10th June 2022 at 08:30 PM
‘‘वीडियो सखी’’ बनकर सीखेंगी वीडियो प्रॉडक्शन एडिटिंग
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‘‘वीडियो सखी’’ बनकर सीखेंगी वीडियो प्रॉडक्शन एडिटिंग
एक विशेष लेख जिसमें है इस शानदार योजना की पूरी जानकारी
4 करोड़ 46 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराती है यह योजना
प्रदेश व देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जब कोरोना वायरस की प्रथम लहर ने वर्ष 2020 के शुरूआत से ही पूरे मानव जीवन को झकझोर के रख दिया था और इस भयावह बीमारी से पूरे प्रदेश व देश में असंख्य व्यक्तियों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग थे। राजस्थान में इस भयावह बीमारी की रोकथाम के लिए जब लॉकडाउन घोषित किया अनेक लोगों का रोजगार भी छीन गया था, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दो वक्त के भोजन के लिए भी संघर्ष करना पड़ा और जीवनयापन करना दूभर हो गया था।
ऐसी विषम परिस्थितियों में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य की जनता के प्रति सरकार आपके के साथ की भावना से ओतप्रोत अपनी वचनबद्धता का परिचय देते हुये राज्य के 213 शहरी क्षेत्रों में 358 रसोई के माध्यम से 20 अगस्त, 2020 से ’’कोई भूखा न सोए’’ के लक्ष्य से देश की महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी जिन्होंने अपना पूरा जीवनकाल निराश्रितों की सहायता एवं सेवाभाव में लगा दिया था उन्हीं के नाम पर इंदिरा रसोई योजना का शुभारम्भ किया। इंदिरा रसोई की शुरूआत से राजस्थान की एक विकसित तस्वीर उमडकर सामने आई है।
इंदिरा रसोई योजना में क्या खास हैं?
इंदिरा रसोई के तहत शहर के विभिन्न हिस्सों में गरीब एवं निराश्रित, कामगार, प्रवासी मजदूरों, शहरी गरीबों, जरूरतमंदों आदि को मात्र 8 रुपये में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दोपहर का भोजन प्रातः 8ः30 बजे से मध्यान्ह 1ः00 बजे तक एवं रात्रिकालीन भोजन सायंकाल 5ः00 बजे से 8ः00 बजे तक उपलब्ध कराये जाने का सुनिर्णय लिया।
योजना की खास बात यह है कि इसमें सम्मान पूवर्क बैठाकर शुद्ध भोजन खिलाया जाता है
भोजन मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं आचार सम्मिलित है जो कि सामान्य रूप से एक व्यक्ति के भोजन की शारीरिक आवश्यकता की पूर्ति हेतु निर्धारित मापदंडों के अनुरूप भोजन की आपूर्ति की जाती है। योजना की स्वर्णिम सफलता इसी से प्रतीत होती है कि भोजन वाहनों का समयानुसार इंतजार एवं वाहनों के समक्ष लोगों की लम्बी कतार लोगों की जठराग्नि को संतुष्टि पूर्ण तृप्त करने की गवाही स्वयं ही देती है। इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि यह योजना अपने निर्धारित उद्देेश्यों को सुव्यवस्थित एवं गतिशीलता के साथ प्राप्त करने को अग्रसर सफलतम योजना के रूप में स्थापित हो रही है। राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन की अवधि में योजना के तहत 65 लाख 4 हजार से भी ज्यादा जरूरत मंदों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाया गया। इसी का परिणाम है मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अपने वर्ष 2022-23 के बजट में इंदिरा रसोई की संख्या प्रदेश में बढ़ाकर एक हजार करने की घोषणा की है।
पारदर्शिता के साथ की जा रही है मॉनिटर्रिंग
