Wednesday, May 18, 2016

सफलता की कहानी-अलवर जिले का रैणी बांध

Wed May 18 21:04:14 IST 2016
अपने पुराने स्वरूप में क्षेत्र की खुशहाली लेकर आयेगा रैणी बांध


जयपुर:18 मई 2016: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो):
भरी दुपहरी में चिलचिलाती धूप में श्रमदान करती महिलाओं का जोश देखते ही बन रहा था। सबके मॅूह से एक ही बात निकल रही थी कि खुदाई व मरम्मत होने पर अलवर जिले के रैणी बॉध अपने पुराने स्वरुप में क्षेत्र की खुशहाली लेकर आयेगा।     मरम्मत और खुदाई कार्य पूर्ण होने के पश्चात लभग ढ़ाई किलोमीटर लम्बे और 300 हैक्टर क्षेत्रफल में फैले रैणी बॉध के पूर्ण भराव से आस-पास के गॉव रैणी सहित बाजोली, खडगपुर,  डेरा, हाचोज व भजेडा के लगभग 500 हैक्टर कृषि क्षेत्रफल की सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध होगा। क्षेत्र के जल स्तर में वृद्धि होने के साथ क्षेत्र में खुशहाली आयेगी।     
अलवर जिले की पंचायत समिति रैणी का प्राचीन रैणी बॉधी एक समय तक आसपास के क्षेत्र की फसल के लिए सिंचाई का स्त्रोत होने के साथ क्षेत्र की जल जीवन रेखा था वहीं देखरेख और मरम्मत के अभाव में यह प्राचीन बॉध जीर्ण-शीर्ण के साथ इसके भराव क्षेत्र में शनैःशनैः मिट्टी के जमाव से बॉध की भराव क्षमता नाममात्र की रह गई। बॉध अपना अस्तित्व धीरे-धीरे खोता जा रहा था इसका दुष्परिणाम क्षेत्र के घटते जल स्तर के रुप में आ रहा था।     क्षेत्र का जल स्तर गिरने का प्रभाव कृषि कार्यो के साथ घरेलू कार्य और पेयजल की उपलब्धता पर पड़ा। पानी की उपलब्धता में कमी से रोज मर्रा के कार्य करने में महिलाओं को परेशानी आने लगी थी। ऎसी स्थिति में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान उनके लिए उम्मीद की किरण लेकर आया। राज्य सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की लागत राशि से रैणी बॉध का जीर्णोद्धार कार्य कराया जाना स्वीकृत हुआ। इसके बारे में आस-पास की महिलाओं को मालूम हुआ कि यह अभियान राज्य सरकार जनसहयोग से जल आन्दोलन के रुप में चला रही हैं तो वे हाथो में तगारी,परात,गैंती और फावडा लेकर जा पहुॅची रैणी बॉध में संकल्प के साथ श्रमदान करनें। ----  

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