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Wednesday, October 21, 2020

राजस्थान में भी पुलिस शहीद दिवस

 शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी 



जयपुर
: 21 अक्टूबर 2020: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो)::

महानिदेशक पुलिस श्री एम एल लाठर ने पुलिस के अमर शहीदों की याद में बुधवार को राजस्थान पुलिस अकादमी स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।  

महानिदेशक पुलिस द्वारा एक सितम्बर 2019 से 31 अगस्त 2020 तक शहीद हुए पुलिसकर्मियों के नाम का स्मरण किये जाने के बाद ’’लास्ट पोस्ट’’ की धुन बजाई गई । पुलिस आयुक्तालय जयपुर एवं आरएसी चतुर्थ व पांचवी बटालियन की टुकड़ी द्वारा गार्ड आफ ऑनर दिया गया। 

सेवानिवृत महानिदेशक पुलिस श्री कापिल गर्ग, एडीजी मुख्यालय श्री भूपेंद्र दक, अराजपत्रित पुलिस अधिकारी  श्री मदनसिंह  आइबी निदेशक श्री के सी मीणा सीबीआई के श्री विवेक प्रियदर्शी, आरपीए निदेशक श्री राजीव शर्मा एवं कमिश्नर पुलिस श्री आनंद श्रीवास्तव ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किये।

अतिरिक्त महानदेशक एवं आरपीए निदेशक श्री राजीव शर्मा ने महानिदेशक की अगवानी की।

इस अवसर पर महानिदेशक जेल श्री राजीव दासोत, महानिदेशक एसीबी श्री बी एल सोनी, अतिरिक्त महानदेशक सर्व श्री सौरभ श्रीवास्तव, श्रीनिवास राव जंगा, संजय अग्रवाल, दिनेश एनएम, पुलिस कमिश्नर आंनद श्रीवास्तव  सहित पुलिस अधिकारी गण एवं पुलिस कर्मी मौजूद थे। 

पुलिस शहीद दिवस के अवसर पर राजस्थान पुलिस अकादमी स्थित चिकित्सालय परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया महानिदेशक पुलिस श्री  लाठर ने रक्तदान शिविर का निरीक्षण किया एवं रक्तदान कर रहे पुलिसकर्मियों की हौसला अफजाई की। उन्होंने पुलिस मेमोरियल पर भी पुष्पचक्र अर्पित किए।

पुलिस शहीद दिवस परेड प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय सहित आरएसी, प्रशिक्षण केन्द्रों, जोन कार्यालयों एवं रेंज स्तर पर भी आयोजित कर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर शहीदों की याद में स्वैच्छिक रक्तदान, वृक्षारोपण आदि कार्यक्रम आयोजित किये गए। प्रदेश की सभी पुलिस लाईन एवं जिलों के अन्य प्रतिष्ठित स्थलों पर डयूटी  के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों के नाम प्रदर्षित किये गए।

पुलिस शहीद दिवस के अवसर पर एस एम एस हॉस्पिटल स्थित ब्लड बैंक में स्वैच्छिक प्लाजमा(डोनेशन) शिविर का आयोजन किया गया। महानिदेशक श्री लाठर ने इस शिविर का भी निरीक्षण कर डोनर्स को बधाई दी।


Thursday, May 19, 2016

राजकीय फार्मों पर खजूर के पौधों की करेंगे बारकोडिंग

Wed May 18 21:36:55 IST 2016 
.... और उनमें लगाएंगे इलेक्टोनिक चिप - कृषि मंत्री 
जयपर: 18 मई 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि प्रदेश के राजकीय फार्मों के खजूर के पौधों की बारकोडिंग की जाएगी और इनमें इलेक्टोनिक चिप लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस पद्धति से पौधे की हर जानकारी मोबाइल पर रहेगी और कहीं से भी इस पर निगरानी रखी जा सकेगी। कृषि मंत्री श्री सैनी ने यह जानकारी प्रतिनिधमंडल द्वारा इजरायल के उत्तरी भाग के तीराजअवी स्थित देश के सबसे बड़े खजूर फार्म के अवलोकन के बाद दी। उन्होंने बताया कि इस फार्म पर 150 हेक्टेयर में बरही और मैडजूल किस्म के खजूर के पौधे लगे हुए हैं। ये पौधे लगभग 50 वष पुराने हैं। इस फार्म का आधुनिक तकनीक से प्रबंधन किया जा रहा है। यहां प्रत्येक पौधे से लगभग 150 से 200 किलो तक अच्छी गुणवत्ता का फल उत्पादन लिया जा रहा है। इस फार्म पर प्रत्येक पौधे को बारकोडिंग और इलेक्टोनिक चिप से जोड़ा गया है, जो मास्टर कम्प्यूटर के द्वारा इंटरनेट से जुड़ी हुई है। प्रत्येक पौधे की पानी व उर्वरक की जरूरतों के साथ उसकी बढ़ोत्तरी एवं फलोत्पादन पर ऑनलाइन निगरानी रखी जाकर, उसके अनुसार उसका प्रबंधन किया जाता है। कृषि मंत्री ने इस फार्म पर अपनाई जा रही तकनीक को प्रदेश के जैसलमेर के सगरा भोजका स्थित खजूर के उत्कृष्टता केन्द्र और बीकानेर के खारा खजूर फार्म पर अपनाने की बात कही। राजकीय फार्मों पर तैयार होंगे खजूर के पौधे कृषि मंत्री श्री सैनी ने बताया कि अभी खजूर के टिश्यू कल्चर के पौधे बाहर से आयात किए जा रहे थे। इजरायल में खजूर के पेड़ से ही ऑफशूट निकालकर पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इस पद्धति के आधार पर प्रदेश के राजकीय फार्मों पर भी खजूर के पौधे तैयार किए जाएंगे। ऎसा करने से जहां हम पौधे तैयार करने में आत्मनिर्भर होंगे वहीं भविष्य में किसानों को सस्ती दरों पर पौधे उपलब्ध कराए जा सकेंगे। इस दौरान उनके साथ प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्रीमती नीलकमल दरबारी, पशुपालन विभाग के सचिव श्री कुंजीलाल मीणा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्री डीपी गुप्ता, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री रामगोपाल शर्मा सहित प्रतिनिधिमंडल के सदस्य उपस्थित थे। जैविक विधियों से कीट नियंत्रण की तकनीक का किया अवलोकन प्रतिनिधिमंडल ने इजरायल में बायोबी कंपनी के फार्म और प्रयोगशाला का अवलोकन किया। यहां कंपनी द्वारा प्रतिनिधमंडल को उत्पादित किए जा रहे बॉम्बसटेरिसटिस नाम की मक्खी और अन्य मित्रकीट के उत्पादन व उपयोग की जानकारी दी गई। यहां पर व्हाइट फ्लाई, फ्लावर थिफ्स, एफ्टिस और रेडमाइट्स कीटों को जैविक विधियों की माध्यम से नियंत्रित करने की तकनीक बताई गई। राज्य के ग्रीन हाउस, पॉलीहाउस में लगने वाली बीमारियों के नियंत्रण के लिए इस तकनीक को अपनाया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल ने रंगीन मछलियों के उत्पादन केन्द्र का भी अवलोकन किया। उन्होंने यहां मछली पालन सम्बंधी तकनीक को देखा।