इंदिरा रसोई में पारदर्शिता के सिद्धांत का सुनिश्चितता बेहतर उपयोग किया गया हैं, इंदिरा रसोई का प्रत्येक वाहन जीपीएस सिस्टम से जुड़ा है, और जैसे ही कोई लाभार्थी रसोई काउंटर पर आता है, स्वचालित रूप से उसका फोटा खिंच जाता है, और तत्काल प्रभाव से उसके दिए गए मोबाइल नंबर पर एक संदेश भेजा जाता है, जिसमें इंदिरा रसोई में आने और भोजन स्वीकार करने के लिए लाभार्थी को धन्यवाद दिया जाता है। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता बनी रहती है। लाभार्थियों की सही संख्या ज्ञात हो जाती है वहीं दूसरी ओर योजना में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या कदाचार से बचा जा सकता है, जिससे योजना के व्यवस्थित और निर्बाध निष्पादन की सुनिश्चितता संभव होती है।
योजना के सफल संचालन से मिला रोजगार
मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गयी यह योजना 100 करोड़ रुपये के प्रावधान एवं चयनित एन.जी.ओ. के सुदृढ़ नेटवर्क एवं सामंजस्य की मिसाल एवं मुख्यमंत्री के जनता के प्रति स्नेह एवं प्रतिबद्धतापूर्ण शासकीय एवं प्रबंधकीय निर्णयों की सकारात्मकता एवं सार्थक क्षमता को परिभाषित करती है। इंदिरा रसोई योजना द्वारा गरीब एवं निराश्रित, कामगार, प्रवासी मजदूरों, शहरी गरीबों, जरूरतमंदों आदि को भोजन कराने के उद्देश्यों के साथ-साथ रोजगार सृजन के रूप में भी यह मील का पत्थर साबित हुयी है। इस योजना से असंख्य रसोइयों, वाहन चालक एवं वितरण हेतु व्यक्तियों को रोजगार की उपलब्धता के साथ जीवन स्तर में स्वीकारात्मक सुधारों की प्राप्ति हुयी है।
योजना का लक्ष्य 4.87 करोड़ लोगों को लाभान्वित करना
योजना के अन्तर्गत प्रतिदिन 1.34 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 4.87 करोड़ लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है तथा आवश्यकता के अनुरूप इसे और बढ़ाया जा सकता है। इसी तरह प्रत्येक रसोई संचालन हेतु एकमुश्त 5 लाख रुपये आधारभूत एवं 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष आवर्ती व्यय का प्रावधान किया गया है।
फीडबैक से की जा रही है सधन मॉनीटरिंग
मुख्यमंत्री के संकल्प ’’कोई भी भूखा नहीं सोए’’ को साकार करने के लिए संयुक्त रूप से नगरीय विकास एवं आवासन, स्वायत्त शासन विभाग ने जिम्मेदरी ली है। नगरीय विकास एवं आवासन, स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल के निर्देश पर स्वायत्त शासन विभाग ने योजना को अविलम्ब पूरे राज्य में लागू किया और नगरीय निकाय रसोइयों की प्रतिदिन संचालन की नियमित मॉनिटरिंग एवं समीक्षा कर रहे है।
लगभग 4.46 करोड़ लाभान्वित
इसी तरह प्रदेश के समस्त 10 नगर निगम क्षेत्रों में 87 रसोईघर संचालित हैं तथा नगरपरिषद क्षेत्रों में 102 एवं 169 नगर पालिका क्षेत्रों में 169 रसोई घर संचालित किये जा रहे हैं। योजना के अन्तर्गत नगर निगम क्षेत्र रसोइघरों में 300 थाली दोपहर को एवं 300 थाली रात्रि भोजन में जरूरतमंदों को उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह नगर परिषद क्षेत्रों में भी दोपहर को 150 एवं रात्रि भोजन में भी 150 थाली तथा नगर पालिका क्षेत्र की रसोइयों में भी 150 थाली दोपहर को एवं 150 ही थाली रात्रि भोजन में उपलब्ध कराई जाती है। राज्य सरकार के अथक प्रयासों से योजना के तहत लगभग 4 करोड़ 46 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध करा लाभान्वित किया जा चुका है।
हम गरीबों की दुआ से ही गहलोत साहब हुए स्वस्थ
