मॉडल स्टेट बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं। इन कदमों का गहरा मकसद जनसेवा ही है। देश में एक ऐसी मिसाल पैदा करना कि ऐसा भी हो सकता है। इस सेवा, सहयोग और सहायता के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना कि  सबका सम्मान भी बनाए रखना है, स्नेह संबंध भी विकसित करने हैं और यह भी सभी को दिखाना है कितनी तेज़ी से आगे बढ़ता जा रहा है राजस्थान। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना इन्हीं कदमों में से एक है। इसका फायदा कितने लोगों को पहुँच रहा है इसकानुमान आप स्वयं लगा लीजिए। 

खानपुरा में बास गांव के जय सिंह को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना ने नया जीवन दिया है। गौरतलब है कि 60 वर्षीय जय सिंह सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए थे। जिससे उनके दाएं पैर में गंभीर फ्रैक्चर हो गया। परिजन उन्हें जयपुर के ही एक निजी अस्पताल में लेकर आए। अस्पताल में प्राथमिक उपचार एवं जांच के आधार पर उनके पैर में टीवीयल हड्डी का फ्रैक्चर पाया गया।

इलाज का खर्च लाखों में था और जय सिंह के परिवार की माली हालत ज्यादा अच्छी नहीं थी। इस मुश्किल वक्त में सहारा बनी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना। योजना के तहत चिकित्सकों ने पीड़ित जय सिंह को अस्पताल में भर्ती कर उपचार प्रारंभ किया। गत 14 नवम्बर को उनका ऑपरेशन किया गया। डॉ. रहीम और उनकी टीम द्वारा किए गए ऑपरेशन के बाद जयसिंह को दर्द से निजात मिल गई। अब उनके पैर में काफी सुधार है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की वजह से उन्हें इलाज करवाने में काफी आसानी हुई एवं एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ। वे और उनका परिवार मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और अस्पताल प्रशासन को हार्दिक धन्यवाद देते हैं, जिनकी वजह से उन्हें निशुल्क उपचार मिला और बीमारी से निजात मिल सकी।

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना बनी मन्नू का भी संबल

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना आम जनता के जीवन में कैसे खुशहाली ला रही है, इसकी सबसे बड़ी मिसाल है सिरोही निवासी 13 वर्षीय मन्नू गुर्जर। मन्नू काफी दिनों से पेट दर्द से पीड़ित थी, दर्द धीरे-धीरे बढ़ता गया। बच्ची दर्द से बहुत परेशान थी और इस कारण उसे बुखार भी आ रहा था। घर की आर्थिक स्थिति इलाज की इजाजत नहीं दे रही थी। लेकिन जयपुर में जिला प्रशासन की सहायता से मन्नू को जयपुर के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

उपचार के बाद मन्नू के स्वास्थ्य में सुधार हुआ। मन्नू के पिता मुरलीधर ने बताया कि इस योजना की वजह से उन्हें इलाज करवाने में काफी आसानी हुई एवं एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ। वे कहते हैं किसी की पीड़ा में सहारा बनने से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मानवता के इसी धर्म को राज्य सरकार बखूबी निभा रही है।  ----

Wednesday, November 23, 2022

राजस्थान में मौसम की मेहरबानी-खिंचे चले आ रहे हैं सैलानी

 23rd November 2022 at 04:32 PM

कोरोना के बाद फिर से लौट रही हैं पुरानी रौनकें 

जयपुर: 23 नवंबर 2023:  (राजस्थान स्क्रीन डेस्क)::

जैसे पतझड़ के बाद बहार भी आती है उसी तरह उदासियों के बाद खुशियां भी लौट आती हैं। पढ़िए इस विशेष लेख में इसी तरह की हकीकतें। एक झलक  कि इस प्रदेश में किस तरह साथ-साथ बढ रहे हैं सर्दी और सैलानी।  माहौल पर पर्यटन का जादू शिखर पर है।


