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Thursday, May 19, 2016

राजकीय फार्मों पर खजूर के पौधों की करेंगे बारकोडिंग

Wed May 18 21:36:55 IST 2016 
.... और उनमें लगाएंगे इलेक्टोनिक चिप - कृषि मंत्री 
जयपर: 18 मई 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि प्रदेश के राजकीय फार्मों के खजूर के पौधों की बारकोडिंग की जाएगी और इनमें इलेक्टोनिक चिप लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस पद्धति से पौधे की हर जानकारी मोबाइल पर रहेगी और कहीं से भी इस पर निगरानी रखी जा सकेगी। कृषि मंत्री श्री सैनी ने यह जानकारी प्रतिनिधमंडल द्वारा इजरायल के उत्तरी भाग के तीराजअवी स्थित देश के सबसे बड़े खजूर फार्म के अवलोकन के बाद दी। उन्होंने बताया कि इस फार्म पर 150 हेक्टेयर में बरही और मैडजूल किस्म के खजूर के पौधे लगे हुए हैं। ये पौधे लगभग 50 वष पुराने हैं। इस फार्म का आधुनिक तकनीक से प्रबंधन किया जा रहा है। यहां प्रत्येक पौधे से लगभग 150 से 200 किलो तक अच्छी गुणवत्ता का फल उत्पादन लिया जा रहा है। इस फार्म पर प्रत्येक पौधे को बारकोडिंग और इलेक्टोनिक चिप से जोड़ा गया है, जो मास्टर कम्प्यूटर के द्वारा इंटरनेट से जुड़ी हुई है। प्रत्येक पौधे की पानी व उर्वरक की जरूरतों के साथ उसकी बढ़ोत्तरी एवं फलोत्पादन पर ऑनलाइन निगरानी रखी जाकर, उसके अनुसार उसका प्रबंधन किया जाता है। कृषि मंत्री ने इस फार्म पर अपनाई जा रही तकनीक को प्रदेश के जैसलमेर के सगरा भोजका स्थित खजूर के उत्कृष्टता केन्द्र और बीकानेर के खारा खजूर फार्म पर अपनाने की बात कही। राजकीय फार्मों पर तैयार होंगे खजूर के पौधे कृषि मंत्री श्री सैनी ने बताया कि अभी खजूर के टिश्यू कल्चर के पौधे बाहर से आयात किए जा रहे थे। इजरायल में खजूर के पेड़ से ही ऑफशूट निकालकर पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इस पद्धति के आधार पर प्रदेश के राजकीय फार्मों पर भी खजूर के पौधे तैयार किए जाएंगे। ऎसा करने से जहां हम पौधे तैयार करने में आत्मनिर्भर होंगे वहीं भविष्य में किसानों को सस्ती दरों पर पौधे उपलब्ध कराए जा सकेंगे। इस दौरान उनके साथ प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्रीमती नीलकमल दरबारी, पशुपालन विभाग के सचिव श्री कुंजीलाल मीणा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्री डीपी गुप्ता, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री रामगोपाल शर्मा सहित प्रतिनिधिमंडल के सदस्य उपस्थित थे। जैविक विधियों से कीट नियंत्रण की तकनीक का किया अवलोकन प्रतिनिधिमंडल ने इजरायल में बायोबी कंपनी के फार्म और प्रयोगशाला का अवलोकन किया। यहां कंपनी द्वारा प्रतिनिधमंडल को उत्पादित किए जा रहे बॉम्बसटेरिसटिस नाम की मक्खी और अन्य मित्रकीट के उत्पादन व उपयोग की जानकारी दी गई। यहां पर व्हाइट फ्लाई, फ्लावर थिफ्स, एफ्टिस और रेडमाइट्स कीटों को जैविक विधियों की माध्यम से नियंत्रित करने की तकनीक बताई गई। राज्य के ग्रीन हाउस, पॉलीहाउस में लगने वाली बीमारियों के नियंत्रण के लिए इस तकनीक को अपनाया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल ने रंगीन मछलियों के उत्पादन केन्द्र का भी अवलोकन किया। उन्होंने यहां मछली पालन सम्बंधी तकनीक को देखा।

Wednesday, May 18, 2016

राज्यपाल ने राजस्थानी लोक गीत व लोक नृत्यों को देखा

Wed May 18 21:40:46 IST 2016
राजस्थानी लोकगीत व नृत्य का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ
जयपुर: 18 मई 2016: (राजस्थान स्क्रीन ब्यूरो):
राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने बुधवार को यहां बिड़ला सभागार में राजस्थानी लोकगीत व नृत्य कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। कार्यक्रम ई टीवी राजस्थान द्वारा प्रसारित गोरबंद के ग्यारह सौ एपीसोड पूरे होने पर आयोजित किया गया। समारोह स्थल पर राज्यपाल श्री सिंह का ई टीवी चैनल हैड श्री जगदीश चन्द्र ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। राज्यपाल ने राजस्थानी लोक गीत व लोक नृत्यों को देखा।

Monday, April 15, 2013

राजस्‍थान में पक्षि‍यों के बचाव

15-अप्रैल-2013 18:43 IST
राजस्‍थान के भरतपुर अभयारण्‍य में पक्षि‍यों के बचाव के लि‍ए कदम उठाए गए 
Courtesy Photo
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने केवलादेव राष्‍ट्रीय उद्यान, भरतपुर, राजस्‍थान में पक्षि‍यों के बचाव के लि‍ए पानी की आपूर्ति‍ को बढाने के लि‍ए कई कदम उठाए हैं। इनका ब्‍यौरा नीचे दि‍या गया है:- 
1. गौवर्धन ड्रेन से केवलादेव राष्‍ट्रीय उद्यान को जल की आपूर्ति‍ करने के लि‍ए 65 करोड़ रूपये की लागत की परि‍योजना शुरू की गई। इसके तहत पाईप-लाईन बि‍छाने का कार्य पूरा हो चुका है तथा सि‍तंबर, 2012 के दौरान पार्क में पानी की पहुंच की जांच भी कर ली गई है। 
2. वर्ष 2010-11 एवं 2012-13 के दौरान पंचना बाँध से परंपरागत स्रोत के तौर पर क्रमश: करीब 216 मि‍लि‍यन क्‍यूबि‍क फीट एवं 234 मि‍लि‍यन क्‍यूबि‍क फीट पानी उपलब्‍ध कराया गया है। राज्‍य वन्‍य-जीव बोर्ड ने यह सि‍फारि‍श की है कि‍ पंचना बाँध से पानी की आपूर्ति‍ हर वर्ष की जाए। 
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वि.कासोटिया\यादराम/सुजीत – 1860