हम गरीबों का इन विषम परिस्थितियों में ध्यान रखकर हमें वक्त पर भोजन दिया। उन्होंने हमारा ध्यान रखा भगवान ने उनका ध्यान रखा, भोजन प्राप्त करने वाले फूलचन्द एवं डाली देवी का कहना है गहलोत साब ने हम गरीबों का ध्यान रखा उसी वजह से आज दो बार कोरोना संक्रमित होने तथा हृदय रोग से ग्रस्त होने के बाद भी हमारी दुआ से गहलोत साब स्वस्थ है। भगवान ने उन्हें लम्बी उम्र प्रदान करें।
-के.एल. मीना
उपनिदेशक (समाचार)
जयपुर डिस्कॉम एमडी ने फ्लेग दिखाकर काफिले को रवाना किया
प्रदेश में इलेक्टि्रक वाहनाें के उपयोग को बढावा देने के लिए जयपुर डिस्कॉम द्वारा शनिवार को एक रोड शो का आयोजन किया गया। इलेक्टि्रक वाहनाें को जयपुर डिस्कॉम के एमडी श्री नवीन अरोड़ा ने प्रातः 11 बजे जवाहर सर्किल से फ्लैग दिखाकर रवाना किया। जवाहर सर्किल, जेएलएन मार्ग, जेडीए सर्किल, हाईकोर्ट सर्किल होते हुए विद्युत भवन पर रोड शो का समापन हुआ।
जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक श्री नवीन अरोड़ा ने बताया कि शनिवार को आयोजित रोड शो में करीब 30 दुपहिया व चौपहिया इलेक्टि्रक वाहन शामिल हुए। जवाहर सर्किल पर आयोजित समारोह में श्री अरोड़ा ने कहा कि पैट्रोल व डीजल के वाहनों से बढते हुए कार्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु ग्रीन ट्रांसपोर्ट को अपनाएं। इसके साथ ही इलेक्टि्रक वाहनों को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा भी सोलर पालिसी एवं विण्ड व हाईब्रिड पालिसी -2019 में कई दूसरे प्रावधान दिए है। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा भी इलेक्टि्रक वाहनों के प्रोत्साहन हेतु अलग श्रेणी निर्धारित की गई है, जिसमें कम दर पर चार्जिग का प्रावधान किया गया है।
उन्होंन कहा कि इस आयोजन से आमजन में ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता बढेगी एवं प्रदेश में इलेक्टि्रक वाहनाें के उपयोग को बढावा भी मिलेगा एवं इलेक्टि्रक वाहनों के उपयोग को बढावा मिलने से कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। इलेक्टि्रक वाहनों को चार्ज करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर की राज्य में नोडल एजेन्सी जयपुर डिस्कॉम द्वारा इस रोड शो का आयोजन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि ब्यूरोे ऑफ एनर्जी एफिसिएन्सी, भारत सरकार द्वारा 8 दिसम्बर से 14 दिसम्बर, 2021 तक ऊर्जा संरक्षण जागरुकता सप्ताह मनाया जा रहा है।
2400 से अधिक रिटायर्ड कर्मियों को किया परिलाभों का भुगतान
महिलाओं में उद्यमशीलता का भी विकास हुआ-स्टेट मिशन निदेशक
सफलता की कहानी//प्रशासन गांवों के संग अभियान
दो बच्चों को मिला पालनहार का सहारा
शाहबाद के खुशियारा क्षेत्र के दो बच्चों के सिर से 9 वर्ष पूर्व पिता का साया अनायास उठ जाने से उनके पालन पोषण का जिम्मा मां पर आ गया था। प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत खुशियारा में आयोजित शिविर में मां रामकनी के आवेदन पर दोनों बच्चों के लिए पालनहार योजना का लाभ स्वीेृत किया गया। आर्थिक मुश्किलों में गुजर-बसर कर रही रामकनी को अब हर माह दो हजार रूपए मिलेंंगे सरकार की सहायता से वह अब दोनों बच्चों का बेहतर तरीके से पालन पोषण कर सकेगी।
रब रूठा तो सरकार ने संभाला