सर्दी के साथ ही बढ़ पर्यटन का जादू 

सर्दी के साथ साथ बढ़ता जा रहा है पर्यटन का जादू। सैलानी खींचे चले आ रहे हैं इस प्रदेश की तरफ। प्रदेश में जैसे-जैसे सर्दी का मौसम आगे बढ़ रहा है राजधानी जयपुर में सैलानियों की चहलकदमी भी बढ़ती जा रही है। कोरोना महामारी के कारण प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आवक रूक गई थी लेकिन अब हालात सामान्य हो चुके हैं और एक बार फिर गुलाबी नगरी पर्यटकों की भीड़ के रंग में रंगी नजर आने लगी है। राजधानी जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों जिनमें आमेर दुर्ग, जलमहल, अल्बर्ट हॉल,जंतर-मंतर पर सैलानियों की अच्छी खासी भीड देखने को मिल रही है। राजधानी जयपुर में देश ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी आना शुरू हो गए हैं।

लौट रही हैं कोरोना से पहले वाली रौनकें 

कोरोना महमारी के दौर में राजधानी जयपुर समेत पूरे प्रदेश में ही पर्यटन स्थलों पर प्रवेश बन्द कर दिए गए थे। पर्यटन स्थलों के बन्द होने से ना सिर्फ यहां सन्नाटा पसर गया बल्कि इनके आस पास के व्यापारियों का भी नुकसान हुआ लेकिन अब पर्यटन स्थलों की रौनक धीरे-धीरे लौटने लगी है। जिससे शहर की खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं ।

धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा पर्यटन  

साल 2022 आते आते प्रदेश का पर्यटन फिर पटरी पर लौट आया है। साल 2020 में प्रदेश में 155.63 लाख पर्यटकों का आगमन हुआ जिनमें से 151.17 लाख देशी पर्यटक थे तो वहीं 4.46 लाख विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ। लेकिन अब धीरे-धीरे इस संख्या में इजाफा हो रहा है वर्ष 2021 में कुल 220.24 लाख पर्यटकों ने प्रदेश के पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया जिनमें से देशी पर्यटकों की संख्या 219.89 लाख थी तो वहीं 0.35 लाख  विदेशी पर्यटक घूमने आए। हाल के आंकडों को देखें तो साल 2022 में सितम्बर माह तक कुल 757.26 लाख पर्यटक प्रदेश का भ्रमण कर चुके हैं जिनमें देशी पर्यटकों की संख्या 755.62 लाख है तो वहीं विदेशी पर्यटक 1.64 लाख हैं।  पर्यटकों की बढती संख्या से ना सिर्फ पर्यटन स्थलों की खूबसूरती लौट रही है बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है।

राजस्थान को करीब से देखने का सपना पूरा हुआ

उड़ीसा से राजस्थान घूमने आईं दिव्या साहू का कहना है कि उनका बचपन से ही राजस्थान घूमने का सपना था क्योंकि राजस्थान की छवि उनके  मन में किलों और महलों वाले प्रदेश की थी,उन्होंने बताया कि राजस्थान देखकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है। चित्तौड़गढ दुर्ग देखने के बाद वे आमेर दुर्ग देखने जयपुर आई हैं। दिव्या कहती हैं कि जयपुर वास्तव में बहुत सुन्दर शहर है वे यहाँ से बहुत सारी यादें लेकर जा रहीं हैं।

प्रदेश की धरोहर को देखकर हर्ष का अनुभव होता है

ऐसा ही कुछ कहना है आमेर जयपुर के रहने वाले वीरेन्द्र का। वीरेन्द्र बताते हैं कि हमें गर्व होता है कि हम दुनिया में मशहूर जयपुर शहर के निवासी हैं। जब से जयपुर परकोटे को यूनेस्को विश्व हैरिटेज में शामिल किया गया है तब से उनमें जयपुर शहर के बाहर के दोस्त जयपुर घूमना चाहते थे आज वे अपने इन दोस्तों के साथ जयपुर घूमने आए हैं। वीरेन्द्र ने कहा कि गुलाबी नगर को इस तरह से संरक्षित किया गया है कि पर्यटन स्थलों को घूमकर ना सिर्फ प्रदेश के बाहर के लोगों को बल्कि यहां के निवासियों को भी प्रदेश की धरोहर को देखकर हर्ष का अनुभव होता है। ----

Tuesday, August 2, 2022

राजस्थान: सफलता की कहानी- एक नई सत्य कथा के साथ

 02-अगस्त-2022, 03:15 PM 

 उदयपुर:बड़गांव की चार कॉलोनी वासियों को वर्षों बाद मिला अपने घरों के पट्टों का हक 


उदयपुर
: 2 अगस्त 2022:  (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो)::