Wednesday, May 18, 2016

राज्यपाल ने राजस्थानी लोक गीत व लोक नृत्यों को देखा

Wed May 18 21:40:46 IST 2016
राजस्थानी लोकगीत व नृत्य का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ
जयपुर: 18 मई 2016: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो):
राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने बुधवार को यहां बिड़ला सभागार में राजस्थानी लोकगीत व नृत्य कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। कार्यक्रम ई टीवी राजस्थान द्वारा प्रसारित गोरबंद के ग्यारह सौ एपीसोड पूरे होने पर आयोजित किया गया। समारोह स्थल पर राज्यपाल श्री सिंह का ई टीवी चैनल हैड श्री जगदीश चन्द्र ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। राज्यपाल ने राजस्थानी लोक गीत व लोक नृत्यों को देखा।

सफलता की कहानी-अलवर जिले का रैणी बांध

Wed May 18 21:04:14 IST 2016
अपने पुराने स्वरूप में क्षेत्र की खुशहाली लेकर आयेगा रैणी बांध


जयपुर:18 मई 2016: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो):
भरी दुपहरी में चिलचिलाती धूप में श्रमदान करती महिलाओं का जोश देखते ही बन रहा था। सबके मॅूह से एक ही बात निकल रही थी कि खुदाई व मरम्मत होने पर अलवर जिले के रैणी बॉध अपने पुराने स्वरुप में क्षेत्र की खुशहाली लेकर आयेगा।     मरम्मत और खुदाई कार्य पूर्ण होने के पश्चात लभग ढ़ाई किलोमीटर लम्बे और 300 हैक्टर क्षेत्रफल में फैले रैणी बॉध के पूर्ण भराव से आस-पास के गॉव रैणी सहित बाजोली, खडगपुर,  डेरा, हाचोज व भजेडा के लगभग 500 हैक्टर कृषि क्षेत्रफल की सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध होगा। क्षेत्र के जल स्तर में वृद्धि होने के साथ क्षेत्र में खुशहाली आयेगी।     
अलवर जिले की पंचायत समिति रैणी का प्राचीन रैणी बॉधी एक समय तक आसपास के क्षेत्र की फसल के लिए सिंचाई का स्त्रोत होने के साथ क्षेत्र की जल जीवन रेखा था वहीं देखरेख और मरम्मत के अभाव में यह प्राचीन बॉध जीर्ण-शीर्ण के साथ इसके भराव क्षेत्र में शनैःशनैः मिट्टी के जमाव से बॉध की भराव क्षमता नाममात्र की रह गई। बॉध अपना अस्तित्व धीरे-धीरे खोता जा रहा था इसका दुष्परिणाम क्षेत्र के घटते जल स्तर के रुप में आ रहा था।     क्षेत्र का जल स्तर गिरने का प्रभाव कृषि कार्यो के साथ घरेलू कार्य और पेयजल की उपलब्धता पर पड़ा। पानी की उपलब्धता में कमी से रोज मर्रा के कार्य करने में महिलाओं को परेशानी आने लगी थी। ऎसी स्थिति में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान उनके लिए उम्मीद की किरण लेकर आया। राज्य सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की लागत राशि से रैणी बॉध का जीर्णोद्धार कार्य कराया जाना स्वीकृत हुआ। इसके बारे में आस-पास की महिलाओं को मालूम हुआ कि यह अभियान राज्य सरकार जनसहयोग से जल आन्दोलन के रुप में चला रही हैं तो वे हाथो में तगारी,परात,गैंती और फावडा लेकर जा पहुॅची रैणी बॉध में संकल्प के साथ श्रमदान करनें। ----