फतेहपुर गांव की 12 वर्षीय दीपिका से जैसे रब ही रूठ गया था जब उसके पिता की पिछले वर्ष दुर्घटना में मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु के बाद उसकी मां ने भी उसे छोड़कर दूसरा ब्याह रचा लिया था। इस विपदा के बाद वह अपनी बुजुर्ग दादी चमेली बाई के साथ जीवन यापन कर रही थी। अभियान के तहत फतेहपुर में आयोजित शिविर में दीपिका के पालन पोषण के लिए चमेली बाई को पालनहार योजना की स्वीकृति प्रदान की गई। चमेली बाई कहती हैं कि सरकार की मदद के कारण वह अपनी पोती को बेहतर शिक्षा दिलवा सकेगी।
रामसुखी अब होगी ‘सुखी’
दो वर्ष पूर्व पति के गुजर जाने से शाहबाद क्षेत्र की संदोकड़ा की रामसुखी पर जैसे दुखों का पहाड़ सा टूट पड़ा था। चार बच्चों के पालन पोषण की पूरी जिम्मेदारी उस पर आ गई थी। प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत संदोकड़ा ग्राम पंचायत में आयोजित शिविर में उसके तीन बच्चों के लिए पालनहार योजना स्वीकृत हुई तो उसे विश्वास हुआ कि अब उसकी मुश्किलें कम हो सकेंगी। अब तक वह केवल जैसे-तैसे बच्चों का भरण पोषण कर पा रही थी। रामसुखी कहती हैं कि राज्य सरकार मुसीबत के समय में अच्छी मददगार बनी है। वह हमेशा इसके लिए आभारी रहेंगी।
शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी
महानिदेशक पुलिस श्री एम एल लाठर ने पुलिस के अमर शहीदों की याद में बुधवार को राजस्थान पुलिस अकादमी स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
महानिदेशक पुलिस द्वारा एक सितम्बर 2019 से 31 अगस्त 2020 तक शहीद हुए पुलिसकर्मियों के नाम का स्मरण किये जाने के बाद ’’लास्ट पोस्ट’’ की धुन बजाई गई । पुलिस आयुक्तालय जयपुर एवं आरएसी चतुर्थ व पांचवी बटालियन की टुकड़ी द्वारा गार्ड आफ ऑनर दिया गया।
सेवानिवृत महानिदेशक पुलिस श्री कापिल गर्ग, एडीजी मुख्यालय श्री भूपेंद्र दक, अराजपत्रित पुलिस अधिकारी श्री मदनसिंह आइबी निदेशक श्री के सी मीणा सीबीआई के श्री विवेक प्रियदर्शी, आरपीए निदेशक श्री राजीव शर्मा एवं कमिश्नर पुलिस श्री आनंद श्रीवास्तव ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किये।
अतिरिक्त महानदेशक एवं आरपीए निदेशक श्री राजीव शर्मा ने महानिदेशक की अगवानी की।
इस अवसर पर महानिदेशक जेल श्री राजीव दासोत, महानिदेशक एसीबी श्री बी एल सोनी, अतिरिक्त महानदेशक सर्व श्री सौरभ श्रीवास्तव, श्रीनिवास राव जंगा, संजय अग्रवाल, दिनेश एनएम, पुलिस कमिश्नर आंनद श्रीवास्तव सहित पुलिस अधिकारी गण एवं पुलिस कर्मी मौजूद थे।
पुलिस शहीद दिवस के अवसर पर राजस्थान पुलिस अकादमी स्थित चिकित्सालय परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया महानिदेशक पुलिस श्री लाठर ने रक्तदान शिविर का निरीक्षण किया एवं रक्तदान कर रहे पुलिसकर्मियों की हौसला अफजाई की। उन्होंने पुलिस मेमोरियल पर भी पुष्पचक्र अर्पित किए।
पुलिस शहीद दिवस परेड प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय सहित आरएसी, प्रशिक्षण केन्द्रों, जोन कार्यालयों एवं रेंज स्तर पर भी आयोजित कर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर शहीदों की याद में स्वैच्छिक रक्तदान, वृक्षारोपण आदि कार्यक्रम आयोजित किये गए। प्रदेश की सभी पुलिस लाईन एवं जिलों के अन्य प्रतिष्ठित स्थलों पर डयूटी के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों के नाम प्रदर्षित किये गए।
पुलिस शहीद दिवस के अवसर पर एस एम एस हॉस्पिटल स्थित ब्लड बैंक में स्वैच्छिक प्लाजमा(डोनेशन) शिविर का आयोजन किया गया। महानिदेशक श्री लाठर ने इस शिविर का भी निरीक्षण कर डोनर्स को बधाई दी।