जिनके पास अपना घर नहीं होता उनसे पूछ कर देखना घर न होने का दर्द। जब किसी का अपना घर बन जाता है तो उसकी ख़ुशी का भी कोई ठिकाना नहीं रहता। इस ख़ुशी का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। ज़ेह ख़ुशी मिली है राजस्थान में उदयपुर के एक गांव में रहने वाले लोगों को।  

उदयपुर के बड़गांव की चार कॉलोनीवासियों को करीब तीस सालों बाद पट्टों का हक मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। अब ये सभी लाभार्थी मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त कर रहे हैं।

यूआईटी सचिव बालमुकुंद असावा ने बताया कि न्यू मनोहरपुरा कॉलोनी में राजकीय भूमि सम्मिलित होने से इस कॉलोनी में पट्टे जारी नहीं हो पा रहे थे। प्रशासन शहरों के संग अभियान में शिथिलता प्रदान की गई। सामुदायिक भवन परशुराम कॉलोनी, देवाली में शिविर आयोजित किया गया। शिविर में कृष्णा कॉलोनी, न्यू कृष्णा कॉलोनी, महालक्ष्मी नगर एवं न्यू मनोहरपुरा क्षेत्र में विगत 25-30 वर्षों से निवासरत लाभार्थियों को कुल 235 पट्टे एवं 56 भूखण्डों के आवंटन पत्र जारी किये गए। पट्टों का हक मिलने से निवासियों की खुशी का ठिकाना न रहा एवं उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त नामान्तरण के 49 प्रकरणों, भवन मानचित्र अनुमोदन के 192 प्रकरण, लीज जमा करने के 216 एवं उपविभाजन/एकीकरण के 9 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

यूआईटी ने अब तक दिए 10 हजार 218 पट्टे

नगर विकास प्रन्यास, उदयपुर द्वारा प्रशासन शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत अब तक कुल 10 हजार 218 पट्टे, 5 हजार 412 भवन निर्माण स्वीकृति, 271 भूखण्डों के उपविभाजन/एकीकरण, 5102 नामान्तरण, 4693 लीज संबंधी प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है। 

-----

कमलेश शर्मा, सहा. निदेशक, उदयपुर


Monday, August 1, 2022

‘जनता का बजट, जन-जन तक’ कार्यशाला का आयोजन

  01-अगस्त-2022, 05:06 PM

जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में सजा जनकल्याणकारी सूचनाओं का संसार

 बजट की योजनाओं के क्रियान्वयन पर हुई विशेष चर्चा 


अधिका
रियों ने सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की 

जयपुर: 1 अगस्त 2022: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो)::

बजट का फायदा तभी है अगर वह आम जनता के ज़्यादा से ज़्यादा काम आ सके। बजट बनाते वक्त इस क्षेत्र के विशेषज्ञ इस बात का ध्यान भी रखते हैं लेकिन फिर भी कोई न कोई कमी पेशी अगर रह जाए तो उसे विशेष चर्चाओं से दूर किया जाता है। इसी तरह की एक ख़ास चर्चा जयपुर मुर में भी हुई। 

इस खास चर्चा में जनकल्याणकारी बजट 2021-22 व 2022-23 की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक अभिनव पहल की गई है। वित्तीय विभाग की ओर से सोमवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में ‘जनता का बजट, जन-जन तक’ कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन पर फेस टू फेस चर्चा की।

कार्यशाला में आयोजित सत्रों में विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों को बजट घोषणाओं के बारें में विस्तृत रूप से चर्चा की। राज्य के 352 ब्लॉक से आए प्रतिनिधियों ने अधिकारियों को महत्वपूर्ण घोषणाओं पर सुझाव दिए। वहीं, अधिकारियों ने बजट घोषआओं के क्रियान्वयन में हुई प्रगति की जानकारी दी। विभिन्न प्रस्तुतीकरणों के माध्यम से आमजन के कल्याण के लिए किए निर्णयों के बारें में उन्हें अवगत करवाया गया। साथ ही, प्रतिनिधियों से कई मुद्दों पर चर्चा कर उनकी जिझासाओं का समाधान किया।

इस यादगारी कार्यशाला में महात्मा गांधी नरेगा योजना, मुख्यमंत्री युवा संबल योजना, महात्मा गांधी अंग्रेजी मिडियम विद्यालय, कृषि बजट, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना, राइट टु हेल्थ बिल, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना, मुख्यमंत्री किसान पेंशन योजना, पालनहार योजना, इंदिरा रसोई योजनाओं इत्यादि पर सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई।

रोज़गार (ग्रामीण विकास, स्वायत्त शासन विभाग), युवा एवं खेल विकास (युवा एवं खेल विकास विभाग), शैक्षिक स्तर एवं गुणवत्ता (शिक्षा एव उच्च शिक्षा विभाग), कृषि विकास एवं कृषक कल्याण (कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं ऊर्जा विभाग) निरोगी एवं चिरंजीवी राजस्थान (स्वास्थ्य विभाग), सामाजिक सुरक्षा एवं सशक्तिकरण (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एवं पर्यटन विभाग) एवं जनजाति कल्याण (जनजाति क्षेत्रीय विकास, वन एवं राजस्व विभाग) जैसे विषयों पर संबंधित विभागों द्वारा सत्र आयोजित किए गए, जिनमें उत्साह के साथ प्रतिनिधियों व आमजन ने भाग लिया।

साथ ही, श्रम कल्याण एवं प्रवासी श्रमिक उत्थान (श्रम, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग), राजस्थान सुशासन की ओर (प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय, कार्मिक एवं वित्त (व्यय) विभाग), जरूरतमंद को अन्न एवं भोजन (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, स्वायत्त शासन विभाग) एवं महिला निधि एवं सशक्तिकरण (महिला एवं बाल विकास, उच्च शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग) के सत्र भी आयोजित किए गये है।

Friday, June 10, 2022

राजीविका की महिलाएं दिखा रही हैं नए नए कमाल

10th June 2022 at 08:30 PM

  ‘‘वीडियो सखी’’ बनकर सीखेंगी वीडियो प्रॉडक्शन एडिटिंग 


जयपुर: 10 जून 2022: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो)::

राज्य मिशन निदेशक, राजीविका श्रीमती मंजू राजपाल ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा नौ जिलों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ‘‘वीडियो सखी’’ रिसोर्स पर्सन के रूप में चिन्हित कर वीडियो प्रॉडक्शन का प्र​शिक्षण दिया जाएगा। उनके द्वारा बनाए गए वीडियो की सहायता से राजीविका की ‘’प्रचार सखियों’’ द्वारा राजीविका सम्बन्धी एवं अन्य संदेशों का गांव-गांव में प्रचार किया जाएगा। 

इस सम्बन्ध में राजीविका की मिशन निदेशक श्रीमती राजपाल द्वारा डिजिटल ग्रीन के साथ शुक्रवार को एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। श्रीमती राजपाल ने बताया कि प्रदेष में नेशनल रूरल इकॉनोमिक ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट से सम्बद्ध नौ जिलों के नौ ब्लॉक के लिए एनजीओ के साथ एमओयू किया गया है जो जून 2024 तक निःशुल्क रूप से कैपिसिटी बिल्डिंग का काम करते हुए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को गुणवत्ता वाले वीडियो प्रॉडक्षन का प्रशिक्षण देगा।

श्रीमती राजपाल ने बताया कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को वीडियो सखी के रूप में रिसोर्स पर्सन या मास्टर टे्रनर बनाने का फायदा यह है कि इसके जरिए सखी अपने परिवेश में खुद सीखकर वांछित सूचना का वीडियो बना सकेगी। जहां एक टीम ‘‘वीडियो सखी’’ के रूप में प्रॉडक्षन से जुड़ी होगी, वहीं दूसरी टीम ‘‘प्रचार सखी’’ के रूप में इस सूचना को जन-जन तक पहंुचाने का काम करेगी। इस प्रकार कम्यूनिटी को जानकारी देने के लिए कम्यूनिटी का ही इस्तेमाल करते हुए कल्याणकारी संदेषों को उन तक पहंुचाने का यह तरीका बेहद प्रभावी एवं कारगर है। इससे संदेशों की प्रमाणिकता एवं उनका समयबद्ध प्रसरण भी संभव होगा। 

 डिजिटल ग्रीन की पार्टनरशिप हैड सुश्री समिथा हलदर ने बताया कि डिजिटल ग्रीन एक अन्तरराष्ट्रीय एनजीओ है जो कई राज्यों में कार्यरत है। कम्यूनिटी बेस वीडियो अप्रोच इस संगठन का एक फ्लैगशिप कार्यक्रम है। अन्य कई राज्यों में इसका अच्छा परिणाम मिला है और राजस्थान में राजीविका के साथ जुड़ना इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Wednesday, March 9, 2022

इन्दिरा रसोई योजना अर्थात पौष्टिकता से भरपूर सस्ता भोजन

 एक विशेष लेख जिसमें है इस शानदार योजना की पूरी जानकारी 

 4 करोड़ 46 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराती है यह योजना 


जयपुर
: 7 मार्च 2022: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो)::

प्रदेश व देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जब कोरोना वायरस की प्रथम लहर ने वर्ष 2020 के शुरूआत से ही पूरे मानव जीवन को झकझोर के रख दिया था और इस भयावह बीमारी से पूरे प्रदेश व देश में असंख्य व्यक्तियों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग थे। राजस्थान में इस भयावह बीमारी की रोकथाम के लिए जब लॉकडाउन घोषित किया अनेक लोगों का रोजगार भी छीन गया था, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दो वक्त के भोजन के लिए भी संघर्ष करना पड़ा और जीवनयापन करना दूभर हो गया था।

ऐसी विषम परिस्थितियों में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य की जनता के प्रति सरकार आपके के साथ की भावना से ओतप्रोत अपनी वचनबद्धता का परिचय देते हुये राज्य के 213 शहरी क्षेत्रों में 358 रसोई के माध्यम से 20 अगस्त, 2020 से ’’कोई भूखा न सोए’’ के लक्ष्य से देश की महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी जिन्होंने अपना पूरा जीवनकाल निराश्रितों की सहायता एवं सेवाभाव में लगा दिया था उन्हीं के नाम पर इंदिरा रसोई योजना का शुभारम्भ किया। इंदिरा रसोई की शुरूआत से राजस्थान की एक विकसित तस्वीर उमडकर सामने आई है।

 इंदिरा रसोई योजना में क्या खास हैं?

इंदिरा रसोई के तहत शहर के विभिन्न हिस्सों में गरीब एवं निराश्रित, कामगार, प्रवासी मजदूरों, शहरी गरीबों, जरूरतमंदों आदि को मात्र 8 रुपये में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दोपहर का भोजन प्रातः 8ः30 बजे से मध्यान्ह 1ः00 बजे तक एवं रात्रिकालीन भोजन सायंकाल 5ः00 बजे से 8ः00 बजे तक उपलब्ध कराये जाने का सुनिर्णय लिया। 

योजना की खास बात यह है कि इसमें सम्मान पूवर्क बैठाकर शुद्ध भोजन खिलाया जाता है

भोजन मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं आचार सम्मिलित है जो कि सामान्य रूप से एक व्यक्ति के भोजन की शारीरिक आवश्यकता की पूर्ति हेतु निर्धारित मापदंडों के अनुरूप भोजन की आपूर्ति की जाती है। योजना की स्वर्णिम सफलता इसी से प्रतीत होती है कि भोजन वाहनों का समयानुसार इंतजार एवं वाहनों के समक्ष लोगों की लम्बी कतार लोगों की जठराग्नि को संतुष्टि पूर्ण तृप्त करने की गवाही स्वयं ही देती है। इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि यह योजना अपने निर्धारित उद्देेश्यों को सुव्यवस्थित एवं गतिशीलता के साथ प्राप्त करने को अग्रसर सफलतम योजना के रूप में स्थापित हो रही है। राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन की अवधि में योजना के तहत 65 लाख 4 हजार से भी ज्यादा जरूरत मंदों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाया गया। इसी का परिणाम है मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अपने वर्ष 2022-23 के बजट में इंदिरा रसोई की संख्या प्रदेश में बढ़ाकर एक हजार करने की घोषणा की है। 

पारदर्शिता के साथ की जा रही है मॉनिटर्रिंग

इंदिरा रसोई में पारदर्शिता के सिद्धांत का सुनिश्चितता बेहतर उपयोग किया गया हैं, इंदिरा रसोई का प्रत्येक वाहन जीपीएस सिस्टम से जुड़ा है, और जैसे ही कोई लाभार्थी रसोई काउंटर पर आता है, स्वचालित रूप से उसका फोटा खिंच जाता है, और तत्काल प्रभाव से उसके दिए गए मोबाइल नंबर पर एक संदेश भेजा जाता है, जिसमें इंदिरा रसोई में आने और भोजन स्वीकार करने के लिए लाभार्थी को धन्यवाद दिया जाता है। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता बनी रहती है। लाभार्थियों की सही संख्या ज्ञात हो जाती है वहीं दूसरी ओर योजना में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या कदाचार से बचा जा सकता है, जिससे योजना के व्यवस्थित और निर्बाध निष्पादन की सुनिश्चितता संभव होती है। 

योजना के सफल संचालन से मिला रोजगार

मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गयी यह योजना 100 करोड़ रुपये के प्रावधान एवं चयनित एन.जी.ओ. के सुदृढ़ नेटवर्क एवं सामंजस्य की मिसाल एवं मुख्यमंत्री के जनता के प्रति स्नेह एवं प्रतिबद्धतापूर्ण शासकीय एवं प्रबंधकीय निर्णयों की सकारात्मकता एवं सार्थक क्षमता को परिभाषित करती है। इंदिरा रसोई योजना द्वारा गरीब एवं निराश्रित, कामगार, प्रवासी मजदूरों, शहरी गरीबों, जरूरतमंदों आदि को भोजन कराने के उद्देश्यों के साथ-साथ रोजगार सृजन के रूप में भी यह मील का पत्थर साबित हुयी है। इस योजना से असंख्य रसोइयों, वाहन चालक एवं वितरण हेतु व्यक्तियों को रोजगार की उपलब्धता के साथ जीवन स्तर में स्वीकारात्मक सुधारों की प्राप्ति हुयी है। 

योजना का लक्ष्य 4.87 करोड़ लोगों को लाभान्वित करना

योजना के अन्तर्गत प्रतिदिन 1.34 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 4.87 करोड़ लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है तथा आवश्यकता के अनुरूप इसे और बढ़ाया जा सकता है। इसी तरह प्रत्येक रसोई संचालन हेतु एकमुश्त 5 लाख रुपये आधारभूत एवं 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष आवर्ती व्यय का प्रावधान किया गया है। 

फीडबैक से की जा रही है सधन मॉनीटरिंग

मुख्यमंत्री के संकल्प ’’कोई भी भूखा नहीं सोए’’ को साकार करने के लिए संयुक्त रूप से नगरीय विकास एवं आवासन, स्वायत्त शासन विभाग ने जिम्मेदरी ली है। नगरीय विकास एवं आवासन, स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल के निर्देश पर स्वायत्त शासन विभाग ने योजना को अविलम्ब पूरे राज्य में लागू किया और नगरीय निकाय रसोइयों की प्रतिदिन संचालन की नियमित मॉनिटरिंग एवं समीक्षा कर रहे है।

लगभग 4.46 करोड़ लाभान्वित

इसी तरह प्रदेश के समस्त 10 नगर निगम क्षेत्रों में 87 रसोईघर संचालित हैं तथा नगरपरिषद क्षेत्रों में 102 एवं 169 नगर पालिका क्षेत्रों में 169 रसोई घर संचालित किये जा रहे हैं। योजना के अन्तर्गत नगर निगम क्षेत्र रसोइघरों में 300 थाली दोपहर को एवं 300 थाली रात्रि भोजन में जरूरतमंदों को उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह नगर परिषद क्षेत्रों में भी दोपहर को 150 एवं रात्रि भोजन में भी 150 थाली तथा नगर पालिका क्षेत्र की रसोइयों में भी 150 थाली दोपहर को एवं 150 ही थाली रात्रि भोजन में उपलब्ध कराई जाती है। राज्य सरकार के अथक प्रयासों से योजना के तहत लगभग 4 करोड़ 46 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध करा लाभान्वित किया जा चुका है।

हम गरीबों की दुआ से ही गहलोत साहब हुए स्वस्थ

हम गरीबों का इन विषम परिस्थितियों में ध्यान रखकर हमें वक्त पर भोजन दिया। उन्होंने हमारा ध्यान रखा भगवान  ने उनका ध्यान रखा, भोजन प्राप्त करने वाले फूलचन्द एवं डाली देवी का कहना है गहलोत साब ने हम गरीबों का ध्यान रखा उसी वजह से आज दो बार कोरोना संक्रमित होने तथा हृदय रोग से ग्रस्त होने के बाद भी हमारी दुआ से गहलोत साब स्वस्थ है। भगवान ने उन्हें लम्बी उम्र प्रदान करें। 

-के.एल. मीना

उपनिदेशक (समाचार)